Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Question Answer Class 10 अर्थशास्त्र Hindi Medium

Questions and Answers for Vaishvikaran aur Bhartiya Arthvyavashtha Class 10 अर्थशास्त्र Science is prepared by our expert faculty at studyrankers. We have included all types of questions which could be asked in the examination like 1 mark questions, 3 marks questions and 4 marks questions. There are various types of questions like very short answer type, short answer type and long answer type questions. Our teachers have include Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Questions and Answers in this page which very useful in learning in the chapter.

Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Question Answer Class 10 अर्थशास्त्र Hindi Medium

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Important Questions

अत्ति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. वैश्वीकरण क्या है ? 

उत्तर

विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है।


प्रश्न 2. उदारीकरण का क्या अभिप्राय है?

उत्तर

सरकार द्वारा व्यापार एवं निवेश पर से अवरोधों अथवा प्रतिबन्धों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहा जाता है।


प्रश्न 3.निजीकरण को परिभाषित कीजिए।

उत्तर

निजीकरण से तात्पर्य है निजी क्षेत्र पर से कड़े नियंत्रण को हटाकर उन्हें जरूरी निर्णय लेने के लिए मुक्त करना।


प्रश्न 4. वैश्वीकरण के फलस्वरूप भारत को होने वाली कोई एक हानि बताइए।

उत्तर

वैश्वीकरण से भारत के लघु एवं कुटीर उद्योगों का पतन हुआ है।


प्रश्न 5. वैश्वीकरण के द्वारा लोगों को आपस में जोड़ने का क्या परिणाम होगा? 

उत्तर

उत्पादकों में पहले से अधिक प्रतियोगिता।


प्रश्न 6. विदेशी व्यापार किनके बीच होता है ? 

उत्तर

दो या दो से अधिक देशों के बीच विदेशी व्यापार कहा होता है।


प्रश्न 7. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से आप क्या समझते हैं?

उत्तर

बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ ऐसी कम्पनियाँ हैं जिनका व्यवसाय एक से अधिक राष्ट्रों तक फैला हुआ है।


प्रश्न 8. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में पाई जाने वाली क्षमता को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में दूरस्थ उत्पादकों के मूल्य, गुणवत्ता. आपूर्ति और श्रम शर्तों का निर्धारण करने की प्रचण्ड क्षमता होती है।


प्रश्न 9.आयात कोटा का क्या अभिप्राय है?

उत्तर

इसमें सरकार द्वारा आयात की जाने वाली मात्रा को निर्धारित कर दिया जाता है उससे अधिक मात्रा का आयात नहीं किया जा सकता है।


प्रश्न 10. व्यापार अवरोधक से क्या अभिप्राय है?

उत्तर

व्यापार अवरोधक सरकार द्वारा लगाए वे प्रतिबन्ध हैं जिनसे वे विदेशी व्यापार को नियमित करती है।


प्रश्न 11. अंग्रेजों के समय भारत का विदेश व्यापार कैसा था?

उत्तर

अंग्रेजों के समय भारत कच्चे माल का निर्यातक एवं निर्मित माल का आयातक था।


प्रश्न 12. विदेशी निवेश किसे कहा जाता है?

उत्तर

बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहा जाता है।


प्रश्न 13. विदेश व्यापार का कोई एक लाभ बताइए।

उत्तर

विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण में सहायक होता है।


प्रश्न 14. विश्व व्यापार संगठन का मुख्य कार्य क्या है?

उत्तर

विश्व व्यापार संगठन का मुख्य कार्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सम्बन्धी नियमों का निर्धारण करना एवं उनकी अनुपालना करवाना है।


प्रश्न 15. निवेश क्या है?

उत्तर

परिसम्पत्तियों, जैसे-भूमि, भवन, मशोन तथा अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं।


लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. विश्व व्यापार संगठन क्या है ? इसके क्या कार्य हैं ? क्या यह वास्तव में अपने कार्यो को पूरा कर रहा है ? 

उत्तर

विश्व व्यापार संगठन (डब्लू. टी. ओ.) एक ऐसा संगठनहै जिसका उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना और मुक्त व्यापार की सुविधा देना है।

कार्य: विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और यह देखता है कि इन नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं। 

वास्तविकता: विकसित देशों ने अनुचित ढंग से व्यापार अवरोध को बरकरार रखा है। दूसरी ओर विश्व व्यापार संगठन के नियमों ने विकासशील देशों को व्यापार अवरोधों को हटाने के लिए विवश किया है।


प्रश्न 2. विदेश व्यापार के उदारीकरण की व्याख्या कीजिए।

उत्तर

विदेश व्यापार के उदारीकरण से तात्पर्य व्यापार पर अनावश्यक प्रतिबंधों को हटाकर अर्थव्यवस्था को अधिक प्रतियोगी बनाना है। इसमें विदेशी आयात-निर्यात पर निर्णय लेने के लिए व्यापारी सरकार के प्रतिबंधों से मुक्त हैं तथा इस सम्बन्ध में सरकार का दृष्टिकोण उदार हुआ है। विदेश व्यापार के उदारीकरण के अन्तर्गत न केवल प्रतिबन्धों को कम किया जाता है वरन् देशों द्वारा उद्यमियों को विदेश व्यापार हेतु प्रोत्साहित किया जाता है तथा उन्हें कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।


प्रश्न 3. वैश्वीकरण को न्यायसंगत बनाने के लिए सरकार की भूमिका को स्पष्ट कीजिए ? 

