Extra Questions for Class 9 स्पर्श Chapter 12 एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Hindi

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Extra Questions for Class 9 स्पर्श Chapter 12 एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Hindi

Chapter 12 एक फूल की चाह Sparsh Extra Questions for Class 9 Hindi

 अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. एक फूल की चाह कविता से क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर

इस कविता से यह प्रेरणा मिलती है कि सभी प्राणियों को एक समान मानना चाहिए। जन्म का आधार मानकर किसी को अछूत कहना निंदनीय अपराध है।


प्रश्न 2. 'एक फूल की चाह' कविता में किस मुद्दे को उठाया गया है?

उत्तर

इस कविता में छुआछूत की समस्या को उठाया गया है।


प्रश्न 3. बीमारी से पहले सुखिया कैसी थी? अब उसमें क्या परिवर्तन आया ?

उत्तर

बीमारी से पहले सुखिया बहुत चंचल थी। वह क्षर भर भी नहीं बैठती थी। बीमारी के बाद वह चुपचाप पड़ी रहती थी। वह बोल भी नहीं पा रही थी ।


प्रश्न 4. प्रसाद लेने के बाद सुखिया के पिता के साथ क्या हुआ ?

उत्तर

देवी माँ का प्रसाद लेने के बाद सुखिया के पिता को पहचान लिया गया। उस पर मंदिर की पवित्रता भंग करने का आरोप लगाकर उसे मारा-पीटा गया तथा सात दिन की कैद हुई ।


प्रश्न 5. सुखिया का पिता जब कारावास से छूटा तो उसकी स्थिति कैसी थी ?

उत्तर

सुखिया का पिता कारावास से दंड भोगकर छूटा तो उसकी स्थिति दयनीय थी। उसके कदम घर की ओर नहीं उठ रहे थे, क्योंकि पुत्री के दुख ने उसे कमज़ोर कर दिया था।


प्रश्न 6. मंदिर में पीटे जाने पर सुखिया के पिता ने भक्तों से क्या कहा ?

उत्तर

मंदिर में तथाकथित भक्तों द्वारा पीटे जाने पर सुखिया के पिता ने उनसे कहा कि माँ तो पतिततारिणी हैं। उसकी महिमा अनंत है। अत: उसका पाप माँ की महिमा से बड़ा नहीं है।


प्रश्न 7. सुखिया का पिता पुजारी के हाथ से प्रसाद क्यों नहीं ले पाया?

उत्तर

सुखिया का पिता माँ की भक्ति में इतना लीन हो गया कि उसे पुजारी से प्रसाद लेने का ध्यान तक नहीं रहा । बाद में तथाकथित भक्तों ने उसे मारा-पीटा।


प्रश्न 8. 'हाहाकार' का शाब्दिक अर्थ क्या है?

उत्तर

मृत्यु का डरावर शोर।


प्रश्न 9. सुखिया का खेलना क्यों नहीं रुकता था?

उत्तर

सुखिया एक चंचल लड़की थी। वह अपने माता-पिता की बात नहीं मानती थी। उसमें अन्य बच्चों की तरह खेलने की रुचि थी। वह सामान्य बच्चों की तरह खेलना चाहती थी ।


प्रश्न 10. भक्त वृंद मधुर कंठ से क्या गा रहे थे ?

उत्तर

भक्तगण मधुर कंठ से देवी के भक्ति गीत प्रसन्नतापूर्वक गा रहे थे, जिसमें वे देवी से अपने पापों को हरने की बात कर रहे थे।


प्रश्न 11. सुखिया का दाह संस्कार किसने किया तथा क्यों?

उत्तर

सुखिया का दाह संस्कार उसके सगे-संबंधियों ने किया, क्योंकि सुखिया की मृत्यु के दिन उसका पिता जेल में था।


प्रश्न 12. कारावास से छूटने के बाद पिता के पैर घर की ओर क्यों नहीं उठ रहे थे?

उत्तर

कारावास से छूटने के बाद पिता अपनी बेटी को लेकर आशंकित थे। उन्हें भय था कि कहीं उनकी सुखिया मर न गई हो। इस आशंका के मारे उसके पैर घर की ओर नहीं उठ रहे थे।


प्रश्न 13. बुझी हुई चिता देखकर सुखिया के पिता की छाती क्यों धधक उठी?

उत्तर

बुझी हुई चिता देखकर सुखिया के पिता की छाती असीम दुख से धधक उठी। उसे लगा कि समाज के घोर अन्याय के कारण उसकी प्यारी बेटी मर गई है।


लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. देवी के मंदिर में अचानक कौन-सी अफवाह फैल गई ?

