Chapter 2 भारत में राष्ट्रवाद Question Answer Class 10 History Hindi Medium

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Chapter 2 भारत में राष्ट्रवाद Question Answer Class 10 History Hindi Medium

भारत में राष्ट्रवाद Important Questions

अत्ति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. "जलियावाला बाग हत्याकाण्ड" कब और कहाँ हुआ ?

उत्तर

जलियावाला बाग हत्याकाण्ड 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में हुआ था।


प्रश्न 2. 'इनलैण्ड एमिग्रेशन एक्ट' क्या था ?

उत्तर

इनलैण्ड एमिग्रेशन एक्ट के तहत बगानों में काम करने वाले मजदूरों को बिना इजाजत बगान से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।


प्रश्न 3. गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन कब और किस घटना से वापस लिया ?

उत्तर

1922 में, चौरी-चौरा की घटना ने गाँधी जी को बहुत ही विक्षुब्ध किया जिसमें भारतीय क्रांतिकारियों ने चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन में आग लगा दी। इस घटना के बाद गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापस लिया।


प्रश्न 4. खिलाफत आंदोलन कब और किसके द्वारा शुरू किया गया ?

उत्तर

खिलाफत आंदोलन 1919 में शौकत अली और मुहम्मद अली ने शुरू किया।


प्रश्न 5. काग्रेस में समाजवादी विचारधारा लाने वाले दो नेताओं का नाम बताइए |

उत्तर

  1. जवाहर लाल नेहरू
  2. सुभाष चन्द्र बोस

प्रश्न 6. काँग्रेस के तीन गरम दल के नेताओं का नाम बताइए।

उत्तर

  1. बाल गंगाधर तिलक
  2. लाला लाजपत राय
  3. विपिन चन्द्र पाल


प्रश्न 7. पाकिस्तान की माँग मुस्लिम लिग द्वारा कब और कहाँ रखी गई ?

उत्तर

1940 ईo में अपने लाहौर अधिवेशन में ।


प्रश्न 8. गाँधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ किन महम्वपूर्ण घटनाओं के साथ किया ?

उत्तर

  1. नमक कानून तोड़ कर
  2. स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर व विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करके।


प्रश्न 9. साइमन कमीशन कब भारत पहुँचा व इसका विरोध क्यों हुआ?

उत्तर

यह 1927 में भारत पहुँचा। किसी भारतीय सदस्य को इसमें न शामिल किए जाने के कारण इसका विरोध हुआ।


प्रश्न 10. दक्षिण अफ्रीका से आने के बाद गाँधीजी ने किन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया?

उत्तर

1. चम्पारन
2. खेड़ा
3. अहमदाबाद


प्रश्न 11. सत्याग्रह के विचार में किन दो बातों पर जोर दिया जाता है ?

उत्तर

1. सत्य की शक्ति पर आग्रह
2. सत्य की खोज


प्रश्न 12. रॉलेट एक्ट को काला कानून क्यों कहा गया ?

उत्तर

इस अन्यायपूर्ण एक्ट के द्वारा राजनैतिक कैदियों को बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया।


लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. महात्मा गाँधी द्वारा किसानों के पक्ष में आयोजित किए गए दो मुख्य सत्याग्रहों का नाम बताइए |

उत्तर

महात्मा गाँधी द्वारा किसानों के पक्ष में आयोजित किए गए दो मुख्य सत्याग्रह:

  1. गाँधी जी ने बिहार के चम्पारण के किसानों के सहयोग से सत्याग्रह प्रारम्भ किया और किसानों को उग्र खेती प्रणाली के विरूद्ध प्रेरित किया ।
  2. गाँधी जी ने गुजरात के खेडा जिला के किसानों के पक्ष में सत्याग्रह किया जो फसल न होने के कारण, प्लेग और महामारी के कारण भू राजस्व नहीं दे सके थे ।


प्रश्न 2. गदर पार्टी के प्रमुख नेताओं के नाम लिखिए और राष्टीय आंदोलन में गदर पार्टी की क्या भूमिका थी ?

