Extra Question Answer for Chapter 6 गिरीधर कविराय की कुंडलिया Class 7 Hindi NCERT मल्हार

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Extra Question Answer for Chapter 6 गिरीधर कविराय की कुंडलिया Class 7

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बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

प्रश्न 1. कविता का मुख्य विषय क्या है?

(a) युद्ध और साहस
(b) धन का महत्व
(c) बिना सोचे काम करने के नुकसान और भविष्य पर ध्यान देना
(d) प्रकृति का सौंदर्य

उत्तर

(c) बिना सोचे काम करने के नुकसान और भविष्य पर ध्यान देना


प्रश्न 2. गिरिधर कविराय की कविताएँ कैसी भाषा में लिखी गई हैं?

(a) जटिल और कठिन
(b) विदेशी शब्दों वाली
(c) संस्कृत मिश्रित
(d) सरल और सीधी

उत्तर

(d) सरल और सीधी


प्रश्न 3. पहली कुंडलिया में बिना सोचे काम करने का क्या परिणाम बताया गया है?

(a) सम्मान मिलता है
(b) धन की हानि होती है
(c) पछतावा होता है
(d) खुशी मिलती है

उत्तर

(c) पछतावा होता है


प्रश्न 4. बिना सोचे काम करने वाले व्यक्ति का क्या होता है?

(a) वह धनवान बनता है
(b) लोग उसका मजाक उड़ाते हैं
(c) उसका सम्मान बढ़ता है
(d) वह शांति पाता है

उत्तर

(b) लोग उसका मजाक उड़ाते हैं


प्रश्न 5. हमें बाद में क्यों पछताना पड़ता है?

(a) जब हम सोचे-समझे किसी काम को करते हैं
(b) जब हम बिना सोचे-समझे किसी काम को करते हैं
(c) जब हम किसी काम को समय से पहले करते हैं
(d) जब हम किसी दूसरे से अपना काम करवाते हैं

उत्तर

(ख) जब हम बिना सोचे-समझे किसी काम को करते हैं


प्रश्न 6. पहली कुंडलिया के अनुसार बिना सोचे काम करने से मन को क्या नहीं मिलता?

(a) प्रसिद्धि
(b) स्वास्थ्य
(c) धन
(d) चैन

उत्तर

(d) चैन


प्रश्न 7. हमें क्या भूलकर आगे बढ़ना चाहिए?

(a) जो भी बातें या घटनाएँ अभी घटित नहीं हुई हैं
(b) जो भी व्यक्ति हमारे बारे में बुरा सोचता है
(c) जो भी बातें या घटनाएँ घटित हो चुकी हैं या बीत चुकी हैं
(d) जो भी बातें या घटनाएँ अभी घटित होने वाली है

उत्तर

(c) जो भी बातें या घटनाएँ घटित हो चुकी हैं या बीत चुकी हैं


प्रश्न 8. कोई भी व्यक्ति हँसी का पात्र कब बन जाता है?

(a) जब कोई व्यक्ति अपना काम समय से नहीं करता है
(b) जब कोई व्यक्ति अपना काम दूसरों से करवाता है
(c) जब कोई व्यक्ति अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है
(d) जब कोई व्यक्ति अपना काम बिना विचार किए करता है

उत्तर

(घ) जब कोई व्यक्ति अपना काम बिना विचार किए करता


प्रश्न 9. पहली कुंडलिया में बिना सोचे काम करने से क्या नहीं भाता?

(a) यात्रा करना
(b) खाना-पीना और सम्मान
(c) पढ़ाई करना
(d) खेलना-कूदना

उत्तर

(b) खाना-पीना और सम्मान


प्रश्न 10. ‘बिगारै’ का क्या अर्थ है?

(a) बिगाड़ना
(b) सवारना
(c) बात को बिगाड़ना
(d) बिना द्वेष के

उत्तर

(क) बिगाड़ना


प्रश्न 11. ‘बिसारि दे’ का क्या अर्थ है?

(a) दया दे
(b) विनती कर
(c) बता दे
(d) भुला दे

उत्तर

(d) भुला दे


प्रश्न 12. ‘परतीती’ का क्या अर्थ है?

(a) पराया
(b) पतझड़
(c) दृढ़ विश्वास
(d) दृढ़ता

उत्तर

(c) दृढ़ विश्वास


प्रश्न 13. ‘खता’ का क्या अर्थ है?

(a) पछतावा
(b) हैरानी
(c) नाराजगी
(d) पत्र

उत्तर

(a) पछतावा


प्रश्न 14. ‘बिना बिचारे जो करै, सो पाछे पछिताय’ अर्थ है?

