Extra Question Answer for Chapter 5 नहीं होना बीमार Class 7 Hindi NCERT मल्हार
Extra Question Answer for Chapter 5 नहीं होना बीमार Class 7
We have included all types of important questions for Chapter 5 नहीं होना बीमार class 7 hindi which could be asked in the examination. By studying these important questions which has been taken from the prescribed NCERT Hindi textbook Malhar for Class 7. Types of important questions included are True/False, MCQ, Very Short Answer Questions (VSAQ), Short Answer Questions (SAQ), Long Answer Questions (LAQ) and Paragraph Based Questions.
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1. सुधाकर काका कहाँ भर्ती थे?
(a) घर में
(b) अस्पताल में
(c) वृद्धाश्रम में
(d) नर्सिंग होम में
उत्तर
(b) अस्पताल में
प्रश्न 2. नन्हा क्यों सुधाकर काका को देखने अस्पताल गया?
(a) वह खुद बीमार था
(b) नानीजी उसे साथ ले गईं
(c) वह स्कूल नहीं जाना चाहता था
(d) वह नर्स से मिलना चाहता था
उत्तर
(b) नानीजी उसे साथ ले गईं
प्रश्न 3. सुधाकर काका को नानीजी क्या खिलाने लाई थीं?
(a) बर्फी
(b) कचौड़ी
(c) साबूदाने की खीर
(d) पंजीरी
उत्तर
(c) साबूदाने की खीर
प्रश्न 4. अस्पताल का माहौल नन्हे को कैसा लगा?
(a) शोरगुल वाला और गंदा
(b) शांत और साफ-सुथरा
(c) डरावना और अंधेरा
(d) भीड़भरा और गर्म
उत्तर
(b) शांत और साफ-सुथरा
प्रश्न 4. नन्हे ने बीमारी का बहाना क्यों बनाया?
(a) उसे सचमुच बुखार था
(b) वह स्कूल से छुट्टी करना चाहता था
(c) उसे साबूदाने की खीर खानी थी
(d) वह नानाजी से डरता था
उत्तर
(b) वह स्कूल से छुट्टी करना चाहता था
प्रश्न 5. नानाजी ने बीमारी की जाँच कैसे की?
(a) डॉक्टर को बुलाकर
(b) थर्मामीटर लगाकर
(c) सिर और नब्ज देखकर
(d) कुछ नहीं किया
उत्तर
(c) सिर और नब्ज देखकर
प्रश्न 6. नन्हे को बीमारी का बहाना बनाने का क्या परिणाम भुगतना पड़ा?
(a) उसे स्कूल जाना पड़ा
(b) उसे भूखे रहना पड़ा और कड़वी दवा खानी पड़ी
(c) उसे साबूदाने की खीर मिली
(d) उसे बाहर खेलने की अनुमति मिली
उत्तर
(b) उसे भूखे रहना पड़ा और कड़वी दवा खानी पड़ी
प्रश्न 7. नन्हे को बार-बार क्यों झपकी आती थी?
(a) थकान से
(b) नींद पूरी नहीं हुई थी
(c) ऊब के कारण
(d) सजा से डर के कारण
उत्तर
(c) ऊब के कारण
प्रश्न 8. नन्हे को बार-बार किस प्रकार के भोजन के सपने आ रहे थे?
(a) स्वादिष्ट व्यंजनों के
(b) मिठाई के
(c) होटल के खाने के
(d) फल-सब्जियों के
उत्तर
(a) स्वादिष्ट व्यंजनों के
प्रश्न 9. नन्हे को सबसे ज़्यादा पछतावा किस बात का हुआ?
(a) खीर न मिलने का
(b) होमवर्क न करने का
(c) आम न खाने का
(d) बीमार बनने का नाटक करने का
उत्तर
(d) बीमार बनने का नाटक करने का
प्रश्न 10. नन्हे किसकी दुकान की चहल-पहल देखना चाहता था?
(a) चंदू भाई ड्राइक्लीनर
(b) मुरली हलवाई
(c) प्रेम स्टोर
(d) घनश्याम टेलर
उत्तर
(a) चंदू भाई ड्राइक्लीनर
प्रश्न 11. नानीजी किस प्रकार की महिला थीं?
