Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Question Answer Class 10 अर्थशास्त्र Hindi Medium

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Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Question Answer Class 10 अर्थशास्त्र Hindi Medium

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Important Questions

अत्ति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. प्राथमिक क्षेत्र किसे कहते हैं?

उत्तर

जब हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके किसी वस्तु का उत्पादन करते हैं तो इसे प्राथमिक क्षेत्र अथवा प्राथमिक क्षेत्रक की गतिविधि कहते हैं।


प्रश्न 2. द्वितीयक क्षेत्रक से आपका क्या अभिप्राय है?

उत्तर

द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधियों के अन्तर्गत प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण प्रणाली के जरिए अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है।


प्रश्न 3. सकल घरेलू उत्पाद किसे कहते हैं?

उत्तर

किसी देश के भीतर किसी विशेष वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य सकल घरेलू उत्पाद कहलाता है।


प्रश्न 4. किसी देश के विकास की प्रारम्भिक अवस्था में किस क्षेत्रक का योगदान सर्वाधिक होता है?

उत्तर

विकास की प्रारम्भिक अवस्था में प्राथमिक क्षेत्रक का योगदान सर्वाधिक होता है।


प्रश्न 5. तृतीयक क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक क्यों कहा जाता है?

उत्तर

तृतीयक क्षेत्रक की गतिविधियों से वस्तुओं के बजाय सेवाओं का सृजन किया जाता है अतः इसे रेवा क्षेत्रक कहा जाता है।


प्रश्न 6. टिस्को जैसी कम्पनी में कौन सा एक्ट लागू नहीं होगा?

उत्तर

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम।


प्रश्न 7. अर्थव्यवस्था में प्रत्येक क्षेत्रक के अंतिम उत्पाद की ही गणना क्यों की जाती है ? 

उत्तर

दोहरी गणना की समस्या से बचने के लिए।


प्रश्न 8. सार्वजनिक क्षेत्रक में सरकार का मुख्य उद्देश्य क्या होता हैं ? 

उत्तर

सामाजिक कल्याण व सुरक्षा प्रदान करना।


प्रश्न 9. निजी क्षेत्रक का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

उत्तर

निजी क्षेत्रक का प्रमुख उद्देश्य अधिकतम लाभ अर्जित करना है।


प्रश्न 10. संगठित क्षेत्रक से क्या अभिप्राय है?

उत्तर

संगठित क्षेत्रक वे कार्य-स्थान होते हैं जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है तथा सरकारी नियमों का अनुपालन होता है।


प्रश्न 11. कार्यों के आधार पर अर्थव्यवस्था को कितने भागों में विभाजित किया गया है?

उत्तर

कार्य के आधार पर अर्थव्यवस्था को तीन भागों में विभाजित किया गया है:

  • प्राथमिक क्षेत्रक 
  • द्वितीयक क्षेत्रक 
  • तृतीयक क्षेत्रक

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. क्या अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्र एक-दूसरे पर निर्भर हैं?

उत्तर

किसी अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्र एक-दूसरे पर निर्भर हैं। प्रत्येक क्षेत्र का विकास अन्य क्षेत्र पर निर्भर है क्योंकि प्रत्येक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रक को वस्तुएँ अथवा सेवाएँ बेचता है तथा अपने स्वयं की जरूरत की वस्तुएँ अथवा सेवाएँ अन्य क्षेत्रक से खरीदता है।


प्रश्न 2. असंगठित क्षेत्रक से आप क्या समझते हैं?

उत्तर

असंगठित क्षेत्रक का आशय उन छोटी-छोटी एवं बिखरी हुई इकाइयों से होता है जिन पर किसी प्रकार का सरकारी नियंत्रण नहीं होता है। इसमें रोजगारी की शर्ते अनियमित होती हैं तथा श्रमिक का कार्य करने का समय निश्चित नहीं होता है एवं उसका कई प्रकार से शोषण किया जाता है।


प्रश्न 3. संगठित क्षेत्र की दो विशेषताएँ बताइए?