(a) जो विचार बिना सोचे समझे आए वह बुरा है
(b) जो बिना सोचे-समझे किसी काम को करते हैं, बाद में उन्हें पछताना पड़ता है
(c) बाद में पछताना पड़ता है उस काम को त्याग दो
(d) बिना विचार के कभी नहीं पछताना पड़ता

उत्तर 

(b) जो बिना सोचे-समझे किसी काम को करते हैं, बाद में उन्हें पछताना पड़ता है


प्रश्न 15. ‘खटकत है जिय मांहि, कियो जो बिना बिचारे’ का क्या आशय है?

(a) बिना सोचे विचारे किए गए कार्य का खेद हमारे हृदय में खटकता रहता है
(b) मन को खटकने वाली बात नहीं सोचनी चाहिए
(c) मन में जो बात खटके उसे भूल जाना चाहिए
(d) मन ही मन में किसी बात को नहीं रखना चाहिए वह खटकती है

उत्तर

(a) बिना सोचे विचारे किए गए कार्य का खेद हमारे हृदय में खटकता रहता है


प्रश्न 16. ‘राग’ का क्या अर्थ है?

(a) द्वेष
(b) नफ़रत
(c) गीत-संगीत
(d) गाना

उत्तर

(c) गीत-संगीत


प्रश्न 17. ‘जिय’ का क्या अर्थ है?

(a) हृदय
(b) जीना
(c) जाना
(d) जिगर

उत्तर

(a) हृदय


प्रश्न 18. ‘जो बनि आवै सहज में, ताही में चित देइ’ का क्या आशय है?

(a) जो बात बन गई है उसी पर ध्यान दो
(b) जो कार्य सहज और सरल तरीके से हो सकें, उसी में मन लगाना चाहिए
(c) जो बात सहज है उसे छोड़ दो
(d) जो बात सहजता से आए उसे याद रखो

उत्तर

(b) जो कार्य सहज और सरल तरीके से हो सकें, उसी में मन लगाना चाहिए


प्रश्न 19. ‘आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती’ का क्या आशय है?

(a) आगे के सुख को समझना चाहिए
(b) जो बात बीत गई है उसे भूल जाओ
(c) जो बात बीत चुकी है, उसे भूलकर आगे आने वाले सुख के बारे में सोचना चाहिए
(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर

(c) जो बात बीत चुकी है, उसे भूलकर आगे आने वाले सुख के बारे में सोचना चाहिए


अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. कोई भी व्यक्ति हँसी का पात्र कब बन जाता है?

उत्तर

जब कोई व्यक्ति अपना काम बिना विचार किए करता है, तो वह हँसी का पात्र बन जाता है।


प्रश्न 2. दुर्जन क्या करते हैं?

उत्तर

दुर्जन किसी की गलती पर हँसी उड़ाते हैं।


प्रश्न 3. गिरिधर कविराय का जन्म किस सदी में हुआ था?

उत्तर

गिरिधर कविराय का जन्म 18वीं सदी में हुआ था।


प्रश्न 4. गिरिधर कविराय ने अतीत के बारे में क्या कहा है?

उत्तर

उन्होंने कहा है कि जो बीत गया है, उसे भूल जाना चाहिए और भविष्य की चिंता करनी चाहिए।


प्रश्न 5. बिना बिचारे जो करै, सो पाछे पछिताय’ अर्थ है?

उत्तर

जो बिना सोचे-समझे किसी काम को करते हैं, बाद में उन्हें पछताना पड़ता है।


प्रश्न 6. यदि कोई व्यक्ति गलती कर बैठे तो क्या करना चाहिए?

उत्तर

उसे पछतावे में नहीं डूबना चाहिए, बल्कि आगे की सुधि लेकर सुधार की ओर बढ़ना चाहिए।


प्रश्न 7. ‘खटकत है जिय मांहि, कियो जो बिना बिचारे’ का क्या आशय है?

उत्तर

बिना सोचे विचारे किए गए कार्य का खेद हमारे हृदय में खटकता रहता है।


प्रश्न 8. ‘खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै’-पंक्ति से क्या अभिप्राय है?

उत्तर

पछतावे के कारण व्यक्ति को भोजन, सम्मान या आनंद की कोई चीज़ अच्छी नहीं लगती।


प्रश्न 9. ‘आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती’ का क्या आशय है?

उत्तर

जो बात बीत चुकी है, उसे भूलकर आगे आने वाले सुख के बारे में सोचना चाहिए।


लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. दूसरों की हँसी का कारण बनने के क्या परिणाम होते हैं?