(a) कठोर
(b) दयालु और देखभाल करने वाली
(c) गुस्सैल
(d) लापरवाह
उत्तर
(b) दयालु और देखभाल करने वाली
प्रश्न 12. नन्हे ने क्या-क्या खाना कल्पना में देखा?
(a) बर्फी, गुलाबजामुन
(b) खस्ता कचौड़ी, गोलगप्पे
(c) सब्जी-रोटी
(d) पिज्जा
उत्तर
(b) खस्ता कचौड़ी, गोलगप्पे
प्रश्न 13. थर्मामीटर क्यों नहीं मिल पाया?
(a) टूट गया था
(b) खो गया था
(c) कोई माँगकर ले गया था
(d) लेखक ने छुपा दिया था
उत्तर
(c) कोई माँगकर ले गया था
प्रश्न 14. इस कहानी से नन्हे ने क्या सीखा?
(a) बीमार होने में मजा है
(b) स्कूल से छुट्टी के लिए बीमारी का बहाना नहीं बनाना चाहिए
(c) साबूदाने की खीर स्वादिष्ट होती है
(d) अस्पताल में रहना अच्छा है
उत्तर
(b) स्कूल से छुट्टी के लिए बीमारी का बहाना नहीं बनाना चाहिए
रिक्त स्थान भरें
1. नन्हा _____ के साथ सुधाकर काका को देखने अस्पताल गया।
उत्तर
नानीजी
• नानीजी नन्हे को साथ लेकर सुधाकर काका को देखने अस्पताल गईं।
2. अस्पताल में नन्हे को ______ और साफ-सुथरा माहौल अच्छा लगा।
उत्तर
शांत
• अस्पताल का शांत और साफ-सुथरा माहौल नन्हे को बहुत अच्छा लगा।
3. नन्हे ने बीमारी का बहाना बनाया क्योंकि उसे ____ नहीं जाना था।
उत्तर
स्कूल
व्याख्या: नन्हे ने होमवर्क न करने और सजा से बचने के लिए स्कूल न जाने का बहाना बनाया।
4. नानाजी ने नन्हे को ______ और काढ़े जैसी चाय दी।
उत्तर
कड़वी पुड़िया
• नानाजी ने नन्हे को बीमारी समझकर कड़वी पिलिया और काढ़े जैसी चाय दी।
5. नन्हे ने सीखा कि बीमारी का ______ नहीं बनाना चाहिए।
उत्तर
बहाना
• नन्हे ने अनुभव से सीखा कि स्कूल से बचने के लिए बीमारी का बहाना नहीं बनाना चाहिए।
मिलान कीजिए
|
क |
ख |
|
1. नन्हा अस्पताल क्यों गया |
a. बीमारी का बहाना नहीं बनाना चाहिए |
|
2. अस्पताल का माहौल |
b. नानीजी के साथ सुधाकर काका को देखने |
|
3. नन्हे ने बीमारी का नाटक क्यों किया |
c. शांत और साफ-सुथरा |
|
4. बीमारी के बहाने का परिणाम |
d. स्कूल से छुट्टी के लिए |
|
5. कहानी का मुख्य सन्देश |
e. भूख, कड़वी दवा और बोरियत |
उत्तर
|
क |
ख |
|
1. नन्हा अस्पताल क्यों गया |
b. नानीजी के साथ सुधाकर काका को देखने |
|
2. अस्पताल का माहौल |
c. शांत और साफ-सुथरा |
|
3. नन्हे ने बीमारी का नाटक क्यों किया |
d. स्कूल से छुट्टी के लिए |
|
4. बीमारी के बहाने का परिणाम |
e. भूख, कड़वी दवा और बोरियत |
|
5. कहानी का मुख्य सन्देश |
a. बीमारी का बहाना नहीं बनाना चाहिए |
व्याख्या:
(1–b) नन्हा नानीजी के साथ सुधाकर काका को देखने अस्पताल गया।
(2–c) अस्पताल का माहौल शांत और साफ-सुथरा था, जो नन्हे को अच्छा लगा।
(3–d) नन्हे ने स्कूल से छुट्टी और सजा से बचने के लिए बीमारी का नाटक किया।
(4–e) बीमारी के बहाने से नन्हे को भूख, कड़वी दवा और बोरियत का सामना करना पड़ा।
(5–a) कहानी सिखाती है कि बीमारी का बहाना नहीं बनाना चाहिए।
अति-लघु उत्तर प्रश्न
प्रश्न 1. सुधाकर काका को नानीजी ने क्या खिलाया?
