Extra Questions for Class 10 Sparsh Chapter 7  तोप - वीरेन डंगवाल Hindi

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Extra Questions for Class 10 Sparsh Chapter 7  तोप - वीरेन डंगवाल Hindi

Chapter 7 तोप Sparsh Extra Questions for Class 10 Hindi

1 अंक के प्रश्न

प्रश्न 1. “कंपनी बाग़ के मुहाने पर/धार रखी गयी है यह 1857 की तोप” इसका आशय स्पष्ट कीजिये?
उत्तर 
कंपनी बाग़ के मुख्य द्वार पर प्रवेश करते ही एक तोप रखी गयी। यह तोप 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में काम आयी थी।

प्रश्न 2. कविता एवं कवि का नाम लिखिए?
उत्तर  
कविता का नाम है "तोप " और कवि हैं वीरेन डंगवाल।

प्रश्न 3. उड़ा दिए थे मैंने अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे?
उत्तर 
1857 के स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए इस तोप द्वारा अनेक क्रांतिकारियों को मार गिराया था।

प्रश्न 4. इस कविता की भाषा शैली पर प्रकाश डालिये?
उत्तर  
कवि वीरेन डंगवाल की काव्य भाषा को गद्य भाषा कहा जाये तो उचित होगा। उन्होंने उर्दू शब्दों का भरपूर प्रयोग किया है।

2 अंक के प्रश्न

प्रश्न 1. “इसकी होती है बड़ी सम्हाल, विरासत में मिले कंपनी बाग़ की तरह, साल में चमकाई जाती है दो बार” इसका आशय स्पष्ट कीजिये?
उत्तर  
इस तोप की बड़ी देखभाल की जाती है। कंपनी बाग़ की भी देखभाल की जाती है। इन्हें अपने पुरखों द्वारा मिली हुई धरोहर रूप में सजाया जाता है। इस तोप को साल में दो बार चमकाया जाता है। सुबह-शाम कंपनी बाग़ में आते हैं।

प्रश्न 2. विरासत में मिली चीजों की संभाल करने के पीछे क्या उद्देश्य है?
उत्तर
विरासत में मिली चीज़ें हमें हमारे पूर्वजन की, पूर्व अनुभवों की और पुरानी परम्पराओं की याद दिलाती है नई पीढ़ी उनके बारे में जाने, उनके अनुभव से कुछ सीखे और उनकी बनाई हुई श्रेष्ठ परम्पराओं का पालन करें इसी उद्देश्य से विरासत में मिली चीज़ों को संभाल-संभाल के रखा जाता है।

प्रश्न 3. वे बताती है की दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप एक दिन तो होना ही है उसका मुंह बंद?
उत्तर
1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में काम आयी तोप कितनी भी भयंकर रही हो, किन्तु आज उसका मुंह बंद हो चूका है। भारतीय शूरवीरों ने आज़ादी का आंदोलन चलाकर तोप को झुका दिया। इससे हमें यह सीख मिलती है की जबरदस्ती बल करना भी कारगर नहीं होता । अतः हथियारों का प्रयोग बंद होना चाहिए।


प्रश्न 4. कंपनी बाग़ और तोप को साल में दो बार चमकाया और सजाया जाता है। ये कौन से अवसर हैं?
उत्तर
कंपनी बाग़ और तोप को साल में दो बार सजाया-संवारा जाता है। ये अवसर हैं 15 अगस्त तथा 26 जनवरी। इन दिनों को पूरा राष्ट्र देश की आज़ादी और गणतंत्र दिवस के रूप में याद करता है ।

प्रश्न 5. हम अपने पूर्वजों की धरोहर और विरासत में मिले चीज़ों की क्यों देखभाल करते हैं?
उत्तर
विरासत में मिली चीज़ें हमें हमारे पूर्वजों की, पूर्व अनुभवों की और पुरानी परम्पराओं की याद दिलाती है नई पीढ़ी उनके बारे में जाने, उनके अनुभव से कुछ सीखे और उनकी बनाई हुई श्रेष्ठ परम्पराओं का पालन करें इसी उद्देश्य से विरासत में मिली चीज़ों को संभाल-संभाल के रखा जाता है।

3 अंक के प्रश्न

प्रश्न 1. तोप कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर
तोप कविता हमें प्रेरणा देती है की कोई भी कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन एक दिन उसे शांत होना पड़ता है। इसके अलावा यह हमें अंग्रेज़ों के शोषण और अत्याचारों की याद दिलाती है और बतलाती है की सुरक्षा और हितों के प्रति सचेत रहें । यह हमारे उन तमाम शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने तथा उनके उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