उत्तर

संगठित क्षेत्राक में वे उद्यम अथवा कार्य स्थान हाते है जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है ओर इसलिए लोगो के पास सुनिश्चित काम होता है। वे क्षेत्राक सरकार द्वारा पंजीकृत होते है और उन्हे सरकारी नियमों एवं विनियमों का अनुपालन करना होता है।


प्रश्न 4. सार्वजनिक व निजी क्षेत्रक में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

सार्वजनिक व निजी क्षेत्रक में अंतर:

सार्वजनिक क्षेत्रक

निजी क्षेत्रक

परिसम्पत्तियों पर सरकार का नियंत्रण। 

परिसम्पत्तियों पर निजी स्वामित्त्व।

सभी सेवाएँ सरकार उपलब्ध करवाती है।

सारी चीजें एक व्यक्ति या कम्पनी उपलब्ध करवाती है। 

इसका उद्देश्य अधिकतम सामाजिक कल्याण होता है।

अधिकतम लाभ कमाना इसका उद्देश्य होता है।

रोजगार सुरक्षा दी जाती है। 

रोज़गार व श्रमिक असुरक्षित होते हैं। 

सवैतनिक छुट्टी व अन्य सेवाएँ दी जाती हैं। 

सवैतनिक छुट्टी व अन्य सेवाएँ सामान्यतः नहीं दी जाती।


प्रश्न 5. क्या भारत में उत्पादन में तृतीयक क्षेत्रक का योगदान बढ़ता जा रहा है?

उत्तर

हाँ, भारत में विगत दशकों में उत्पादन में तृतीयक क्षेत्रक का योगदान निरन्तर बढ़ता जा रहा है। जी.डी.पी. में इस क्षेत्र के योगदान में निरन्तर वृद्धि हुई है। वर्ष 1973-74 में भारत में तृतीयक क्षेत्रक का योगदान लगभग 48 प्रतिशत था वह वर्ष 2013-14 में बढ़कर जी.डी.पी. का लगभग 68 प्रतिशत हो गया है।


प्रश्न 6. तृतीयक क्षेत्रक से आपका क्या अभिप्राय है?

उत्तर

तृतीयक क्षेत्रक में उन गतिविधियों को शामिल किया जाता है जो स्वतः वस्तुओं का उत्पादन नहीं करती हैं बल्कि उत्पादन प्रक्रिया में सहयोग करती हैं । इस क्षेत्रक में विभिन्न गतिविधियाँ वस्तुओं के बजाय सेवाओं का सृजन करती हैं अतः इस क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक भी कहा जाता है।


प्रश्न 7. असंगठित क्षेत्रक में मजदूरों के सामने आने वाली कठिनाइयों का वर्णन कीजिए। 

उत्तर

असंगठित क्षेत्रक में मजदूरों के सामने आने वाली कठिनाइयाँ:

  • यह क्षेत्रक सरकारी नियमों व विनियमों को नहीं मानता। 
  • न्यूनतम वेतन मिलता है। 
  • रोजगार की अवधि व कार्य समय सीमा निश्चित नहीं होती।
  • किसी प्रकार की छुट्टी या लाभ का प्रावधान नहीं होता। 
  • निश्चित कार्य क्षेत्र व अच्छी सेवा सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होता।


प्रश्न 8. भारत में प्राथमिक क्षेत्रक की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

भारत में रोजगार की दृष्टि से प्राथमिक क्षेत्रक की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। आज भी देश की अधिकांश जनसंख्या रोजगार की दृष्टि से प्राथमिक क्षेत्र पर निर्भर है। प्राथमिक क्षेत्र से देश को खाद्यान्न आपूर्ति होती है। यह द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र के विकास का आधार है।


प्रश्न 9. भारत में अधिकांश लोग किस क्षेत्रक में नियोजित हैं?