उत्तर
नानीजी ने सुधाकर काका को साबूदाने की खीर खिलाई।
प्रश्न 2. लेखक ने स्कूल न जाने का निर्णय क्यों लिया?
उत्तर
लेखक ने स्कूल न जाने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उसने होमवर्क नहीं किया था और वह छुट्टी करना चाहता था।
प्रश्न 3. नन्हे ने बीमारी का नाटक करते समय कौन-सी शिकायतें बताईं?
उत्तर
नन्हे ने सिरदर्द, पेट दुखने, और बुखार की शिकायतें बताईं।
प्रश्न 4. नानाजी ने नन्हे की बीमारी की जाँच कैसे की?
उत्तर
नानाजी ने नन्हे का माथा छूकर, पेट देखकर, और नब्ज देखकर जाँच की।
प्रश्न 5. कुसुम मौसी रोज की तरह नाश्ता छोड़कर कहाँ के लिए भागी?
उत्तर
कुसुम मौसी रोज की व्ररह नाश्म छोड़कर कॉलेज बस पकड़ने के लिए भागी।
प्रश्न 6. लेखक को बीमार पड़ने का बहाना करने के बाद क्या खाने की सबसे ज़्यादा इच्छा हो रही थी ?
उत्तर
लेखक को बीमार पड़ने का बहाना करने के बाद साबूदाने की खीर खाने की सबसे ज़्यादा इच्छा हो रही थी ।
प्रश्न 7. नन्हे को दिन भर बिस्तर पर रहने से क्या परेशानी हुई?
उत्तर
नन्हे को बोरियत हुई और उसकी पीठ दुखने लगी।
प्रश्न 8. लेखक ने रजाई क्यों छोड़ दी थी?
उत्तर
भूख और बाहर की खाने की त्रुशबुओं से परेशान होकर लेखक रजाई छोड़कर बाहर झाँकने चला गया।
प्रश्न 9. मन्नू के आम चूसने से नन्हा क्यों नाराज हुआ?
उत्तर
नन्हा नाराज हुआ क्योंकि उसे भूख लगी थी और मन्नू बिना उसे पूछे आम चूस रहा था।
प्रश्न 10. लेखक को क्या-क्या खाने की इच्छा हुई?
उत्तर
लेखक को साबूदाने की खीर, कचौड़ी, वर्फी, गोलगमे आदि खाने की इच्छा हुई।
लघु उत्तर प्रश्न
प्रश्न 1. अस्पताल में नन्हे ने क्या-क्या देखा जो उसे आकर्षक लगा?
उत्तर
नन्हे ने अस्पताल में साफ-सुथरे पलंग, सफेद चादरें, लाल कंबल, हरे परदे, चमकता फर्श, और खिड़कियों के पास हरे पेड़ देखे, जो उसे आकर्षक लगे।
प्रश्न 2. अस्पताल में सुधाकर काका को देखकर नानीजी ने क्या किया और उनका व्यवहार कैसा था?
उत्तर
नानीजी सुधाकर काका से मिलकर बहुत भावुक हो गई। उन्होंने काका के सिर पर हाथ फेरा, प्यार जताया और उनकी सेवा में लग गई। उनका व्यवहार अत्यंत स्नेही और ममता भरा था।
प्रश्न 3. नन्हे ने स्कूल न जाने के लिए क्या योजना बनाई और क्यों?
उत्तर
नन्हे ने बीमारी का नाटक करने की योजना बनाई क्योंकि उसने होमवर्क नहीं किया था और वह स्कूल में सजा से बचना चाहता था।
प्रश्न 4. लेखक को बीमार होने की इच्छा क्यों हुई?
उत्तर
लेखक को बीमार होने की इच्छा इसलिए हुई, क्योंकि उसने देखा कि बीमार लोगों को विशेष ध्यान और आराम मिलता है। अस्पताल में सुधाकर काका को आराम करते और साबूदाने की खीर खाते देख वह प्रभावित हुआ और उसने सोचा कि बीमार होना मजेदार अनुभव हो सकता है।
प्रश्न 5. नानाजी ने बीमारी की पुष्टि कैसे की?