उत्तर

मंदिर के प्रांगण में सुखिया के पिता को कुछ सवर्णों ने पहचान लिया। इस पर वहाँ हंगामा हो गया कि कैसे यह अछूत अंदर आया? यह अफवाह कानोकान मंदिर के अंदर से बाहर तक अचानक फैल गई।


प्रश्न 2. देवी माँ के मंदिर के वातावरण के विषय में बताइए ।

उत्तर

देवी माँ का मंदिर ऊँचे चट्टान स्थल पर स्थित था। वहाँ दीप- धूप से आँगन आच्छादित था। अंदर-बाहर भक्तों के गीत सुनाई दे रहे थे। भक्त गा रहे थे।
'पतित-तारिणी पाप - हारिणी
माता, तेरी जय जय जय।'


प्रश्न 3. एक फूल की चाह कविता में न्यायालय द्वारा सुखिया के पिता को क्यों दंडित किया गया?

उत्तर

न्यायालय द्वारा सुखिया के पिता को इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि वह अछूत होकर भी देवी के मंदिर में प्रवेश कर गया था। मंदिर को अपवित्र तथा देवी का अपमान करने के कारण सुखिया के पिता को न्यायालय ने सात दिन के कारावास का दंड देकर दंडित किया।


प्रश्न 4. महामारी का क्या प्रभाव था?

उत्तर

महामारी दावानल की तरह फैल रही थी। चारों तरफ लाशें दिखाई दे रही थीं। माताओं के रोने की आवाज़ें निरंतर आ रही थी। कमज़ोर शरीरों में हाहाकार मचा हुआ था।


प्रश्न 5. सुखिया के पिता का हृदय क्यों काँप रहा था?

उत्तर

उस समय महामारी फैली हुई थी। यह छूत से जल्दी फैलती थी। इससे बच्चे जल्दी प्रभावित होते थे। इसलिए वह सुखिया को बाहर खेलने जाने से राकता था, क्योंकि उसे महामारी का भय था।


प्रश्न 6. सुखिया के पिता को दंड दिया जाना कहाँ तक न्यायोचित है ? तर्क दीजिए।

उत्तर

सुखिया के पिता को मंदिर में जाकर पूजा करने के कारण सात दिन की सज़ा मिली। यह अन्याय है। पूजा करना अपराध नहीं है, परंतु तत्कालीन सामंती परिवेश में छुआछूत का जोर था। कानून, प्रशासक, धर्म-सब उन्हीं के हिसाब से चलता था। आज की दृष्टि में उसकी सज़ा गलत, अवैधानिक तथा अनुचित थी।


प्रश्न 7. पापी ने मंदिर में घुसकर किया अनर्थ बड़ा भारी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

इसमें ढोंगी भक्तों ने सुखिया के पिता पर मंदिर की पवित्रता नष्ट करने का भीषण आरोप लगाया है। सियारामशरण गुप्त वे कहते हैं-सुखिया का पिता पापी है। यह अछूत है। इसने मंदिर में घुसकर भीषण पाप किया है। इसके अंदर आने से मंदिर की पवित्रता नष्ट हो गई है।


प्रश्न 8. जेल से छूटने पर सुखिया के पिता के मनोभावों पर प्रकाश डालिए ।

उत्तर

सुखिया का पिता जब जेल से छूटकर घर पहुँचता है, तब तक उसकी बेटी सुखिया दम तोड़ चुकी होती है। वह परिवार के लोग उसका अंतिम संस्कार करने गए होते हैं। यह सुनकर वह दौड़ता हुआ श्मशान जाता है। उसके पहुँचने तक वह राख की ढेरी बन चुकी थी। वह आत्मग्लानि से भर जाता है। उसे अपनी बेटी की अंतिम इच्छा पूरी न करने का पछतावा था।


प्रश्न 9. एक फूल की चाह कविता में माता के भक्तों ने सुखिया के पिता के साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर

माता के भक्त जो माता के गुणगान में लीन थे, उनमें से एक की दृष्टि माता के प्रसाद का फूल लेकर जाते हुए सुखिया के पिता पर पड़ी। उसने आवाज़ दी कि “यह अछूत कैसे अंदर आ गया। इसको पकड़ लो।” फिर क्या था, माता के अन्य भक्तगण पूजा-वंदना छोड़कर उसके पास आए और कोई बात सुने बिना ज़मीन पर गिराकर मारने लगे।


प्रश्न 10. वे पंक्तियाँ बताइए जिनसे पता चलता है कि सुखिया का पिता चिंता में डूबा था ?

उत्तर

ये पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं-

जान सका न प्रभात सजग से
हुई अलग कब दोपहरी,
स्वर्ण - घनों में कब रवि डूबा, कब आई संध्या गहरी ।


प्रश्न 11. माँ के भक्त माँ का गौरव छोटा कैसे कर रहे थे?