उत्तर

भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है तथा यहाँ की अधिकांश जनसंख्या गांवों में निवास करती है जहाँ पर अधिकतर लोग प्राथमिक क्षेत्रक की गतिविधियों में संलग्न हैं। वर्ष 2017-18 में देश में लगभग 44 प्रतिशत जनसंख्या रोजगार की दृष्टि से प्राथमिक क्षेत्रक पर निर्भर है।


प्रश्न 10. किसी अर्थव्यवस्था के द्वितीयक क्षेत्रक को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

किसी अर्थव्यवस्था के द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधियों के अन्तर्गत प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण प्रणाली के जरिए अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है। जैसे गन्ने से गुड़ एवं चीनी का उत्पादन करना। यह क्षेत्र उद्योगों से जुड़ा होता है अतः इसे औद्योगिक क्षेत्रक भी कहा जाता है।


प्रश्न 11. संगठित व असंगठित क्षेत्रकों में रोज़गार की परिस्थतियों में क्या अन्तर पाया जाता है ?

उत्तर

संगठित क्षेत्रक

असंगठित क्षेत्रक 

अधिक वेतन प्राप्ति।

कम वेतन प्राप्ति

नौकरी सुरक्षित

नौकरी सुरक्षित नहीं।

कार्य की स्थितियाँ अच्छी

निम्न स्तरीय कार्य परिस्थितियाँ

कर्मचारी योजनाओं का लाभ

कर्मचारी योजनाओं का लाभ नहीं

कार्य अवधि (काम के घंटे) निश्चित

कोई निश्चित कार्य अवधि नहीं।


प्रश्न 12. राष्ट्रीय रोज़गार गारन्टी 2005 अधिनियम के प्रावधान बताइए। 

उत्तर

  • राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना के अर्न्तगत 100 दिनों के रोज़गार की गारन्टी। 
  • रोजगार न मिलने या कम मिलने पर बेरोज़गारी भत्ता दिया जाना।
  • अपने गाँव या आस-पास के क्षेत्र में ही कार्य स्थल होना। 
  • एक तिहाई रोजगार महिलाओं के लिए सुरक्षित है। 
  • गरीबों में भी अति गरीब लोगों को रोजगार प्रदान करना।


प्रश्न 13. खुली बेरोजगारी एवं प्रच्छन्न बेरोजगारी में अन्तर बताइए।

उत्तर

  • खुली बेरोजगारी में लोगों के पास रोजगार नहीं होता है जबकि प्रच्छन्न बेरोजगारी में लोगों के पास क्षमता से बहुत कम काम उपलब्ध होता है।
  • खुली बेरोजगारी प्रायः शहरी क्षेत्रों में जबकि प्रच्छन्न बेरोजगारी ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है।

 

प्रश्न 14. शहरी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने की कोई तीन विधियाँ सुझाइए। 

उत्तर

  • क्षेत्रीय शिल्प उद्योग व सेवाओं को प्रोत्साहन देना। 
  • पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन देना। 
  • अनावश्यक सरकारी नीतियों व नियमों में परिवर्तन। 
  • मूलभूत सुविधाएँ, तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना। 
  • आसान शर्तों पर ऋण या आर्थिक सहायता प्रदान करना।


प्रश्न 15. सकल घरेलु उत्पाद (जी. डी. पी.) किसे कहते है? भारत में इसे नापने का कार्य किस संगठन द्वारा किया जाता है?

उत्तर

  • सकल घरेलू उत्पाद किसी देश के भीतर किसी वर्ष में प्रत्येक क्षेत्रक द्वारा उत्पादित अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य।
  • उस वर्ष में क्षेत्रक के कुल उत्पादन की जानकारी प्रदान करता है।
  • मापन का कार्य केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारें करती है।


प्रश्न 16. तीव्र जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार बेरोजगारी को प्रभावित करती है।

उत्तर

  1. रोजगार के अवसर जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में नहीं बढ़ते है।
  2. द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र तीव्र गति के बढ़ रही जनसंख्या को पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान नहीं कर पाते।
  3. कृषि क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोजगारी बढ़ जाती है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. अर्थव्यवस्था में प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्रों की परस्पर निर्भरता को समझाइए।