उत्तर

गदर पार्टी के प्रमुख नेताओं के नाम थे रासबिहारी बोस, लाला हरदयाल, मैडम कामा और राजा महेन्द्र प्रताप |

  1. इस पार्टी के नेताओं ने विदेशों में अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध जनमत तैयार किया ।
  2. गदर पार्टी के प्रमुख नेताओं ने रास्ट्रीय आंदोलन में बढ चढ कर भाग लिया |


प्रश्न 3. भारतीय नेताओं के 1919 में रॉलेक्ट एक्ट के विरोध करने के क्या कारण थे ?

उत्तर

  1. इस कानून ने अंग्रेजी सरकार को यह शक्ति दे दी थी कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाये जेल में डाल दे ।
  2. उसके लिए किसी वकिल दलील और अपील की अनुमति नहीं थी ।
  3. यह कानून भारतीयों को उत्पिडित करने के उदेश्य से लाया गया था ।
  4. अंग्रेजी शासन रॉलेक्ट एक्ट लाकर स्वतंत्रता संग्राम की लहर को दबाना चाहती थी ।


प्रश्न 4. अंग्रेजो द्वारा साइमन कमीशन को लाने के क्या उदेश्य थे ?

उत्तर

अंग्रेजो द्वारा साइमन कमीशन को लाने के निम्नलिखित उदेश्य थे:

  1. 1919 के गर्वनमेंट ऑफ इंडिया एक्ट की समीक्षा की जा सके।
  2. यह सुझाव दिया जा सके कि भारतीय प्रशासन में कौन से नए सुधार लाया जा सके।
  3. भारत में पैदा तत्कालीन राजनीतिक गतिरोध को दूर किया जा सके।


प्रश्न 5. पूना पेक्ट क्या हैं ? इस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर

महात्मा गांधी ने ब्रिट्रिश निर्णयों के विरूद्ध जेल में रहते हुए अनिश्चितकालीन उपवास रख लिया था जिससे सारे देश में हलचल मच गई थी । अपने प्रिय नेता के प्राणरक्षा के लिए मदन मोहन मालवीय जैसे नेताओं ने डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर से दलितों के पृथक निर्वाचन क्षेत्र की मार्ग छोड़ देने की आग्रह की । इस विषय पर दोनो पक्षों में 25 सितम्बर 1932 को एक समझौता हुआ जिसे पूना पेक्ट कहा गया ।


प्रश्न 6. खिलाफत और असहयोग आंदोलन से क्या तात्पर्य हैं ? इस आंदोलन के प्रमुख नेताओं के नाम लिखें।

उत्तर

खिलाफत आन्दोलन: खिलाफत आंदोलन दो अली भाइयों (मोहम्द अली और शौकत अली) ने 1919 शुरू किया क्योंकि मित्र राष्ट्रों ने तुर्की को पराजित करके उसकी बहुत सी बस्तियों को आपस मे बडे अन्यायपूर्ण ढंग से बाँट लिया था। कांग्रेस के नेताओ ने इन अली भाइयों का पूर्ण साथ दिया।

असहयोग आंदोलन: सन् 1920 में अंग्रजी सरकार के अत्याचार पूर्ण व्यवहार अन्यायपूर्ण बर्ताव का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने महात्मा गाँधी और मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व में एक अन्य आंदोलन शुरू किया जिसे असहयोग आंदोलन के नाम से जाना गया । इस आंदोलन के प्रमुख नेताओं के नाम हैं मोहम्द अली और शौकत अली, महात्मा गाँधी और मोतीलाल नेहरू आदि ।


प्रश्न 7. सत्याग्रह के विचार का क्या मतलब है?

उत्तर

सत्याग्रह के विचार का मतलब निम्न हैं:

  1. सत्य की शक्ति पर आग्रह और सत्य की खोज पर जोर |
  2. प्रतिशोध या बदले की भावना के बिना संघर्ष करना
  3. अहिंसा के बल पर संघर्ष कर विजय प्राप्त करना |
  4. उत्पीड़क शत्रु ही नहीं अपितु सभी को हिंसा की अपेक्षा सत्य को स्वीकार करने पर विवश करना


प्रश्न 8. असहयोग आंदोलन के किन्ही तीन प्रभावों का वर्णन कीजिए?

