Class 7 Hindi Chapter 1 माँ, कह एक कहानी  Questions Answers NCERT मल्हार

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Chapter 1 माँ, कह एक कहानी Class 7 NCERT Solutions

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।


मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सबसे सही उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

(1) माँ अपने बेटे को करुणा और न्याय की कहानी क्यों सुनाती है?

  • राजाओं की कहानियों से उसका मनोरंजन करने के लिए।
  • उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए।
  • उसे परिवार की विरासत और पूर्वजों के बारे में बताने के लिए।
  • उसे प्रकृति और जानवरों के बारे में जानकारी देने के लिए।

उत्तर

उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए। (*)

विश्लेषण: माँ अपने बेटे राहुल को यह कहानी इसलिए सुनाती है ताकि वह करुणा, न्याय, और सही-गलत की समझ विकसित कर सके। कविता का मुख्य उद्देश्य नैतिक मूल्यों को सिखाना है, न कि केवल मनोरंजन या परिवार की विरासत बताना।


(2) कविता में घायल पक्षी की कहानी का उपयोग किस लिए किया गया है?

  • निर्दोष पक्षी के प्रति आखेटक की क्रूरता दिखाने के लिए। 
  • पिता की वीरता और साहस पर ध्यान दिलाने के लिए।
  • करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए।
  • मित्रता और निष्ठा के महत्व को उजागर करने के लिए।

उत्तर

  • निर्दोष पक्षी के प्रति आखेटक की क्रूरता दिखाने के लिए। (*)
  • करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए। (*)

विश्लेषण: घायल पक्षी की कहानी आखेटक की क्रूरता और करुणा-हिंसा के बीच के संघर्ष को दर्शाती है। यह कहानी नैतिकता और दया के महत्व को उजागर करती है। पिता की वीरता या मित्रता का यहाँ कोई विशेष उल्लेख नहीं है।


(3) कविता के अंत तक पहुँचते-पहुँचते बच्चे को क्या समझ में आने लगता है?

  • न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए।
  • निर्णय लेते समय सदैव निडर रहना चाहिए।
  • आखेटकों का सदैव विरोध करना चाहिए।
  • जानवरों की हर स्थिति में रक्षा करनी चाहिए।

उत्तर

न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए। (*)

विश्लेषण: कविता के अंत में राहुल कहता है, "न्याय दया का दानी!" इससे पता चलता है कि उसे यह समझ आ गया है कि न्याय में करुणा का होना बहुत जरूरी है।



(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर

मैंने ऊपर दिए गए उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कविता का मुख्य उद्देश्य राहुल को नैतिक मूल्य सिखाना है। माँ की कहानी करुणा और न्याय पर आधारित है, जो बच्चे में सही-गलत की समझ विकसित करती है। घायल पक्षी की कहानी क्रूरता और दया के बीच के संघर्ष को दिखाती है, और अंत में राहुल का जवाब दर्शाता है कि वह न्याय में करुणा के महत्व को समझ गया है। अपने मित्रों के साथ चर्चा करके मैं उनके दृष्टिकोण को समझ सकता हूँ, जैसे कि कुछ लोग मनोरंजन या प्रकृति के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन कविता का मुख्य संदेश नैतिकता और करुणा है।


मिलकर करें मिलान

इस पाठ में आपने माँ और पुत्र के बीच की बातचीत को एक कविता के रूप में पढ़ा है। इस कविता में माँ अपने पुत्र को उसके पिता की एक कहानी सुना रही हैं। क्या आप जानते हैं कि ये माँ, पुत्र और पिता कौन हैं? अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और उन्हें पहचानकर सूचीबद्ध कीजिए।

उत्तर


पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए—

(क) “कोई निरपराध को मारे, तो क्यों अन्य उसे न उबारे? रक्षक पर भक्षक को वारे, न्याय दया का दानी!”