उत्तर

किसी भी अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्र एक-दूसरे पर निर्भर हैं। प्रत्येक क्षेत्र का विकास अन्य क्षेत्र पर निर्भर है क्योंकि प्रत्येक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रक को वस्तुएँ अथवा सेवाएँ बेचता है तथा अपने स्वयं की जरूरत की वस्तुएँ अथवा सेवाएँ अन्य क्षेत्रक से खरीदता है। प्राथमिक क्षेत्रक मुख्यतः, न कि पूर्णतया, प्रकृति एवं प्राकृतिक कारकों पर निर्भर करता है। द्वितीयक क्षेत्र की गतिविधियों में प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को विनिर्माण प्रणाली द्वारा अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है। द्वितीयक क्षेत्रक की माँग द्वारा प्राथमिक क्षेत्रक प्रभावित होता है तथा द्वितीयक क्षेत्रक पूर्णतः प्राथमिक क्षेत्रक के उत्पादों पर निर्भर रहता है। इसी प्रकार तृतीयक क्षेत्रक की गतिविधियाँ प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक के विकास में मदद करती हैं।


प्रश्न 2. अन्तिम वस्तुओं एवं मध्यवर्ती वस्तुओं में अन्तर बतलाइये। 

उत्तर

अन्तिम वस्तुओं एवं मध्यवर्ती वस्तुओं में अन्तर:

अन्तिम वस्तुएँ

मध्यवर्ती वस्तुएँ 

वे वस्तुएँ जो उपभोक्ताओं तक पहुँचती हैं, अन्तिम वस्तुएँ कहलाती हैं।

ऐसी वस्तुएँ जो अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं के निर्माण में प्रयुक्त की जाती हैं, मध्यवर्ती वस्तुएँ कहलाती हैं।

अन्तिम वस्तुओं का मूल्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में शामिल किया जाता है।

मध्यवर्ती वस्तुओं का मूल्य अन्तिम वस्तुओं के मूल्यों में पहले से शामिल रहता है, अतः इसे सकल घरेलू उत्पाद में नहीं जोड़ा जाता। 

उदाहरण: बिस्कुट, ब्रेड, रेडीमेड कपड़े आदि।

उदाहरण: गेहूँ, कपास, सिले कपड़े आदि।


प्रश्न 3. असंगठित क्षेत्रक की प्रमुख दो विशेषताएँ बताइए। असंगठित श्रमिकों के संरक्षण के उपाय भी लिखिए।

उत्तर

विशेषताएँ:

  • असंगठित क्षेत्र छोटे तथा सरकारी नियंत्रण से बाहर होते हैं। 
  • श्रमिकों को कम मजदूरी पर भुगतान किया जाता है तथा रोजगार अनियमित होता है। 

श्रमिकों के संरक्षण के उपाय:

  • असंगठित क्षेत्रक में सरकार को कुछ नियम व कानून बनाने चाहिए।
  • लोगों को उस क्षेत्र में काम करना चाहिए जहाँ काम नियमित, तत्काल भुगतान की व्यवस्था तथा काम की सुरक्षा हो।
  • इस क्षेत्रक में काम करने वाले लोगों हेतु सरकार को सार्वजनिक सेवाओं में वृद्धि करनी चाहिए।
  • इस क्षेत्रक में सरकार को नियमों की कठोरता से अनुपालना करवानी चाहिए।
  • सरकार द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास किया जाना चाहिए।


प्रश्न 4. भारत में किस आर्थिक क्षेत्र के अन्तर्गत अल्प रोजगार की दशाएँ अधिक पाई जाती हैं? प्रमुख कारण बताइए।

उत्तर

प्राथमिक क्षेत्रक के अन्तर्गत अल्प रोजगार की दशाएँ अधिक पाई जाती हैं। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