प्रश्न 2. इस कविता से तोप के बारे में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर
कंपनी बाग़ में रखी तोप से यह जानकारी मिलती है की 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में ये तोपें चली थीं। तब गोरों ने भारतीय क्रांतिकारियों को दबाने के लिए इनका प्रयोग किया था। इन तोपों ने न जाने कितने शूरवीरों को मार डाला था परन्तु भारतीय वीर नहीं माने। कुछ वर्ष उपरांत उन्होंने अहिंसात्मक आंदोलन से अंग्रेज़ों को देश से बाहर निकला। तब उनकी तोपों को मौन होना पड़ा।

प्रश्न 3. तोप की वर्तमान स्थिति क्या है?
उत्तर
तोप की वर्तमान स्थिति यह है की वह प्रदर्शन की वस्तु बन गयी है। अब न वह आग उगलती है, न ही लोग उससे डरते हैं। आजकल चिड़ियाँ तोप पर बैठ कर चहचहाती हैं। गौरैये उसके मुँह के अंदर घुस जाते हैं और लड़के उस पर बैठकर घुड़सवारी का मज़ा लेते हैं। अब वह सामान्य बाग़ के प्रवेश द्वार पर निष्क्रिय खड़ी है।

प्रश्न 4. तोप कविता का सारांश लिखिए।
उत्तर
कंपनी बाग़ में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में काम आयी एक तोप रखी है। उसे विरासत की तरह सँभाल कर रखा जाता है। वह सैलानियों को बताती है की कैसे-कैसे वीरों की धज्जियां उड़ाई थीं। परन्तु आज उस तोप पर छोटे बच्चे सवारी करते हैं या चिड़ियाँ गप शप करती हैं। कभी- कभी गौरैये उसके भीतर भी घुस जाते हैं। वे मानो बताते हैं की तोप कितनी भी बड़ी हो, उसे एक न एक दिन चुप होना ही पड़ता है।

5 अंक के प्रश्न

प्रश्न 1. तोप अपना परिचय किस प्रकार देती है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
कंपनी बाग़ में रखी तोप से यह जानकारी मिलती है की 1857 के स्वतंत्रता-संग्राम में ये तोपें चली थीं। तब गोरों ने भारतीय क्रांतिकारियों को दबाने के लिए इनका प्रयोग किया था। इन तोपों ने न जाने कितने शूरवीरों को मार डाला था परन्तु भारतीय वीर नहीं माने। कुछ वर्ष उपरांत उन्होंने अहिंसात्मक आंदोलन से अंग्रेज़ों को देश से बाहर निकला। तब उनकी तोपों को मौन होना पड़ा।

प्रश्न 2. इस कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए |
उत्तर
प्रस्तुत कविता में कवि वीरेन डंगवाल ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के युद्ध में अंग्रेज़ों द्वारा इस्तेमाल की हुई तोप का वर्णन किया है। कवि कहते हैं की यह तोप कंपनी बाग़ के प्रवेश द्वार पर रखी हुई है। जिस प्रकार कंपनी बाग़ हमें अंग्रेज़ों से विरासत में मिली थी उसी प्रकार यह तोप हमें मिली है, जिसकी बहुत देखभाल की जाती है। साल में दो बार चमकाया जाता है।
 
प्रश्न 3. आज इस तोप की क्या स्थिति है और इससे क्या सीख मिलती है?
उत्तर
1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में काम आयी तोप कितनी भी भयंकर रही हो, किन्तु आज उसका मुंह बंद हो चूका है । तोप की वर्तमान स्थिति यह है की वह प्रदर्शन की वस्तु बन गयी है। अब न वह आग उगलती है, न ही लोग उससे डरते हैं। आजकल चिड़ियाँ तोप पर बैठ कर चहचहाती हैं। गौरैये उसके ह के अंदर घुस जाते हैं और लड़के उस पर बैठकर घुड़सवारी का मज़ा लेते हैं। अब वह सामान्य बाग़ के प्रवेश द्वार पर निष्क्रिय खड़ी है। भारतीय शूरवीरों ने आज़ादी का आंदोलन चलाकर तोप को झुका दिया। इससे हमें यह सीख मिलती है की जबरदस्ती बल - करना भी कारगर नहीं होता। अतः हथियारों का प्रयोग बंद होना चाहिए।

प्रश्न 4. तोप कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर
कंपनी बाग़ में रखी तोप हमें यह सन्देश देती है की तोप-गोले बम- बारूद कितने भी विनाशकारी हों, वे मानव के सामने टिक नहीं सकते। आखिरकार मनुष्यता की शक्ति ही विजयी होती है। यह तोप यह भी बताती है की ईस्ट इंडिया कंपनी ने कंपनी बाग़ बनवाये उन्होंने तोपें भी चलायीं। इसलिए विदेशी ताकतों से सावधान रहें तथा अपने देश को बचा के रखें।
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