उत्तर

इन पंक्तियों का अर्थ है कि अगर कोई निर्दोष को मारता है, तो दूसरों को उसकी रक्षा करनी चाहिए। जो रक्षक है, उसे भक्षक (हिंसक) पर विजय प्राप्त करनी चाहिए। न्याय हमेशा दया के साथ होना चाहिए, अर्थात् न्याय करने वाला दयालु होना चाहिए। यह पंक्ति राहुल के विचार को दर्शाती है कि निर्दोष की रक्षा और दया के साथ न्याय करना सही है।


(ख) “हुआ विवाद सदय-निर्दय में, उभय आग्रही थे स्वविषय में, गई बात तब न्यायालय में, सुनी सभी ने जानी।”

उत्तर

इन पंक्तियों का अर्थ है कि दयालु (जो पक्षी को बचाना चाहता था) और निर्दयी (आखेटक) के बीच विवाद हो गया। दोनों अपनी-अपनी बात पर अड़े थे। मामला न्यायालय में गया, जहाँ सभी ने कहानी सुनी और समझा। यह दर्शाता है कि जब दो पक्ष सहमत नहीं होते, तो न्यायालय में न्याय की माँग की जाती है।


सोच-विचार के लिए

कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए—

(क) आपके विचार से इस कविता में कौन-सी पंक्ति सबसे महत्वपूर्ण है? आप उसे ही सबसे महत्वपूर्ण क्यों मानते हैं?

उत्तर

मेरे विचार से सबसे महत्वपूर्ण पंक्ति है:
“न्याय दया का दानी!”

कारण: यह पंक्ति कविता का मुख्य संदेश देती है कि न्याय हमेशा करुणा के साथ होना चाहिए। राहुल इस पंक्ति में अपनी समझ व्यक्त करता है कि निर्दोष की रक्षा करना और दया के साथ न्याय करना सही है। यह कविता का निष्कर्ष और नैतिक संदेश है।


(ख) आखेटक और बच्चे के पिता के बीच तर्क-वितर्क क्यों हुआ था?

उत्तर

आखेटक और बच्चे के पिता (सिद्धार्थ) के बीच तर्क-वितर्क इसलिए हुआ क्योंकि आखेटक ने एक निर्दोष हंस को तीर मारकर घायल कर दिया था। सिद्धार्थ ने हंस को बचाया और उसका इलाज किया। आखेटक ने घायल हंस को वापस माँगा, लेकिन सिद्धार्थ ने उसे देने से इनकार कर दिया, क्योंकि वे निर्दोष की रक्षा करना चाहते थे। दोनों अपनी-अपनी बात पर अड़े थे, जिसके कारण विवाद हुआ।


(ग) माँ ने पुत्र से “राहुल, तू निर्णय कर इसका” क्यों कहा?

उत्तर

माँ ने राहुल से “राहुल, तू निर्णय कर इसका” इसलिए कहा ताकि वह स्वयं सोच-विचार करके सही और गलत का निर्णय ले सके। माँ चाहती थी कि राहुल कहानी से नैतिक शिक्षा ग्रहण करे और करुणा व न्याय के महत्व को समझे। यह प्रश्न राहुल की सोच को प्रोत्साहित करने और उसे स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के लिए प्रेरित करने के लिए था।

(घ) यदि कहानी में आप उपवन में होते तो घायल हंस की सहायता के लिए क्या करते? आपके अनुसार न्याय कैसे किया जा सकता था?

उत्तर

अगर मैं उपवन में होता, तो मैं घायल हंस को उठाकर उसका इलाज करता, जैसे कि उसके घाव को साफ करके उसे सुरक्षित स्थान पर रखता। मैं आखेटक से कहता कि निर्दोष प्राणी को मारना गलत है और उसे ऐसा नहीं करना चाहिए।

न्याय के लिए: मैं दोनों पक्षों (आखेटक और हंस को बचाने वाले) की बात सुनता। चूँकि हंस निर्दोष था, मैं हंस को बचाने वाले का पक्ष लेता और आखेटक को समझाता कि हिंसा गलत है। न्याय में दया को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और हंस को आजाद करना सही होता


(ङ) कविता में माँ और बेटे के बीच बातचीत से उनके बारे में क्या-क्या पता चलता है?

उत्तर

  • माँ (यशोधरा): माँ बहुत दयालु, बुद्धिमान और शिक्षक की तरह है। वह अपने बेटे को कहानी के माध्यम से नैतिक मूल्य सिखाती है। वह राहुल को सोचने और निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • बेटा (राहुल): राहुल जिज्ञासु और उत्सुक है। वह बार-बार वही कहानी सुनना चाहता है, जिससे उसका कहानी के प्रति प्रेम झलकता है। वह कहानी सुनकर नैतिकता और दया के बारे में सीखता है और अंत में अपनी समझ व्यक्त करता है।
  • संबंध: माँ और बेटे के बीच प्रेमपूर्ण और शिक्षाप्रद संबंध है। माँ धैर्यपूर्वक राहुल के सवालों का जवाब देती है और उसे सही दिशा में ले जाती है।


अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए—

(क) माँ ने अपने बेटे को कहानी सुनाते समय अंत में कहानी को स्वयं पूरा नहीं किया, बल्कि उसी से निर्णय करने के लिए कहा। यदि आप किसी को यह कहानी सुना रहे होते तो कहानी को आगे कैसे बढ़ाते?