उत्तर

वैश्वीकरण को न्यायसंगत बनाने के लिए सरकार की भूमिका:

  • वैश्वीकरण की नई नीति के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व अर्थव्यवस्था से जोड़ने का प्रयत्न किया गया ताकि पूँजी, तकनीकी ज्ञान और अनुभव का विश्व के विभिन्न देशों से आदान-प्रदान हो सके।
  • सरकार ने माल के आयात पर से अनेक प्रतिबन्ध हटा दिए। 
  • आयातित माल पर कर, कम कर दिए। 
  • विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहन दिया गया। 
  • तकनीकी क्षेत्र को हर ढंग से उन्नत करने का प्रयत्न किया गया।


प्रश्न 4. विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं ?

उत्तर

 विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदम:

  • विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है। 
  • विशेष आर्थिक क्षेत्रों में विश्व स्तरीय सुविधाएँ, बिजली, पानी, सड़क, परिवहन, भण्डारण, मनोरंजन और शैक्षिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • विशेष आर्थिक क्षेत्र में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने वाली कंपनियों को आरंभिक पाँच वर्षों तक कोई कर नहीं देना पड़ता है।
  • विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने श्रम-कानूनों में लचीलापन लाने की अनुमति दे दी है। 
  • आर्थिक नीतियों को उदार बनाया जा रहा है।


प्रश्न 5. भारत सरकार ने स्वतंत्रता के पश्चात विदेश व्यापार और विदेशी विनिमय पर अवरोधक क्यों लगाए ? 

उत्तर

  • विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों की रक्षा करना। 
  • स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजो ने भारतीय उद्योग धन्धों को चौपट कर दिया था। स्वतंत्रता के बाद यहाँ भारतीय उद्योग स्थापित किए गए। उद्योगों के विकास के लिए विदेशी व्यापार पर रोक आवश्यक थी। 
  • स्वतंत्रता के बाद भारत 562 टुकड़ों में बंटा हुआ था। यहाँ परिवहन तथा संचार के साधन अस्त व्यस्त थे। स्वतंत्रता के शुरूआती वर्षों में भारत के वैदेशिक संबंध इतने सुदृढ़ नहीं बन पाए थे कि विश्व के अन्य देशों के साथ व्यापार विकसित हो सके।


प्रश्न 6. वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले कोई दो नकारात्मक प्रभाव बताइए।

उत्तर

  • वैश्वीकरण के फलस्वरूप देश के छोटे एवं कुटीर उद्योगों का पतन हुआ है क्योंकि उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता कम है।
  • वैश्वीकरण से कई बार श्रमिकों के हितों का संरक्षण नहीं हो पाता है। 


प्रश्न 7. वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले कोई दो सकारात्मक प्रभाव बताइए।

उत्तर

  • वैश्वीकरण से बड़े उद्योगों को अपना विस्तार करने का अवसर मिला है तथा देश के उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अधिक गुणवत्ता वाली वस्तुएँ प्राप्त हुई हैं।
  • वैश्वीकरण के फलस्वरूप बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आगमन से रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।


प्रश्न 8. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण रखती हैं ? 

उत्तर

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ द्वारा उत्पादन पर नियंत्रण करने की विधियाँ:

  • संयुक्त उपक्रम विधि 
  • स्थानीय कम्पनियों को खरीदना। 
  • छोटे उत्पादकों से माल खरीदना। 
  • अपने ब्रांड का इस्तेमाल करके।


प्रश्न 9. वैश्वीकरण के कारण प्रतिस्पर्धा के कुप्रभावों का उल्लेख करो? 

उत्तर

  • प्रतिस्पर्धा के कारण छोटे उद्योगों जैसे बैटरी, प्लास्टिक, खिलौने, टायरों आदि के उत्पादकों पर बुरा प्रभाव पड़ा। फलस्वरूप काफी इकाइयाँ बंद हो गईं। 
  • श्रमिकों की बेरोज़गारी में वृद्धि। 
  • श्रमिकों को अस्थाई आधार पर नियुक्त किया गया। 
  • श्रमिकों को संरक्षण और लाभ नहीं मिल रहा। 
  • श्रमिकों का अधिक घंटों तक काम करना आम बात हो गई।


प्रश्न 10. विगत वर्षों में भारतीय बाजारों के स्वरूप में हुए परिवर्तनों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

वर्ष 1991 में भारत ने उदारीकरण तथा वैश्वीकरण की प्रक्रिया को अपनाया। इस प्रक्रिया के पश्चात् भारतीय बाजारों में विदेशी वस्तुओं का आगमन तथा विदेशी निवेश में काफी वृद्धि हुई है। उपभोक्ताओं को अब कम कीमत पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएँ प्राप्त हो रही हैं।