उत्तर
नानाजी ने बीमारी की पुष्टि पारंपरिक तरीकों से की। उन्होंने लेखक का सिर छूकर देखा, फिर नब्ज टटोली और आँखों में देखकर अंदाज़ा लगाया।
प्रश्न 6. नानाजी ने बीमारी के लिए भूखे रहने को क्यों अच्छा बताया?
उत्तर
नानाजी ने कहा कि भूखे रहने से शरीर के सारे विकार निकल जाते हैं, इसलिए बीमारी में कुछ न खाना सबसे अच्छा उपाय है।
प्रश्न 7. नानीजी और नानाजी का लेखक के प्रति व्यवहार कैसा था?
उत्तर
नानीजी और नानाजी दोनों ही लेखक के प्रति स्नेही हैं, लेकिन व्यावहारिक भी हैं। नानीजी प्यार से उसका हालचाल पूछती हैं, सिर सहलाती हैं। नानाजी उसकी बीमारी की जाँच करते हैं।
प्रश्न 8. लेखक को दिन भर लेटे रहने से क्या अनुभव हुआ?
उत्तर
लेखक दिन भर लेटे रहने से ऊबने लगा और उसे भूख लगी। वह बाहर की हलचल, खेल और स्वादिष्ट खाने को तरसना लगा और उसे महसूस हुआ कि स्कूल जाना बेहतर था।
प्रश्न 9. नन्हे को बाहर की चहल-पहल देखने की इच्छा क्यों हुई?
उत्तर
नन्हे को बिस्तर पर लेटे-लेटे बोरियत हो रही थी, इसलिए वह बाहर की रोशनी, गली की चहल-पहल, और दुकानों की गतिविधियाँ देखना चाहता था।
प्रश्न 10. नन्हे को खाने की कौन-सी चीजें याद आईं और क्यों?
उत्तर
नन्हे को खस्ता कचौड़ी, मावे की बर्फी, गोलगप्पे, और साबूदाने की खीर याद आईं क्योंकि उसे भूख लगी थी और वह बीमारी में खीर खाने की कल्पना कर रहा था।
प्रश्न 11. लेखक को सबसे अधिक किस बात की तकलीफ हुई?
उत्तर
लेखक को सबसे अधिक तकलीफ इस बात की हुई कि सब लोग आम खा रहे थे और वह बीमार होने के कारण वह उन्हें खा नहीं पाया। उसका भाई मुन्नू मजे से आम खा रहा था, जिससे लेखक को जलन भी हो रही थी और अफसोस भी। उसे लगा कि अगर वह स्कूल चला जाता तो यह सब आनंद ले सकता था।
प्रश्न 12. स्वयं प्रकाश की लेखन शैली की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर
स्वयं प्रकाश की लेखन शैली सरल, सहज और संवादप्रधान होती है। उनकी कहानियाँ आम जीवन की घटनाओं से जुड़ी होती हैं, जिनमें हास्य के माध्यम से गहरे जीवन-संदेश छुपे होते हैं। पाठक को लगता है जैसे कहानी उनके आस-पास की ही कोई बात हो।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.‘नहीं होना बीमार’ कहानी का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर
यह कहानी एक बच्चे द्वारा बीमारी का बहाना बनाकर स्कूल न जाने की कोशिश पर आधारित है, लेकिन उसे इसका नकारात्मक अनुभव होता है। कहानी का मुख्य विषय यह है कि बीमारी का झूठा बहाना बनाना हानिकारक हो सकता है और इससे व्यक्ति अपने आनंद और अवसरों से वंचित हो सकता है। यह बालमनोविज्ञान को हास्य के साथ प्रस्तुत करती है।
प्रश्न 2. कहानी का मुख्य पात्र कौन है और वह क्या चाहता है?
उत्तर
कहानी का मुख्य पात्र एक बच्चा है, जो स्कूल न जाने के लिए बीमारी का बहाना बनाता है। वह चाहता है कि उसे स्कूल न भेजा जाए और वह घर पर आराम से मज़े कर सके। लेकिन धीरे-धीरे उसे एहसास होता है कि बीमारी का बहाना बनाकर वह अपने सुखों से वंचित हो गया है। अंत में वह पछताता है और दोबारा ऐसा न करने का निश्चय करता है।
प्रश्न 3. लेखक ने अस्पताल के माहौल का किस तरह से वर्णन किया और उसे वहाँ क्यों अच्छा महसूस हुआ ?