  • देश का अधिकांश श्रमिक कृषि क्षेत्र में जुटा है जहाँ कार्य केवल कुछ महीनों के लिए होता है। अतः यह अल्प बेरोजगारी की स्थिति पैदा करता है।
  • परिवार के सभी सदस्य कृषि कार्य में लगे होते हैं जिसमें प्रत्येक व्यक्ति कुछ काम तो करता है किन्तु किसी को भी पूर्ण रोजगार प्राप्त नहीं होता है।
  • देश की अधिकांश जनसंख्या गाँवों में निवास कर रही है जबकि वहाँ पर रोजगार के अवसर बहुत कम हैं अतः वहाँ अल्प रोजगार अधिक पाया जाता है।
  • गाँवों में वैकल्पिक रोजगार के अवसर न होने के कारण लोग कृषि कार्यों में ही लगे रहते हैं जिससे अल्प बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।


प्रश्न 5. “यद्यपि आर्थिक गतिविधियों को प्राथमिक, द्वितीयक व तृतीयक क्षेत्रकों में विभाजित किया गया है लेकिन वे परस्पर एक दूसरे पर निर्भर हैं” इस कथन को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर

यह कथन पूर्णतः सत्य है क्योंकि:

  • प्राथमिक क्षेत्रक को उत्पादन बढ़ाने व वितरण के लिए नई तकनीकों व परिवहन की आवश्यकता होती है।
  • विनिर्माण उद्योगों के लिए कच्चा माल प्राथमिक क्षेत्रक से ही प्राप्त होता है।
  • प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्रक की सहायता से ही सेवा क्षेत्रक में नए-नए रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं।
    जैसे- भंडारण, बैंकिग, यातायात आदि।
  • तीनों क्षेत्रक परस्पर निर्भर हैं, किसी एक की भी अनुपस्थिति का अन्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


प्रश्न 6. देश में असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता है? 

उत्तर

असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों के संरक्षण हेतु अग्र उपाय अथवा सुझाव दिए जा सकते हैं-

  • ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं का विस्तार-ग्रामीण व कृषि के क्षेत्रों में विभिन्न सुविधाएँ जैसे वित्त सुविधा, शिक्षा, स्वास्थ्य, विपणन सुविधाएँ आदि का विस्तार किया जाना चाहिए।
  • लघु एवं कुटीर उद्योगों को संरक्षण विभिन्न लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास हेतु उन्हें सरकार द्वारा संरक्षण दिया जाना चाहिए।
  • पिछड़े वर्गों का उत्थान अधिकांश पिछड़े वर्ग के लोग असंगठित क्षेत्रक में कार्यरत हैं अतः सरकार को इन वर्गों के उत्थान हेतु विशेष प्रयास करने चाहिए।
  • सामाजिक सुविधाओं का विस्तार-असंगठित क्षेत्रक में सरकार को सार्वजनिक सुविधाओं का तीव्र गति से विस्तार करना चाहिए।
  • नियमों का कठोरता से पालन-असंगठित क्षेत्रकों में सरकार द्वारा बनाए नियमों की कठोरता से अनुपालना करवाई जानी चाहिए। 


प्रश्न 7. तृतीयक क्षेत्र किस प्रकार प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रों के विकास में सहायता करता है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

तृतीयक क्षेत्र निम्न प्रकार से प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों में सहायता करता है:

  • यह परिवहन के रूप में इनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बाजार तक ले जाने में सहायता करता है। 
  • यह गोदामों तक इनकी उत्पादित वस्तुएँ ले जाकर सहायता प्रदान करता है। 
  • यह उत्पादन और व्यापार हेतु वार्तालाप के लिए संचार के रूप में सहायता करता है। 
  • यह इन क्षेत्रों को पूँजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बैंक के रूप में सहायता करता है। 
  • तृतीयक क्षेत्रक प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रक को कई व्यापारिक सेवाएँ उपलब्ध करवाता है। परिवहन, भण्डारण, संचार, बैंक सेवाएँ आदि तृतीयक क्षेत्रों के उदाहरण हैं।


प्रश्न 8. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को निम्नलिखित मुद्दों पर सुरक्षा की आवश्यकता है, मजदूरी, सुरक्षा और स्वास्थ्य। उदाहरण के साथ व्याख्या करें।

