Chapter 2 तीन बुद्धिमान Chapter Explanation for Class 7 Hindi NCERT मल्हार

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Summary of Chapter 2 तीन बुद्धिमान Class 7 Hindi

तीन बुद्धिमान के लेखक अज्ञात है, क्योंकि यह एक लोककथा है जो पीढ़ियों से चली आ रही है। यह कहानी नई एनसीईआरटी कक्षा 7 की पाठ्यपुस्तक मल्हार में शामिल है। लोककथाएँ मौखिक परंपरा के माध्यम से फैलती हैं और समाज के मूल्यों, बुद्धिमत्ता और नैतिकता को दर्शाती हैं। इस कहानी का उद्देश्य बच्चों को सूक्ष्म अवलोकन, बुद्धिमानी और सच्चाई का महत्व सिखाना है। हमने इसका NCERT Solutions of तीन बुद्धिमान भी दिया जिसको पढ़कर बच्चें अपनी कक्षा में अच्छे अंक से पास कर सकते हैं।


तीन बुद्धिमान कहानी की मुख्य घटनाएँ

  • तीन भाइयों को उनके पिता ने बुद्धि और नजर तेज करने की सलाह दी।
  • पिता के मरने के बाद तीनों भाई यात्रा पर निकले।
  • रास्ते में बिना ऊँट को देखे ही ऊँट के बारे में सारी बातें जान लीं।
  • एक घुड़सवार ने उन पर ऊँट चुराने का आरोप लगाया।
  • राजा ने उनकी परीक्षा ली। पेटी के अंदर का सामान बिना खोले पहचानने को कहा।
  • तीनों भाइयों ने सही जवाब दिए और साबित कर दिया कि वे चोर नहीं बल्कि बुद्धिमान थे
  • राजा ने उनकी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें अपने दरबार में रख लिया।

तीन बुद्धिमान का सार Explanation

तीन बुद्धिमान एक गरीब व्यक्ति और उसके तीन बेटों की कहानी है, जो धन-संपत्ति के बजाय बुद्धि और अवलोकन शक्ति को महत्व देते हैं। पिता अपने बेटों को सिखाते थे कि रुपये-पैसे और सोने-चाँदी के बजाय पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि इकट्ठा करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा धन कभी खत्म नहीं होता और जीवन में हर कमी को पूरा करता है। पिता की मृत्यु के बाद, तीनों भाई अपने गाँव में कुछ खास करने को न पाकर दुनिया देखने की ठानते हैं। वे तय करते हैं कि जरूरत पड़ने पर चरवाहों या खेतों में मजदूरी कर लेंगे, लेकिन भूखे नहीं मरेंगे।

तीनों भाई यात्रा पर निकल पड़ते हैं। वे सुनसान घाटियों और ऊँचे पहाड़ों को पार करते हुए चालीस दिनों तक लगातार चलते हैं। इस दौरान उनका खाना-पीना खत्म हो जाता है, वे थक जाते हैं, और उनके पैरों में छाले पड़ जाते हैं। फिर भी, वे हिम्मत नहीं हारते और आगे बढ़ते रहते हैं। अंत में, वे एक बड़े नगर के पास पहुँचते हैं, जहाँ घर और पेड़ दिखाई देते हैं। नगर को देखकर वे खुश होते हैं और तेजी से आगे बढ़ते हैं।

नगर के करीब पहुँचने पर सबसे बड़ा भाई रास्ते पर नजर डालता है और कहता है कि यहाँ से हाल ही में एक बड़ा ऊँट गुजरा है। थोड़ा और आगे जाने पर मझला भाई सड़क के दोनों ओर देखकर कहता है कि ऊँट शायद एक आँख से नहीं देख पाता, क्योंकि उसने सड़क के केवल एक तरफ की घास चरी थी। कुछ कदम और चलने पर सबसे छोटा भाई कहता है कि ऊँट पर एक महिला और एक बच्चा सवार थे, क्योंकि उसने ऊँट के घुटनों के निशान और पास में महिला व बच्चे के पैरों के निशान देखे।

इसी बीच, एक घुड़सवार उनके पास से गुजरता है। बड़ा भाई उससे पूछता है कि क्या वह कुछ खोया हुआ ढूँढ रहा है। घुड़सवार हाँ कहता है। भाई उससे पूछते हैं कि क्या उसका ऊँट खो गया है, जो बड़ा है, एक आँख से नहीं देखता, और उस पर एक महिला व बच्चा सवार थे। घुड़सवार हैरान होकर सोचता है कि भाइयों ने उसका ऊँट चुराया है, क्योंकि उन्हें इतनी सटीक जानकारी कैसे मिली। वह भाइयों से ऊँट लौटाने को कहता है, लेकिन भाई कहते हैं कि उन्होंने ऊँट देखा तक नहीं, बल्कि अपनी बुद्धि और नजर से अनुमान लगाया। घुड़सवार उनकी बात नहीं मानता और तलवार निकालकर उन्हें अपने साथ राजा के पास ले जाता है।