उत्तर
लेखक ने अस्पताल के माहौल को शांति और सुकून भरा बताया। सफ़ेद दीवारें, ऊँची छत, हरे-हरे पेड़ और खिड़कियों से आती ताजगी ने उसे आकर्षित किया। वहाँ न तो ट्रैफिक का शोर था, न धूल, और न मच्छर-मक्खियाँ। केवल धीमी-धीमी गुनगुनाहट और शांति थी। लेखक को वहाँ अच्छा महसूस हुआ क्योंकि वहाँ का वातावरण उसको आराम और शांति का अनुभव करा रहा था।
प्रश्न 4. लेखक ने सुधाकर काका के साथ बिताए समय को किस दृष्टिकोण से देखा और उनके स्थान पर क्यों रहना चाहा?
उत्तर
लेखक ने सुधाकर काका के स्थान पर खुद के रहने की इच्छा व्यक्त की क्योंकि उसने उन्हें बीमार होने के बावजूद आरामदायक स्थिति में देखा था। सुधाकर काका को अस्पताल में एक साफ-सुथरे बिस्तर पर लेटे रहने और साबूदाने की खीर खाने का आनंद मिल रहा था, जिसे देखकर लेखक को भी ऐसा अनुभव करने की इच्छा हुई। उसने सोचा कि काश! वह काका की जगह होता, ताकि वह आराम से लेटकर खीर खा सकता।
प्रश्न 5. लेखक ने खुद को बीमार साबित करने के लिए किस- किस तरह के बहाने बनाए और उसके परिवार वालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर
लेखक ने खुद को बीमार साबित करने के लिए सिर में दर्द, पेट दर्द और बुखार का बहाना बनाया । नानीजी और नानाजी ने शुरू में उसे देखा और कुछ उपाय करने की कोशिश की । नानाजी ने उसका माथा छुआ, पेट देखा और नब्ज देखी, लेकिन कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई दिए। बाद में नाना जी ने उसे कड़वी पुड़िया और काढ़े जैसी चीज़ दी। परिवार वालों की प्रतिक्रिया यह थी कि वह आराम करें और खाना न खाए ।
प्रश्न 6. लेखक को खाने की सबसे अधिक इच्छा किस चीज़ की थी और क्यों?
उत्तर
लेखक को खाने की सबसे अधिक इच्छा साबूदाने की खीर की थी, क्योंकि उसने अस्पताल में सुधाकर काका को बीमारी में वही खीर खाते देखा था। उस समय उसे वह बहुत स्वादिष्ट और विशेष लगी धी। लेखक को लगा था कि बीमार होने पर आरामदायक बिस्तर मिलेगा और मनपसंद चीज़ें खाने को मिलेंगी, इसलिए वह भी बीमारी का नाटक करके वही अनुभव करना चाहता था।
प्रश्न 7. लेखक की बीमारी का नाटक कैसे असफल हुआ?
उत्तर
लेखक की बीमारी का नाटक धीरे-धीरे असफल होता गया। नानाजी ने उसकी हालत की जाँच की और कोई असली बीमारी नहीं पाई। नानीजी ने भी कोई विशेष देखभाल नहीं की। लेखक को कुछ खाने को नहीं मिला और उसे अकेलेपन का अनुभव हुआ। उसके सारे सपने टूट गए और अंत में उसे पछतावा होने लगा कि उसने झूठ बोलकर खुद को मुसीबत में डाला।
प्रश्न 8. लेखक को कहानी के अंत में किस बात का सबसे अधिक पछतावा हुआ?
उत्तर
कहानी के अंत में लेखक को सबसे अधिक पछतावा इस बात का हुआ कि उसने बीमारी का नाटक किया। वह सोचता है कि अगर वह स्कूल गया होता, तो दोस्तों से मिलता, आम खा सकता था और घर के बाहर की चहल-पहल का आनंद लेता। उसकी योजना उलटी पड़ गई और उसे भूखा, अकेला और उदास रहना पड़ा। अंत में वह मानता है कि बीमारी का झूठा नाटक उसे भारी पड़ गया।
प्रश्न 9. बीमार होने का नाटक करते समय लेखक को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?