उत्तर

  1. खिलाफत तथा असहयोग आंदोलन एक साथ चलाया जाय।
  2. विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार स्वदेशी वस्तु अपनाना
  3. अंग्रेजों द्वारा दी गयी उपाधि को वापस करना।
  4. सरकारी कार्यालय स्कूल आदि को छोड़ना।


प्रश्न 9. असम में बागान मजदूरों के लिए स्वराज की अवधारणा क्या थी?

उत्तर

1. अनुबंध के नियमों का उल्लंघन ।
2. चाय बगानों से बाहर निकलना ।
3. असहयोग आंदोलन में सम्मिलित होना।
4. कृषि भूमि तथा सुख-साधनों को प्राप्त करना।


प्रश्न 10. गाँधी-इरविन समझौते की विशेषताएं बताइए?

उत्तर

5 मई 1931 ई० को गाँधी इरविन समझौता। इसकी विशेषताएं हैं:

  1. सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया जाय।
  2. पुलिस द्वारा किए अत्याचारों की निष्पक्ष जाँच की जाय।
  3. नमक पर लगाए गए सभी कर हटाए जाएँ।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. प्रथम विश्व युद्ध ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया ?

उत्तर

प्रथम विश्व युद्ध ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में निम्न योगदान दिया:

  1. प्रथम विश्व युद्ध 1914-18 ई तक चला । इस काल में भरतीय राष्टीव्य आंदोलन को गति मिली । साथ ही साथ राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा ।
  2. अंग्रजों ने भरतीयों से पूछे बिना भारत को युद्ध में एक पार्टी बना दिया। साथ ही साथ भारत के संसाधनों का अपने हित के लिए धडल्ले से प्रयोग किया। इससे भारतीयों में अंग्रेजो के प्रति विरोध करने का जज्बा पैदा हआ।
  3. यद्यपि मुस्लिम लीग अंग्रजी सरकार की बांदी थी परन्तु प्रथम महायुद्ध के घटनाओं के कारण इसे कांग्रेस के समीप आना पड़ा जिससे राष्ट्रीय आंदोलनों में कफी सहायता मिली ।
  4. इस महायुद्ध के कारण मुस्लिम विशेषकर मुस्लिम लीग अंग्रेजों के विरूद्ध हो गये क्योंकि महायुद्ध की समाप्ति के बाद मित्र राष्ट्रो ने तुर्की के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया ।


प्रश्न 2. सविनय अवज्ञा आन्दोलन की चार सीमाओं का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर

सविनय अवज्ञा आन्दोलन की चार सीमाँए निम्नलिखित हैं:

  1. जब सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू हुआ उस समय समुदायों के बीच संदेह और अविश्वास का माहौल बना हुआ था ।
  2. कांग्रेस से कटे हुए मुस्लमानों का एक तबका किसी संयुक्त संर्घष के लिए तैयार नहीं था ।
  3. भारत के विभिन्न धार्मिक नेताओं और जाति समूहों के नेताओं ने अपनी आनी माँगे शुरू कर दी जिससे सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रति इन्होने कोई खास रूचि नहीं दिखाई ।
  4. धीरे धीरे हिंदू और मुस्लमानों के बीच संबंध खराब होते गये कई शहरों में सांप्रादायिक टकराव और दंगे हुए जिससे दोनों समुदायों के बीच फासले बढते गये ।


प्रश्न 3. गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों लिया?

उत्तर

गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापस लिए जाने के निम्नलिखित कारण थे:

  1. (i) चौरी-चौरा की घटना हिंसक हो चुकी थी जिसमें आन्दोलनकारियों ने 22 पुलिसकर्मियों को चौकी जिन्दा जला दिया था |
  2. चौरी-चौरा के घटना से गाँधीजी काफी परेशान हो उठे जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि लोगों को वे अब शांत नहीं रख सकेगें ।
  3. असहयोग आन्दोलन अहिंसा पर आधारित था जबकि ऐसा नहीं हुआ |
  4. वे सोचने लगे कि यदि लोग हिंसक हो जाएगें तो अग्रेंजी सरकार भी उत्तेजित हो जाएगी जिससे र्निदोष लोग भी मारे जाएगें ऐसे मे उन्होनें 1922 में इस आंदोलन को वापस लेना ही उचित समझा ।