राजा के सामने घुड़सवार कहता है कि वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ पहाड़ों पर रेवड़ ले जा रहा था। उसकी पत्नी और बेटा ऊँट पर पीछे थे, लेकिन वे रास्ते से भटक गए। उसे शक है कि इन भाइयों ने उसका ऊँट चुराया और उसकी पत्नी व बेटे को मार डाला। राजा भाइयों से पूछता है कि उन्होंने ऊँट कहाँ छिपाया, लेकिन भाई साफ कहते हैं कि उन्होंने ऊँट नहीं देखा। वे बताते हैं कि उन्होंने रास्ते के निशानों से अनुमान लगाया। राजा को उनकी बात पर यकीन नहीं होता और वह उनकी बुद्धिमानी की परीक्षा लेने का फैसला करता है।

राजा अपने मंत्री को एक पेटी लाने का आदेश देता है। पेटी को सावधानी से दरवाजे के पास रखा जाता है। राजा भाइयों से पूछता है कि पेटी में क्या है। सबसे बड़ा भाई कहता है कि उसमें एक छोटी, गोल वस्तु है, क्योंकि पेटी हल्की थी और उसमें कुछ लुढ़कने की आवाज आई। मझला भाई कहता है कि वह अनार है, क्योंकि पेटी उद्यान की ओर से आई और महल के आसपास अनार के पेड़ हैं। छोटा भाई कहता है कि अनार कच्चा है, क्योंकि उस समय उद्यान में सभी अनार कच्चे थे। राजा पेटी खुलवाता और उसमें कच्चा अनार पाता है। वह भाइयों की बुद्धिमानी से चकित हो जाता है।

राजा घुड़सवार को कहता है कि ये भाई चोर नहीं, बल्कि बहुत बुद्धिमान हैं। वह उसे भाइयों के बताए रास्ते पर ऊँट ढूँढने को कहता है। राजा भाइयों से पूछता है कि उन्हें ऊँट और पेटी के बारे में कैसे पता चला। बड़ा भाई बताता है कि उसने धूल में बड़े ऊँट के पैरों के निशान देखे और घुड़सवार की बेचैनी से समझा कि वह ऊँट ढूँढ रहा है। मझला भाई कहता है कि उसने सड़क के दायीं ओर चरी हुई घास देखी, लेकिन बायीं ओर की घास वैसी ही थी, इसलिए ऊँट एक आँख से नहीं देखता होगा। छोटा भाई बताता है कि उसने ऊँट के घुटनों के निशान, महिला के जूतों के निशान और छोटे बच्चे के पैरों के निशान देखे। पेटी के बारे में बड़ा भाई कहता है कि उसने हल्की पेटी में गोल वस्तु लुढ़कने की आवाज सुनी। मझला भाई कहता है कि उद्यान से आने और अनार के पेड़ों के कारण उसने अनार होने का अनुमान लगाया। छोटा भाई कहता है कि उसने उद्यान में कच्चे अनार देखे थे।

राजा भाइयों की असाधारण बुद्धिमानी और पैनी नजर से प्रभावित होता है। वह उनकी तारीफ करता है और कहता है कि भले ही उनके पास धन-संपत्ति न हो, लेकिन उनकी बुद्धि का खजाना अनमोल है। अंत में, वह उन्हें अपने दरबार में रख लेता है, और भाई सम्मान के साथ वहाँ रहने लगते हैं।


तीन बुद्धिमान कहानी का मुख्य विषय

कहानी का मुख्य विषय बुद्धिमत्ता, सूक्ष्म अवलोकन और सच्चाई है। यह दर्शाती है कि तेज नजर और समझदारी से व्यक्ति मुश्किल हालात में भी सही फैसला ले सकता है। कहानी यह भी सिखाती है कि सच्चाई और ईमानदारी हमेशा जीतती है, भले ही शुरुआत में लोग गलत समझें। यह बच्चों को अपने आसपास की चीजों को ध्यान से देखने और समझने की प्रेरणा देती है।


कहानी से शिक्षा

तीन बुद्धिमान एक प्रेरणादायक लोककथा है जो हमें बुद्धिमानी, सूक्ष्म अवलोकन और सच्चाई का महत्व सिखाती है। तीनों भाइयों की कहानी सिखाती है कि पैसे से ज्यादा समझ और बुद्धि कीमती होती है। उनकी पैनी नजर और तीव्र बुद्धि ने उन्हें गलत इल्ज़ामों से बचाया और राजा के दरबार में सम्मान दिलाया। यह कहानी बच्चों को प्रेरित करती है कि वे अपने आसपास की दुनिया को, समझें और हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलें।

शब्दार्थ

  • निर्धन: गरीब
  • संचित: इकट्ठा करना
  • पैनी दृष्टि: तेज नजर
  • तीव्र बुद्धि: तेज दिमाग
  • घूम फिरकर: इधर-उधर भटकना
  • सुनसान-वीरान: वीरान, निर्जन
  • छाले: पैरों में पानी भरे घाव
  • निर्भय: निडर
  • न्यायालय: अदालत
  • अनुमान: अंदाजा
  • आश्चर्य: हैरानी
  • सावधानी: सतर्कता
  • उद्यान: बगीचा
  • प्रशंसा: तारीफ
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