उत्तर
बीमार होने का नाटक करते समय लेखक को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। सबसे पहले उसे कड़वी दवा और काबे जैसी चाय पीनी पड़ी। फिर पूरे दिन उसे भूखा रहना पड्रा, क्योंकि नानाजी ने खाने से मना कर दिया था। वह बिस्तर पर लेटा-लेटा ऊब गया, पीठ दर्द करने लगी और उसे बाहर जाने की भी अनुमति नहीं मिली। खाने की खुशबू और आम देखकर उसकी परेशानी और बढ़ गई।
गद्यांश आधारित प्रश्न
गद्य 1
एक दिन मुझे साथ लेकर नानीजी हमारे पड़ोसी सुधाकर काका को देखने गईं, जो बीमार थे। वे अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल जाने का यह मेरा पहला अवसर था।
एक बड़े से वार्ड में कई एक जैसे पलंग लाइन से लगे हुए थे। सब पर एक जैसी सफेद चादर और लाल कंबल । सफेद दीवारें, ऊँची छत, खिड़कियों पर हरे परदे और फर्श एकदम चमकता हुआ। एक पलंग पर सुधाकर काका लेटे हुए थे। एकदम पास पहुँचने पर दिखाई दिया।
हमें देखकर सुधाकर काका जैसे खुश हो गए। नानीजी ने उनके सिर पर हाथ फेरा और उनके सिरहाने खड़ी हो गईं और हालचाल पूछने लगीं।
अस्पताल का माहौल मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पास हरे-हरे पेड़ झूम रहे थे। न ट्रैफिक का शोरगुल, न धूल, न मच्छर-मक्खी…। सिर्फ लोगों के धीरे-धीरे बातचीत करने की धीमी-धीमी गुनगुन । बाकी एकदम शांति।
तभी सफेद कपड़ों में एक नर्स आई। नर्स ने नानीजी को देखकर अभिवादन में सिर हिलाया
और काका को दवा खिलाई। नानीजी काका के लिए साबूदाने की खीर बनाकर लाई थीं। नर्स से पूछा कि खिला दूँ क्या? नर्स के हाँ कहने पर उसके जाने के बाद नानीजी ने चम्मच से धीरे-धीरे काका को साबूदाने की खीर खिलाई। काका ने बहुत स्वाद लेकर खीर खाई।
प्रश्न 1. लेखक पहली बार कहाँ गया था?
(क) स्कूल
(ख) मेले
(ग) अस्पताल
(घ) पुस्तकालय
उत्तर
(ग) अस्पताल
प्रश्न 2. सुधाकर काका को क्या खिलाया गया?
(क) फल(ख) खिचड़ी
(ग) दूध
(घ) साबूदाने की खीर
उत्तर
(घ) साबूदाने की खीर
प्रश्न 3. लेखक को अस्पताल का कौन-सा वातावरण अच्छा लगा?
(ख) शांति और साफ-सफाई
(ग) तेज़ रोशनी
(घ) ठंडी हवा
उत्तर
(ख) शांति और साफ-सफाई
प्रश्न 4. नर्स ने किस रंग के कपड़े पहने हुए थे?
(क) लाल
(ख) हरा
(ग) सफ़ेद
(घ) नीला
उत्तर
(ग) सफ़ेद
गद्य 2
मुझे पता था घर में कोई नहीं है। थर्मामीटर लगा भी लिया तो देखेगा कौन? पर खुद को बीमार साबित करने के लिए यह चाल अच्छी थी। बहुत हूँढा गया पर थर्मामीटर मिला ही नहीं। शायद कोई माँगकर ले गया था। फिर नानाजी की आवाज आई, “ले, पुड़िया खा ले!” न चाहते हुए भी मुझे कड़बी पुड़िया खानी पड़ी और काड़े जैंसी चाय पीनी पड़ी। फिर नानाजी बोले, “आज इसे कुछ खाने को मत देना। आराम करने दो। शाम को देखेंगे।” दोनों चले गए।प्रश्न 1. थर्मामीटर क्यों नहीं मिला?