उत्तर

माँ के मंदिर में सभी को एक समान माना जाता है। अतः माँ के भक्तों से यह उम्मीद की जाती है कि वे मंदिर में माँ के समक्ष सभी को एक मानें, क्योंकि माँ किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। उसकी कृपा सब पर समान रहती है। मंदिर परिसर में उपस्थित भक्त माँ के सामने ही सुखिया के पिता को अछूत मानकर माँ के गौरव का नाश कर रहे थे।


प्रश्न 12. बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

जब सुखिया का पिता जेल से छूटा तो वह श्मशान में गया। उसने देखा कि वहाँ उसकी बेटी की जगह राख की ढेरी पड़ी थी। उसकी बेटी की चिता ठंडी हो चुकी थी। पर एक पिता के सीने के आग धधक रही थी।


प्रश्न 13. सुखिया के पिता किस सामाजिक बुराई के शिकार हुए? एक फूल की चाह कविता के आधार पर बताइए।

उत्तर

सुखिया का पिता उस वर्ग से संबंधित था, जिसे समाज के कुछ लोग अछूत कहते हैं, इस कारण वह छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई का शिकार हो गया था। अछूत होने के कारण उसे मंदिर को अपवित्र करने और देवी का अपमान करने का आरोप लगाकर पीटा गया तथा उसे सात दिन की जेल मिली।


प्रश्न 14. सुखिया की इच्छा पूरी करने में क्या-क्या बाधाएँ थीं?

उत्तर

सुखिया की इच्छा देवी के मंदिर से फूल लाने की थी । उसके पिता के समक्ष निम्नलिखित बाधाएँ आईं-

  • सुखिया का परिवार अछूत था । इस कारण वे मंदिर में नहीं जा सकते थे।
  • मंदिर में जैसे ही उसने पुजारी से प्रसाद लिया, तभी कुछ लोगों ने उसे पहचान लिया तथा उसे खूब मारा-पीटा।
  • मंदिर में पुजारी से मिला प्रसाद नीचे बिखर गया। वह पुत्री को प्रसाद का फूल न दे सका और उसके घर पहुँचने से पहले वह स्वर्ग सिधार गई।


निबंधात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. 'एक फूल की चाह' कविता में क्या सामाजिक समस्या थी । बालिका की इच्छा का क्या परिणाम हुआ? इस समस्या के समाधान के लिए अपने विचार व्यक्त कीजिए ।

उत्तर

इस कविता में कवि ने सामाजिक अन्याय का चित्रण किया है। बालिका का प्रसाद का फूल पाने की इच्छा का यह परिणाम हुआ है कि उसका पिता सात दिन तक जेल में कैद रहा तथा अपमान की पीड़ा झेलने को विवश हुआ। इस समस्या का समाधान यह है कि भेदभाव बरतने वाले व्यक्तियों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए। तथाकथित अछूत वर्ग को सरकार और समाज की ओर से सुविधाएँ प्राप्त होनी चाहिए। उन्हें नौकरियों एवं शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण दिया जाना चाहिए।


प्रश्न 2. पिता को सुखिया की अंतिम इच्छा पूरी करने में क्या-क्या कठिनाइयाँ आईं? एक फूल की चाह कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर

पिता को सुखिया की अंतिम इच्छा पूरी करने में निम्नलिखित कठिनाइयाँ आईं :-

  1. सुखिया के पिता को मंदिर के प्रसाद का एक फूल लाना था, अतः वह निराशा में डूब गया, क्योंकि वह सामाजिक स्थिति को जानता था।
  2. मंदिर में जैसे ही उसने पुजारी से प्रसाद लिया तभी कुछ लोगों ने उसे पहचान लिया और उन्होंने उसे खूब मारा-पीटा। मंदिर में पुजारी से मिला प्रसाद नीचे बिखर गया।
  3. न्यायालय से दण्ड दिया गया।
  4. वह पुत्री को प्रसाद का फूल न दे सका और उसके घर पहुँचने से पहले ही वह स्वर्ग सिधार गई।

प्रश्न 3. 'एक फूल की चाह' कविता के आधार पर मंदिर के सौंदर्य का वर्णन कीजिए ।

उत्तर

यह मंदिर पर्वत की ऊँची चोटी पर बना हुआ था, जो दूर तक फैला हुआ था। उस मंदिर के ऊपर के सुनहरे कलश सूर्य की किरणों को प्राप्त करके कमल खिलने के समान लगते थे। मंदिर के अंदर धूप-दीप की खुशबू फैली थी। चारों तरफ प्रसन्नता का वातावरण था। मंदिर के बाहर और भीतर उत्सव मनाए जाने के स्वर गूँज रहे थे। वहाँ उत्सव का माहौल था।


प्रश्न 4. एक फूल की चाह कविता में देवी के भक्तों की दोहरी मानसिकता उजागर होती हैं। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

‘एक फूल की चाह’ कविता में देवी के उच्च जाति के भक्तगण जोर-ज़ोर से गला फाड़कर चिल्ला रहे थे, “पतित-तारिणी पाप-हारिणी माता तेरी जय-जय-जय!” वे माता को भक्तों का उद्धार करने वाली, पापों को नष्ट करने वाली, पापियों का नाश करने वाली मानकर जय-जयकार कर रहे थे। उसी बीच एक अछूत भक्त के मंदिर में आ जाने से वे उस पर मंदिर की पवित्रता और देवी की गरिमा नष्ट होने का आरोप लगा रहे थे। जब देवी पापियों का नाश करने वाली हैं तो एक पापी या अछूत उनकी गरिमा कैसे कम कर रहा था। भक्तों की ऐसी सोच से उनकी दोहरी मानसिकता उजागर होती है।

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