प्रश्न 11. वैश्वीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका समझाएँ। 

उत्तर

  • परिवहन तकनीक में कई सुधारों ने दूर-दूर के स्थानों पर कम लागत पर वस्तुओं को भेजना संभव बनाया है। 
  • सूचना प्रोद्यौगिकी में सुधार से विभिन्न देश आपस में जुड़कर तुरंत सूचना प्राप्त कर लेते हैं। 
  • इंटरनेट टैक्नालॉजी से व्यापार में गति आई है।


प्रश्न 12. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अन्य देशों में निवेश करने से पूर्व किन बातों को ध्यान में रखती हैं? कोई दो बातें बताइए।

उत्तर

  • बाजार की निकटता, कम लागत पर कुशल व अकुशल श्रम की उपलब्धता तथा उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता।
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ उस देश की सरकार की सरकारी नीतियों को भी ध्यान में रखती हैं कि सरकारी नीतियाँ उनके अनुकूल हैं या नहीं।


प्रश्न 13. विदेश व्यापार के कोई दो लाभ बताइए।

उत्तर

  • विदेश व्यापार से देश के उपभोक्ताओं को कम मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएँ एवं सेवाएँ प्राप्त होती हैं।
  • विदेश व्यापार से उत्पादकों को अपना उत्पाद विदेशों में बेचने का अवसर प्राप्त होता है जिससे उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होता है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के किन्हीं तीन प्रभावों का वर्णन कीजिए।

उत्तर

विभिन्न देशों के बीच परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के बाजार एक बाजार के समान कार्य करते हैं।

भारत में वैश्वीकरण के प्रभाव:

  • वैश्वीकरण के प्रभावस्वरूप बहुराष्ट्रीय कम्पनी ने भारत में अपने निवेश में वृद्धि की है जिससे देश में रोजगार अवसरों में भी वृद्धि हुई है एवं नए रोजगार अवसर उत्पन्न हुए हैं।
  • वैश्वीकरण के प्रभावस्वरूप शीर्ष भारतीय कम्पनियाँ बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा से लाभान्वित हुई हैं एवं उनका विस्तार विदेशों तक हुआ है।
  • वैश्वीकरण के कारण उपजी प्रतिस्पर्धा के कारण छोटी औद्योगिक इकाइयाँ बंद हो गई हैं जिससे बेरोजगारी में वृद्धि हुई है।


प्रश्न 2. आयात पर कर को व्यापार अवरोधक के रूप में क्यों जाना जाता है? स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेशों पर प्रतिबंध क्यों लगाया? तीन कारण दीजिए।

उत्तर

आयात पर 'कर' को व्यापार अवरोधक के रूप में इसलिए जाना जाता है क्योंकि इससे सरकार विदेशी व्यापार पर कुछ प्रतिबंध लगाकर उसे नियमित करती है, जिससे विदेशी व्यापार सीमित हो जाता है।

भारत सरकार द्वारा विदेशी व्यापार व निवेश पर प्रतिबंध लगाने के कारण:

  • देश के छोटे उद्योगपतियों को प्रतियोगिता से बचाने हेतु ताकि वे अपना पर्याप्त विकास कर सकें एवं उनका पतन न हो।
  • विदेशी कम्पनियाँ अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ कम मूल्य पर वस्तुएँ उपलब्ध कराती थीं, जबकि भारतीय कम्पनियों के लिए ऐसा करना कठिन था।
  • भारतीय उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से संरक्षण प्रदान करने के लिए।

2. स्थानीय कम्पनियों को खरीदना: बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा निवेश का सबसे आम रास्ता स्थानीय कम्पनियों को खरीदना तथा उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना है। अपार सम्पदा वाली ये कम्पनियाँ स्थानीय कम्पनियों को आसानी से खरीद सकती हैं।

3. छोटे उत्पादकों को उत्पादन आर्डर देना: बहराष्ट्रीय कम्पनियाँ स्थानीय उत्पादकों को भी उत्पादन आर्डर देकर उत्पादन पर नियंत्रण करती हैं। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उद्योग हैं जहाँ बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जा रहा है।

 

प्रश्न 3. वैश्वीकरण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका को किन्हीं तीन आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

वैश्वीकरण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका-वर्तमान में दूरसंचार, कम्प्यूटर तथा इंटरनेट के कारण वैश्वीकरण में तेजी आई है।

  • दूरसंचार सुविधाओं जैसे टेलीग्राफ, टेलीफोन, मोबाइल फोन, फैक्स आदि का विश्व भर में एक-दूसरे से सम्पर्क करने, सूचनाओं को तत्काल प्राप्त करने तथा दूरवर्ती क्षेत्रों से संवाद करने में प्रयोग किया जाता है।
  • कम्प्यूटरों ने भी वैश्वीकरण को गति प्रदान की है। जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्यूटरों का प्रवेश हो गया है।
  • इंटरनेट से तो स्थितियाँ बिल्कुल बदल गई हैं। इससे पूरे संसार की जानकारी घर बैठे प्राप्त की जा सकती है तथा बाँटी जा सकती है। इससे हम तत्काल ई-मेल भेज तथा प्राप्त कर सकते हैं।
Previous Post Next Post