उत्तर
धर्मामीटर नहीं मिला, क्योंकि शायद कोई माँग कर ले गया था।
प्रश्न 2. गद्यांश के लेखक को पुड़िया क्यों खानी पड़ी?
उत्तर
गद्यांश के लेखक को पुड़िया इसलिए खानी पड़ी, क्योंकि उसने झुठ बोलकर बीमारी का बहाना बनाया था।
प्रश्न 3. गद्यांश में पुड़िया और काढ़ा जैसी चाय के बारे में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर
गद्यांश में पुड़िया कड़वी थी और काढ़े जैसी चाय पीने को कहा गया था, जिससे वह संकेत मिलता है कि पात्र को बीमारी का इलाज दिया जा रहा था।
गद्य 3
पास के कमरे में होती खटर पटर से अंदाजा हुआ कि मुन्नू स्कूल से आ गया है। तो क्या एक बज गया? अब बरतनों की आवाज आ रही है। शायद सब लोग खाना खाने बैठ रहे हैं। मुन्नू एक बार भी मुझे देखने नहीं आया। आया भी होगा तो दबे पाँव आया होगा और मुझे सोता जान लौट गया होगा । …. वो खाना खा रहे हैं। चबाने की आवाजें आ रही हैं। देखो ! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा? पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता । कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता। लेकिन नहीं। भूखे रहो !! इससे सारे विकार निकल जाएँगे। विकार निकल जाएँ बस । चाहे इस चक्कर में तुम खुद शिकार हो जाओ।प्रश्न 1. ‘पास के कमरे में होती खटर पटर से अंदाजा हुआ कि मुन्नू स्कूल से आ गया है।’ इस वाक्य से क्या संकेत मिलता है ?
उत्तर
इस वाक्य से यह संकेत मिलता है कि कमरे में हो रही खटर-पटर से बच्चे को मुन्नू के स्कूल से आने का अनुमान हुआ।
प्रश्न 2. ‘मुन्नू एक बार भी मुझे देखने नहीं आया।’ इस वाक्य से बच्चे को क्या महसूस हो रहा है?
उत्तर
बच्चे को यह महसूस हो रहा है कि मुन्नू ने उसे कोई महत्व नहीं दिया और उसे देखने नहीं आया।
प्रश्न 3. ‘वो खाना खा रहे हैं । चबाने की आवाजें आ रही हैं।’ इस वाक्य से बच्चे को क्या एहसास हो रहा है?
उत्तर
बच्चा को यह एहसास हो रहा है कि सब लोग आराम से खाना खा रहे हैं, जबकि वह भूखा पड़ा है और कोई भी उसे पूछने नहीं आया।
प्रश्न 4. ‘अगर पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता । कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता।’ इस वाक्य में बच्चा क्या संकेत दे रहा है?
उत्तर
बच्चा यह संकेत दे रहा है कि वह बहुत साधारण चीज़, जैसे साबूदाने की खीर ही माँगता, न कि कोई बड़ी या महँगी चीज़ ।
गद्य 4
नानाजी आए। बोले – “अब कैसा है सिरदर्द?” मैंने कहा, “ठीक है” फिर भी एक पुड़िया और खिला गए ।
अचानक मुझे भूख-सी लगी। फल या साबूदाने की खीर मिलने की उम्मीद की तो सुबह ही हत्या हो चुकी थी। अब नानीजी से जाकर कहूँ कि भूख लग रही है तो वे क्या करेंगी? ज्यादा से ज्यादा यही कि दूध पी ले। या नानाजी से पूछने चली जाएँगी – वो कह रहा है भूख लगी है। और फिर नानाजी क्या कहेंगे? वही जो सुबह कह रहे थे – तबियत ढीली हो तो सबसे अच्छा उपाय है भूखे रहना। इससे सारे विकार निकल जाएँगे।
क्या मुसीबत है! पड़े रहो! आखिर कब तक कोई पड़ा रह सकता है? इससे तो स्कूल चला जाता तो ही ठीक रहता। सजा मिलती तो मिल जाती। कितना मजा आता जब रिसेस में ठेले पर जाकर नमक मिर्च लगे अमरूद खाते कटर-कटर ।
फिर झपकी लग गई।
लेकिन भूख के कारण ठीक से नींद भी नहीं आ रही थी। और आँख जरा लगती भी तो खाने ही खाने की चीजें दिखाई देतीं। गरमागरम खस्ता कचौड़ी…. मावे की बर्फी… बेसन की चिक्की….. गोलगप्पे। और सबसे ऊपर साबूदाने की खीर ! पता नहीं क्यों साबूदाने की खीर सिर्फ उपवास और बीमारी में ही बनाई जाती है। जैसे गुझिया सिर्फ होली – दिवाली और पंजीरी सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही बनाई जाती है। क्यों? क्या ये चीजें जब इच्छा हो तब नहीं बनाई जा सकतीं। कोई मना करता है?