उत्तर

जब हम दूसरों की हँसी का कारण बनते हैं। तब हमारे मन को भी शांति नहीं मिलती और उसे किसी प्रकार के सुख की अनुभूति नहीं होती। खानपान, सम्मान, गीत-संगीत कोई भी चीज़ हमारे मन को नहीं भाती।


प्रश्न 2. क्या केवल आसान कार्यों को ही करना उचित है?

उत्तर

नहीं, केवल आसान कार्यों को ही करना उचित नहीं है। अपितु कवि का आशय यह है कि जो कार्य सहज रूप से संभव हो, पहले उसे करें ताकि सफलता मिले और आत्मविश्वास बढ़े।


प्रश्न 3. सहजता से किए कार्य में मन लगाने से क्या लाभ होता है?

उत्तर

इससे न तो किसी दुष्ट व्यक्ति को हँसने का अवसर मिलता है और न ही कार्य करने वाले व्यक्ति के मन में कोई अपराध बोध रहता है।


प्रश्न 4. गिरिधर कविराय के अनुसार, बिना विचार किए कार्य करने से व्यक्ति को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

उत्तर

बिना विचार किए कार्य करने से व्यक्ति का काम बिगड़ता है, वह समाज में हँसी का पात्र बनता है। उसे मानसिक अशांति होती है, खान-पान, सम्मान, मौज-मस्ती कुछ भी अच्छा नहीं लगता और उसे पछतावा घेर लेता है।


प्रश्न 5. गिरिधर कविराय ने मानसिक शांति की हानि को कैसे व्यक्त किया है?

उत्तर

कवि ने बताया है कि पछताबे के कारण व्यक्ति को न खान-पान अच्छा लगता है, न राग-रंग, न सन्मान। उसकी जीवन की सभी रूचियाँ समाप्त हो जाती हैं और बह लगातार अशांति अनुभव करता है।


प्रश्न 6. दुष्ट व्यक्ति की हँसी का पात्र बनने से कैसे बचा जा सकता है?

उत्तर

जो कार्य सहज और सरल तरीके से हो सकें, उसी में मन लगाना चाहिए। ऐसा करने पर हम किसी दुष्ट व्यक्ति की हँसी का पात्र बनने से बच जाएंगे और हमारे मन में कोई पछतावा भी नहीं रहेगा।


प्रश्न 7. पाठ के आधार पर बताइए कि गिरिधर कविराय की रचनाएँ आज भी क्यों प्रासंगिक हैं?

उत्तर

गिरिघर कविराय की रचनाएँ आज भी इसलिए प्रासंगिक हैं, क्योंकि उनकी कुंडलियों में सोच-समझंकर कार्य करना व अतीत को छोड़कर भविष्य पर ध्यान देना आदि की सीख मिलती है।


प्रश्न 8. गिरिधर कविराय की भाषा की क्या विशेषता है?

उत्तर

उनकी भाषा सरल, सीधी और लोकभाषा के करीब है। उनके दोहे और कुंडलियाँ कहावतों की तरह याद हो जाती हैं और जीवन के व्यावहारिक ज्ञान से भरी हुई हैं।


प्रश्न 9. गिरिधर कविराय दोनों कुंडलियों के माध्यम से जीवन को लेकर क्या दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं?

उत्तर

गिरिधर कविराय दोनों कुंडलियों के माध्यम से जीवन में विवेकपूर्ण निर्णय लेने, बीते को भूलकर आगे बढ़ने और मानसिक शांति बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं। उनका दृष्टिकोण व्यावहारिक और शिक्षाप्रद है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. पहले कुंडलिया में गिरिधर कविराय जी क्या कहना चाहते हैं?

उत्तर

पहले कुंडलिया में गिरिधर कविराय जी कहना चाहते हैं कि बिना विचार किया गया कार्य हमें हर समय ऐसा दुख देता है, जिसे टाला भी नहीं जा सकता। और बिना सोचे विचारे किए गए कार्य का खेद हमारे हृदय में खटकता रहता है। कहने का आशय यह है कि बिना सोचे विचारे किए गए कार्य का दुःख व्यक्ति के हृदय में पछतावा बनकर घर कर जाता है। उसकी पीड़ा से छुटकारा पाना मुश्किल होता है। अतः हमें कोई भी काम बहुत सोच-विचारकर ही करना चाहिए।


प्रश्न 2. ‘बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय’ इस विचार का आपके जीवन में क्या महत्व है?