उत्तर

अगर मैं यह कहानी सुना रहा होता, तो मैं कहानी को इस तरह आगे बढ़ाता:

न्यायालय में सभी ने दोनों पक्षों की बात सुनी। दयालु व्यक्ति (सिद्धार्थ) ने कहा कि निर्दोष हंस को मारना गलत है और उसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। आखेटक ने कहा कि उसने हंस को शिकार के लिए मारा, जो उसका अधिकार है। न्यायाधीश ने दया और नैतिकता को प्राथमिकता दी और फैसला सुनाया कि हंस को आजाद किया जाए। आखेटक को समझाया गया कि हिंसा छोड़कर करुणा अपनाए। हंस ठीक होकर आकाश में उड़ गया, और सभी ने इस फैसले की प्रशंसा की।


(ख) मान लीजिए कि कहानी में हंस और तीर चलाने वाले के बीच बातचीत हो रही है। कल्पना से बताइए कि जब उसने हंस को तीर से घायल किया तो उसमें और हंस में क्या-क्या बातचीत हुई होगी? उन्होंने एक-दूसरे को क्या-क्या तर्क दिए होंगे?

उत्तर

  • हंस: "हे आखेटक, तुमने मुझे क्यों मारा? मैं तो निर्दोष हूँ और केवल आकाश में उड़ रहा था।"
  • आखेटक: "मैं एक शिकारी हूँ, और शिकार करना मेरा काम है। तुम मेरे निशाने पर आ गए, इसलिए मैंने तीर चलाया।"
  • हंस: "पर मेरा क्या अपराध था? मैंने तुम्हारा कोई नुकसान नहीं किया। सभी प्राणियों को जीने का अधिकार है।"
  • आखेटक: "यह जंगल है, और यहाँ शिकार करना स्वाभाविक है। मुझे तुम्हारा मांस चाहिए।"
  • हंस: "क्या तुम्हें मेरी पीड़ा नहीं दिखती? दया करो और मुझे बचाओ, मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूँगा।"
  • आखेटक: "मुझे दया की नहीं, अपने शिकार की जरूरत है।"

विश्लेषण: हंस करुणा और अपने जीने के अधिकार की बात करता है, जबकि आखेटक अपने शिकार को सही ठहराता है। यह बातचीत दया और हिंसा के बीच के संघर्ष को दर्शाती है।


(ग) मान लीजिए कि माँ ने जो कहानी सुनाई है, आप भी उसके एक पात्र हैं। आप कौन-सा पात्र बनना चाहेंगे? और क्यों?

उत्तर

मैं पक्षी को बचाने वाला व्यक्ति बनना चाहूँगा।

कारण: यह पात्र दयालु और नैतिक है, जो निर्दोष हंस की रक्षा करता है। मैं भी निर्दोष प्राणियों की मदद करना चाहता हूँ और हिंसा के खिलाफ खड़ा होना चाहता हूँ। यह पात्र करुणा और न्याय का प्रतीक है, जो मुझे प्रेरित करता है।


संवाद

इस कविता में एक माँ और उसके पुत्र का संवाद दिया गया है लेकिन कौन-सा कथन किसने कहा है, यह नहीं बताया गया है। आप कविता में दिए गए संवादों को पहचानिए कि कौन-सा कथन किसने कहा है और उसे दिए गए उचित स्थान पर लिखिए।

  • पुत्र द्वारा कहे गए कथन
  • माँ द्वारा कहे गए कथन 

उत्तर

पुत्र द्वारा कहे गए कथन:

  • “माँ, कह एक कहानी।”
  • “राजा था या रानी?”
  • “लहराता था पानी?”
  • “हुई पक्ष की हानी?”
  • “लक्ष्य-सिद्धि का मानी?”
  • “हठ करने की ठानी?”
  • “सुनी सभी ने जानी?”
  • “माँ, मेरी क्या बानी? मैं सुन रहा कहानी।”

माँ द्वारा कहे गए कथन:

  • “बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी?”
  • “सुन, उपवन में बड़े सबेरे, तात भ्रमण करते थे तेरे,”
  • “वर्ण वर्ण के फूल खिले थे, झलमल कर हिम-बिंदु क्षिले थे,”
  • “गाते थे खग कल कल स्वर से, सहसा एक हंस ऊपर से,”
  • “चाँक उन्होंने उसे उठाया, नया जन्म-सा उसने पाया।”
  • “राहुल, तू निर्णय कर इसका– न्याय पक्ष लेता है किसका?”