प्रश्न 1. लेखक को भूख लगने पर सबसे पहले किस चीज़ की उम्मीद थी?
(क) गरमागरम खस्ता कचौड़ी
(ख) दूध
(ग) साबूदाने की खीर या फल
(घ) बेसन की चिक्की
उत्तर
(ग) साबूदाने की खीर या फल
प्रश्न 2. लेखक के अनुसार साबूदाने की खीर कब बनाई जाती है?
(क) जब मेहमान आते हैं
(ख) जब कोई बीमार हो या उपवास हो
(ग) होली-दीवाली पर
(घ) किसी भी समय
उत्तर
(ख) जब कोई बीमार हो या उपवास हो
प्रश्न 3. लेखक स्कूल क्यों नहीं गया था?
(क) बारिश हो रही थी
(ख) उसे सच में बुखार था
(ग) स्कूल में छुट्टी थी
(घ) उसका मन नहीं था और होमवर्क नहीं किया था
उत्तर
(घ) उसका मन नहीं था और होमवर्क नहीं किया था
प्रश्न 4. नानाजी लेखक को क्या खिला कर गए?
(क) अमरुद
(ख) खीर
(ग) दवाई
(घ) पुड़िया
उत्तर
(घ) पुड़िया
गद्य 5
कुछ देर बाद जब मेरी आँख खुली मुझे बड़ी तेज इच्छा हुई कि इसी समय बाहर निकलकर दिन की रोशनी में अपनी गली की चहल-पहल देखूँ। देखा जाए कि चंदूभाई ड्राइक्लीनर क्या कर रहे हैं ? तेजराम की दुकान पर कितने ग्राहक बैठे हैं? महेश घी सेंटर ने मलाई का भगोना आँच पर चढ़ाया या नहीं और टेलीफोन के तारों पर कितनी चिड़िया बैठी हैं ? लेकिन मजबूरी थी। चाहे जितनी ऊब हो, लेटे ही रहना था।
प्रश्न 1. ‘दिखा जाए कि चंदूभाई ड्राइक्लीनर क्या कर रहे हैं? ‘ यह वाक्य किस ओर संकेत कर रहा है?
उत्तर
यह वाक्य इस बात की ओर संकेत करता है कि बच्चा यह देखना चाहता था कि चंदूभाई, जो कि ड्राइक्लीनिंग का काम करते हैं, इस समय वे क्या कर रहे हैं।
प्रश्न 2. ‘तेजराम की दुकान पर कितने ग्राहक बैठे हैं?’ यह वाक्य क्या दर्शाता है?
उत्तर
यह वाक्य दर्शाता है कि बच्चे को यह जानने की उत्सुकता कि तेजराम की दुकान पर इस समय कितने ग्राहक हैं और क्या हो रहा है?
प्रश्न 3. ‘महेश घी सेंटर ने मलाई का भगोना आँच पर चढ़ाया या नहीं?’ यह वाक्य किससे संबंधित है और इस संदर्भ में बच्चा क्या जानना चाहता है?
उत्तर
यह वाक्य महेश घी सेंटर से संबंधित है, इस संदर्भ में बच्चा जानना चाहता है कि वहाँ मलाई बनाने का काम चल रहा है या नहीं।
प्रश्न 4. ‘लेकिन मजबूरी थी । चाहे जितनी ऊब हो, लेटे ही रहना था।’ इस वाक्य से क्या भाव व्यक्त होता है?
उत्तर
इस वाक्य से यह भाव व्यक्त होता है कि बच्चे को बिस्तर पर लेटे रहने की मजबूरी थी, चाहे उसे कितना भी ऊब महसूस हो रहा हो।