प्रश्न 4. निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें

(क) जलियाँवाला बाग हत्याकांड
(ख) साइमन कमीशन

उत्तर

(क) जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड: 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर के जलियाँवाला बाग में सैकड़ों बेकसूर हिन्दुस्तानियों की निर्मम हत्या की घटना हुई | 10 अप्रैल को पुलिस ने अमृतसर में एक शांतिपूर्ण जुलूस पर गोली चला दी। इसके बाद लोग बैंकों, डाकखानों और रेलवे स्टेशनों पर हमले करने लगे। मार्शल लॉ लागू कर दिया गया और जनरल डायर ने कमान सँभाल ली। उस दिन अमृतसर में बहुत सारे गाँव वाले एक मेले में शिरकत करने के लिए जलियाँवाला बाग मैदान में जमा हुए थे। यह मैदान चारों तरफ से बंद था। शहर से बाहर होने के कारण वहाँ जुटे लोगों को यह पता नहीं था कि इलाके में मार्शल लॉ लागू किया जा चुका है। जनरल डायर हथियारबंद सैनिकों के साथ वहाँ पहुँचा और जाते ही उसने मैदान से बाहर निकलने के सारे रास्तों को बंद कर दिया। इसके बाद उसके सिपाहियों ने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियाँ चला दीं। जिससे सैंकड़ों लोग मारे गए।

(ख) 'साइमन कमीशन': 1928 में जब साइमन कमीशन भारत पहुँचा तो उसका स्वागत 'साइमन कमीशन वापस जाओ' (साइमन कमीशन गो बैक ) के नारों से किया गया। यह इस कमीशन 4-5 अंग्रेज अधिकारी थे | कांग्रेस और मुस्लिम लीग जैसी सभी पार्टियों ने इस कमीशन के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया |

अंग्रेजो द्वारा साइमन कमीशन को लाने के निम्नलिखित उदेश्य थे:

  1. 1919 के गर्वनमेंट ऑफ इंडिया एक्ट की समीक्षा की जा सके ।
  2. यह सुझाव दिया जा सके कि भारतीय प्रशासन में कौन से नए सुधार लाया जा सके।
  3. भारत में पैदा तत्कालीन राजनीतिक गतिरोध को दूर किया जा सके ।

परन्तु भारतियों के इसके विरोध के निम्नलिखित कारण थे:

  1. इस कमीशन में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था और,
  2. इस कमीशन की धाराओं में भरतीयों को स्वराज्य दिए जाने का कोई जिक्र नहीं था ।


प्रश्न 5. सभी सामाजिक समूह स्वराज की अमूर्त अवधारणा से प्रभावित नहीं थे | क्यों ?

उत्तर

सभी सामाजिक समूह स्वराज की अमूर्त अवधारण से प्रभावित नहीं थे यह बात बिलकुल सत्य है जिसके निम्नलिखित कारण थे

  1. देश के हर वर्ग और सामाजिक समूहों पर उपनिवेशवाद का एक जैसा असर नहीं था | उनके अनुभव भी अलग-अलग थे |
  2. अलग-अलग समूहों के लिए स्वराज के मायने भी भिन्न थे और सबके अपने हित थे |
  3. बहुत से पढ़े-लिखे भारतीय और अमीर लोग सीधे तौर पर अंग्रेजों से जुड़े थे, जिनके अपने-अपने हित थे | उनका स्वराज व स्वतंत्रता के प्रति रुख उदासीन था |
  4. किसानों की अपनी समस्याएँ थी, जबकि अंग्रेजी सेना में शामिल भारतीय सिपाहियों की भी अपनी समस्याएँ थी |
  5. स्वराज आन्दोलन के लिए इन समूहों को खड़ा करना एक बहुत बड़ी समस्या थी | इनके एकता मै भी टकराव के बिंदु निहित थे |

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