विश्लेषण: पुत्र जिज्ञासु है और सवाल पूछता है, जबकि माँ कहानी सुनाती है और नैतिक शिक्षा देती है।


शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में प्रकृति से जुड़े शब्द कविता में से चुनकर लिखिए—

उत्तर


विश्लेषण: ये सभी शब्द कविता में प्रकृति का वर्णन करते हैं, जैसे उपवन (बगीचा), फूल, हिम-बिंदु (ओस), आदि


पंक्ति से पंक्ति

नीचे स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलती-जुलती पंक्तियों को रेखा खींचकर मिलाइए—

उत्तर


कविता की रचना

कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए और विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए।

"राजा था या रानी?
राजा था या रानी?
माँ, कह एक कहानी!"

इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए! इन पंक्तियों की तरह इस पूरी कविता में अनेक स्थानों पर कुछ पंक्तियाँ बेरंग आई हैं! इस कारण कविता में माँ और बेटी की बातचीत पाठकों को बेहतर ढंग से समझ में आती है! इससे कविता के सौंदर्य में भी वृद्धि हुई है!

आप ध्यान दें तो इस कविता में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी! उदाहरण के लिए, कविता में माँ-बेटी का संवाद है, जिसे 'संवादात्मक शैली' कहा जाता है! इसी प्रकार, इसमें प्रकृति और कार्यों का वर्णन है, जिसे 'वर्णनात्मक शैली' कहते हैं!

(क) इस कविता को एक बार पुनः पढ़िए और अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर

कविता की विशेषताएँ: 

  • संवादात्मक शैली: माँ और पुत्र के बीच बातचीत।
  • प्रश्न-उत्तर शैली: पुत्र सवाल पूछता है, माँ जवाब देती है।
  • प्रकृति का वर्णन: उपवन, फूल, हिम-बिंदु आदि का चित्रण।
  • पुनरावृत्ति: कुछ पंक्तियाँ दोहराई गई हैं, जैसे “यही कहानी!”
  • तुकबंदी: पंक्तियों के अंत में समान ध्वनियाँ।
  • विपरीत शब्द: जैसे “सदय-निर्दय”, “कोमल-कठिन”।
  • नैतिक शिक्षा: करुणा और न्याय का संदेश।
  • सरल भाषा: बच्चों के लिए समझने योग्य।


(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ दिखाई देती हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए।

उत्तर


रूप बदलकर

“सुन, उपवन में बड़े सबेरे, तात भ्रमण करते थे तेरे,”

कविता की इन पंक्तियों को निम्न प्रकार से बदलकर लिखा जा सकता है—

→ “सुनो! आपके पिता एक उपवन में बहुत सवेरे भ्रमण किया करते थे...”

अब आप भी पाठ के किसी एक पद को एक अनुच्छेद के रूप में लिखिए।

उत्तर

पंक्ति: “वर्ण वर्ण के फूल खिले थे, झलमल कर हिम-बिंदु क्षिले थे, हलके झोंके हिले-मिले थे, लहराता था पानी!”

अनुच्छेद: सुबह के समय उपवन में रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। ओस की बूँदें सूरज की रोशनी में चमक रही थीं। हल्की हवा के झोंके पेड़ों को हिला रहे थे, और पास में बहता पानी लहरा रहा था। यह दृश्य बहुत ही सुंदर और शांत था।


कविता में विराम चिह्न

"माँ, कह एक कहानी!"

इस प्रचलित में आपके अनेक विश्वास चिह्न दिखाए दे रहे हैं, जो—

  • अल्प विराम (,)
  • पूर्ण विराम (।)
  • उद्धरण चिह्न (" ")

इस कविता में विराम चिह्नों का बहुत अच्छा प्रयोग किया गया है और विराम चिह्नों इस कविता में अनेक कार्य कर रहे हैं, जैसे यह बताना कि—

  • कविता पाठ करने समय कहा ठहरना है (,), कहा अधिक ठहरना है (।)
  • कौन सी प्रचलित किसने कही है पूरे या माँ ने (" ")
  • कहा प्रश्न पूछा गया है (?)
  • कौन-सी बात आश्चर्य से बोली गई है (!)