उत्तर

नियोक्ता मजदूरों की रक्षा करने वाले कानूनों का पालन करने से इन्कार करते हैं। इसलिए सुरक्षा की आवश्यकता है।

  • श्रमिकों को उचित मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाता है और इसलिए उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता होती है। 
  • नौकरी सुरक्षित नहीं है, इसलिए उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है। 
  • श्रमिकों को भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, भुगतान किए गए अवकाश, चिकित्सा लाभ आदि जैसे कोई अन्य लाभ नहीं मिलते हैं।
  • सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं। 


प्रश्न 9. अल्प बेरोजगारी किसे कहते हैं? अल्प बेरोजगारी को दूर करने के तरीके बताइए जिससे अतिरिक्त रोजगार का सृजन हो सके।

उत्तर

अल्प बेरोजगारी वह स्थिति है जिसमें लोग प्रत्यक्ष रूप से काम करते हैं परन्तु उन्हें कार्य करने का अवसर उनकी क्षमता से कम मिलता है। अल्प बेरोजगारी को छिपी हुई बेरोजगारी भी कहा जाता है।

अल्प अथवा छिपी बेरोजगारी दूर करने के उपाय:

  • बैंक उचित ब्याज दर पर लोगों को ऋण दे ताकि वे स्वरोजगार कर सकें। 
  • अर्द्ध-ग्रामीण क्षेत्र में उद्योगों व सेवाओं में वृद्धि हो। 
  • किसानों के उत्पादन के भण्डारण के लिए शीत भण्डारण की व्यवस्था कराई जाए। 
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों में वृद्धि का प्रयास करना चाहिए। 
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार कार्यक्रमों एवं योजनाओं का विस्तार किया जाना चाहिए। 
  • सार्वजनिक क्षेत्रकों का अधिक विस्तार किया जाना चाहिए ताकि रोजगार के अधिक अवसर सृजित हो सकें।


प्रश्न 10. ‘जब कोई देश विकसित होता है तो प्राथमिक क्षेत्रक का योगदान घटता है तथा द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों का बढ़ता है’ ? इस कथन का विश्लेषण करें। 

उत्तर

  • विकसित देशों का इतिहास बताता है कि विकास की शुरुआत में आर्थिक क्रियाओं में प्राथमिक क्षेत्रक महत्वपूर्ण था। 
  • कृषि के तरीके में बदलाव से खाद्यान्नों का उत्पादन अधिक। अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध। 
  • विनिर्माण के लिए नए तरीके फैक्ट्रियों का उभरना व विकसित होना।
  • उत्पादन व रोजगार में द्वितीयक क्षेत्रक महत्वपूर्ण। 
  • द्वितीयक क्षेत्रकों से तृतीयक क्षेत्रकों में स्थानांतरण। कुल उत्पादन के संदर्भ में सेवा क्षेत्रक महत्त्वपूर्ण बन गया।


प्रश्न 11. देश में अतिरिक्त रोजगार के अवसर सृजित करने के उपाय बताइये। 

उत्तर

देश में निम्न उपायों से अतिरिक्त रोजगार अवसर सृजित किए जा सकते हैं:

  • कृषि क्षेत्रक का विकास कर अतिरिक्त रोजगार अवसर सृजित किए जा सकते हैं। 
  • कृषि में सहायक गतिविधियों का विकास किया जाना चाहिए। 
  • लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास किया जाना चाहिए। 
  • औद्योगिक क्षेत्रक में अंतिरिक्त विनियोग करना चाहिए। 
  • सरकार को सार्वजनिक क्षेत्रक का विस्तार कर अतिरिक्त रोजगार अवसर उत्पन्न करने का प्रयास करना चाहिए।
  • देश में आधारभूत संरचना का विकास करना चाहिए ताकि कृषि एवं उद्योगों का विकास हो सके एवं रोजगार अवसरों में वृद्धि हो सके।
  • देश में निजी क्षेत्रक में भी विनियोग को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए।
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