उत्तर

इस विचार का हमारे जीवन में यह महत्व है कि हमें कोई भी कार्य करने से पहले उस पर अच्छी तरह से सोच-विचार करना चाहिए। बिना विचार किए कार्य करना केवल पछतावे का कारण बनता है और हमें मानसिक शांति की प्राप्ति नहीं होती । इस विचार को जीवन में अपनाकर हम न केवल अपनी गलती सुधार सकते हैं बल्कि भविष्य में ऐसे कार्यों से बच सकते हैं जो हमें दुख पहुँचा सकते हैं।


प्रश्न 3. बिना सोचे-समझे काम करने वालों के साथ क्या होता है?

उत्तर

जो बिना सोचे-समझे किसी काम को करते हैं, बाद में उन्हें पछताना पड़ता है। कहने का आशय यह है कि हमें सभी काम सोच-विचार करके ही करने चाहिए। जल्दबाज़ी में या बिना सोचे-समझे काम करने पर हम अपने ही काम बिगाड़ देते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप संसार में हमें हँसी का पात्र बनना पड़ता है।


प्रश्न 4. ‘समुझि बीती सो बीती’ का संदेश हमारे जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है ?

उत्तर

‘समुझि बीती सो बीती’ का संदेश यह है कि हमें अपने अतीत को समझकर और उससे शिक्षा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। हम अपने बीते हुए समय को सुधार नहीं सकते, लेकिन हम भविष्य में वही गलती दोहराने से बच सकते हैं। यह विचार हमें आत्मसाक्षात्कार और आत्मसुधार की ओर प्रेरित करता है।


प्रश्न 5. कवि क्या भुलाकर आगे बढ़ने को कहता है?

उत्तर

जो भी बातें या घटनाएँ घटित हो चुकी हैं या बीत चुकी हैं, उन्हें भूलकर हमें आगे बढ़ना चाहिए अर्थात हमें भूतकाल की सभी घटनाओं को भूल कर अपने वर्तमान को समझने की कोशिश करनी चाहिए और आगे आने वाले को सहजता से स्वीकार करना चाहिए।


प्रश्न 6. कविता में बिना बिचारे कार्य करने के परिणामों के बारे में गिरिधर कविराय क्या सिखाते हैं ?

उत्तर

गिरिधर कविराय ने यह बताया कि बिना बिचारे कार्य करने से दुख, पछतावा और अशांति मिलती है। हमें अपने कार्यों में विवेक और सोच-विचार का प्रयोग करना चाहिए ताकि हम जीवन में शांति और सुख प्राप्त कर सकें। इस विचार को अपनाकर हम अपनी गलतियों से सीख सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।


प्रश्न 7. दूसरे कुंडलिया में गिरिधर कविराय क्या कहना चाहते हैं?

उत्तर

दूसरे कुंडलिया में गिरिधर कविराय जी कहना चाहते हैं कि जो मन को सही लगे वही काम करो और आगे जो होने वाला है उसी में अपना सुख देखो, जो पीछे चला गया है उसे बीत जाने दो। कहने का आशय यह है कि हमें जो बात बीत चुकी है, उसे भूलकर आगे आने वाले सुख के बारे में सोचना चाहिए।


प्रश्न 8. गिरिधर कविराय के अनुसार, विवेकपूर्ण और सहज जीवन जीने की क्या महत्ता है?

उत्तर

कवि के अनुसार, विवेकपूर्ण जीवन जीने से व्यक्ति गलतियों से बचता है, मन में शांति बनी रहती है और समाज में उसका सम्मान बना रहता है, जो काम सहज और स्वाभाविक रूप से हो जाए, उसमें मन लगाना ही उचित है। ऐसा जीवन व्यक्ति को मानसिक संतुलन, आत्मविश्वास और सुख की ओर ले जाता है। यह एक सकारात्मक जीवन-दृष्टिकोण है।


प्रश्न 9. गिरिधर कविराय की कविता में बिना सोच-विचार किए कार्य करने के क्या-क्या दुष्परिणाम बताए गए हैं?

उत्तर

गिरिघर कविराय बताते हैं कि जो व्यक्ति बिना विचार किए कार्य करता है, उसे अंत में पछताना पड़ता है। उसका काम बिगड़ता है, समाज उसका मज़ाक उड्राता है। वह मानसिक रूप से परेशान रहता है, उसे खान-पान, सन्मान और राग-रंग किसी चीज़ में आनंद नहीं आता। यह पछताबा इतनी गहराई तक जाता है कि वह चाहकर भी इसे भूल नहीं पाता।

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