(क) नीचे कविता का एक अंश बिना विराम चिह्नों के दिया गया है। इसमें उपयुक्त स्थानों पर विराम चिह्न लगाइए—

राहुल, तू निर्णय कर इसका
न्याय पक्ष लेता है किसका
कह दे निर्भय, जय हो जिसका
सुन लूँ तेरी बानी
माँ, मेरी क्या बानी
मैं सुन रहा कहानी
कोई निरपराध को मारे
तो क्यों अन्य उसे न उबारे
रक्षक पर भक्षक को वारे
न्याय दया का दानी
न्याय दया का दानी
तूने गुनी कहानी

उत्तर

राहुल, तू निर्णय कर इसका,
न्याय पक्ष लेता है किसका?
कह दे निर्भय, जय हो जिसका,
सुन लूँ तेरी बानी।
माँ, मेरी क्या बानी?
मैं सुन रहा कहानी।
कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी!
न्याय दया का दानी!
तूने गुनी कहानी।


(ख) अब विराम चिह्नों का ध्यान रखते हुए कविता को अपने समूह में सुनाइए।

उत्तर

यह कार्य समूह में करना है। आप ऊपर दिए गए विराम चिह्नों के साथ कविता को जोर-जोर से और भावपूर्ण तरीके से पढ़ सकते हैं। प्रत्येक पंक्ति में रुकावट और भाव पर ध्यान दें।


पाठ से आगे

आपकी बात

(क) “सुन, उपवन में बड़े सबेरे, 
तात भ्रमण करते थे तेरे,” 
​आप या आपके परिजन भ्रमण के लिए कहाँ-कहाँ जाते हैं? और क्यों?

उत्तर

मैं और मेरे परिजन सुबह पार्क या नजदीकी बगीचे में भ्रमण के लिए जाते हैं। हम ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि सुबह की ताजी हवा और प्रकृति का दृश्य हमें तरोताजा करता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है और मन को शांति देता है।


(ख) इस पाठ में एक माँ अपने पुत्र को कहानी सुना रही है। आप किस-किस से कहानी सुनते हैं या थे? आप किसको और कौन-सी कहानी सुनाते हैं?

उत्तर

मैं अपनी माँ, दादी, और कभी-कभी शिक्षकों से कहानियाँ सुनता हूँ। पहले मैं दादी से पंचतंत्र और रामायण की कहानियाँ सुनता था। मैं अपने छोटे भाई-बहनों को “चालाक खरगोश” या “शेर और चूहे” की कहानी सुनाता हूँ, क्योंकि ये कहानियाँ मजेदार और शिक्षाप्रद होती हैं।


(ग) माँ ने कहानी सुनाने के बीच में एक प्रश्न पूछ लिया था। क्या कहानी सुनाने के बीच में प्रश्न पूछना सही है? क्यों?

उत्तर

हाँ, कहानी सुनाने के बीच में प्रश्न पूछना सही है। इससे सुनने वाला अधिक ध्यान देता है और कहानी को गहराई से समझता है। माँ ने राहुल से प्रश्न पूछकर उसकी सोच को प्रोत्साहित किया और उसे कहानी का नैतिक संदेश समझने में मदद की।



(घ) कविता में बालक अपनी माँ से बार-बार ‘वही’ कहानी सुनने की हठ करता है। क्या आपका भी कभी कोई कहानी बार-बार सुनने का मन करता है? अगर हाँ, तो वह कौन-सी कहानी है और क्यों?

उत्तर

हाँ, मेरा भी मन “पंचतंत्र” की “शेर और चूहा” कहानी बार-बार सुनने का करता है। यह कहानी मुझे इसलिए पसंद है क्योंकि यह दोस्ती और मदद के महत्व को सिखाती है। यह छोटी लेकिन बहुत मजेदार और प्रेरणादायक है।


निर्णय करें

“राहुल, तू निर्णय कर इसका–”
नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। बताइए कि इन स्थितियों में आप क्या करेंगे?

(1) खेलते समय आप देखते हैं कि एक मित्र ने भूल से एक नियम तोड़ा है।

उत्तर

मैं अपने मित्र को प्यार से समझाऊँगा कि उसने नियम तोड़ा है और उसे सही तरीके से खेलने के लिए कहूँगा। अगर वह नहीं मानता, तो मैं खेल के नियमों के बारे में सभी को याद दिलाऊँगा।


(2) एक सहपाठी को कक्षा में दूसरों द्वारा चिढ़ाया जा रहा है।

उत्तर

मैं सहपाठी का साथ दूँगा और चिढ़ाने वालों को रोकूँगा। मैं शिक्षक को भी बता सकता हूँ ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।


(3) एक समूह परियोजना के बीच एक सहपाठी अपने भाग का कार्य नहीं कर रहा है।

उत्तर

मैं सहपाठी से बात करूँगा और पूछूँगा कि उसे कोई समस्या तो नहीं है। मैं उसकी मदद करूँगा या समूह के साथ मिलकर कार्य को पूरा करने की योजना बनाऊँगा।


(4) आपके दो मित्रों के बीच एक छोटी-सी बात पर तर्क-वितर्क हो रहा है।

उत्तर

मैं दोनों की बात सुनूँगा और उन्हें शांत करने की कोशिश करूँगा। मैं उन्हें समझाऊँगा कि छोटी बात पर झगड़ा नहीं करना चाहिए और मिलकर सुलझाने का सुझाव दूँगा।


(5) एक सहपाठी को कुछ ऐसा करने के लिए अनुचित रूप से दंडित किया जा रहा है जिसे उसने नहीं किया।

उत्तर

मैं शिक्षक को सच बताऊँगा और सहपाठी का पक्ष लूँगा। मैं यह सुनिश्चित करूँगा कि उसे न्याय मिले।


(6) एक सहपाठी प्रतियोगिता में हार जाने पर उदास है।

उत्तर

मैं सहपाठी को ढांढस बंधाऊँगा और कहूँगा कि हार-जीत खेल का हिस्सा है। मैं उसे अगली बार बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करूँगा।


(7) कक्षा में चर्चा के बीच एक सहपाठी संकोच कर रहा है और बोलने का अवसर नहीं पा रहा है।

उत्तर

मैं सहपाठी को प्रोत्साहित करूँगा कि वह अपनी बात रखे। मैं उसे बोलने का मौका दूँगा और उसकी राय को महत्व दूँगा।


(8) सहपाठी किसी विषय में संघर्ष कर रहा है और आपसे सहायता माँगता है।

उत्तर

मैं सहपाठी की मदद करूँगा और उसे विषय समझाऊँगा। अगर मुझे कुछ समझ न आए, तो मैं शिक्षक की मदद लूँगा।


सुनी कहानी

अपने घर या आस-पास सुनी-सुनाई जाने वाली किसी लोककथा को लिखकर कक्षा में सुनाइए।

उत्तर

लोककथा: चालाक खरगोश

एक जंगल में एक शेर रहता था, जो रोज एक जानवर को मारकर खाता था। सभी जानवर डरते थे। एक दिन खरगोश की बारी आई। खरगोश ने सोचा कि वह चालाकी से शेर को सबक सिखाएगा। वह जान-बूझकर देर से शेर के पास पहुँचा। शेर ने गुस्से में पूछा, “तू इतनी देर से क्यों आया?” खरगोश ने कहा, “रास्ते में एक और शेर मिला, जो कह रहा था कि वह सबसे ताकतवर है।” शेर गुस्से में उस शेर को देखने गया। खरगोश उसे एक कुएँ के पास ले गया और कहा, “वह कुएँ में है।” शेर ने कुएँ में अपनी परछाई देखी और सोचा कि यह दूसरा शेर है। वह गुस्से में कुएँ में कूद गया और मर गया। इस तरह खरगोश की चालाकी से जंगल के जानवरों को शेर से छुटकारा मिल गया।

नैतिक: चालाकी और बुद्धि से बड़ी-बड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।


आज की पहेली

नीचे कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। इनके उत्तर आपको कविता में से मिल जाएँगे। पहेलियाँ बूझिए—

पहेली 1

नानी की बेटी है कौन?
मामा की बहना है कौन?
भायार है पिता की कौन?
भाभी है चाचा की कौन?

उत्तर

माँ (यशोधरा)


पहेली 2

आसमान में उड़-उड़ जाए,
तरह-तरह के गाने गाए,
पर फैलाकर करता सैर,
दो हैं जिसके पर और पैर।

उत्तर

हंस


पहेली 3

बागों में जो सुगंध फैलाती,
फूल-फूल में बसती गाती,
हवा-हवा में घुल-मिल जाए,
कौन है जो यह नाम बताए?

उत्तर

सुरभि

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