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BSEB Solutions for माँ (Maa) Class 10 Hindi Varnika Part 2 Bihar Board

माँ - ईश्वर पेटलीकर प्रश्नोत्तर

Very Short Questions Answers (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न)

प्रश्न 1. मंगु कौन थी?
उत्तर

मंगु जन्म से पागल और गूंगी लड़की थी।


प्रश्न 2. मंगु की देख-रेख कौन और कैसे करता था? ।
उत्तर
मंगु की देख-रेख उसकी माँ बड़े यत्न से करती थी। वह उसे अपने पास सुलाती, खाना खिलाती और मल-मूत्र साफ करती थी।


प्रश्न 3. मंगु की माँ उसे अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती थी?
उत्तर

मंगु की माँ सोचती थी कि अस्पताल में मंगु की देख-भाल ठीक से न होगी। इसलिए उसे भर्ती कराना नहीं चाहती थी।


प्रश्न 4. अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने क्या प्रण किया ?
उत्तर
अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद मंगु के भाई ने प्रण किया कि वह मंगु पालेगा। बहू मल-मूत्र न धोएगी तो वह स्वयं धोएगा।


प्रश्न 5. मंगु को अस्पताल में भर्ती करा कर आने के बादं माँ की क्या दशा हई?
उत्तर
मंगु को अस्पताल में भर्ती कराकर आने के बाद माँ रात भर सिसकती रही और सवेरे चीत्कार सुनकर परिवार एवं पड़ोस के लोग घबड़ाकर वहाँ आए तो सबने देखा कि मंगु की माँ खुद पागल हो गई।


प्रश्न 6. ईश्वर पेटलीकर कौन हैं?
उत्तर

ईश्वर पेटलीकर गुजराती के जाने-माने कथाकार हैं।


प्रश्न 7. ईश्वर पेटलीकर के साहित्य की क्या विशेषता है ?
उत्तर

ईश्वर पेटलीकर के साहित्य में गुजरात का समाज, उसके मूल्य, दर्शन आदि साकार होते हैं।


प्रश्न 8. मंगु की माँ उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कैसे राजी हुई ?
उत्तर
गाँव की लड़की कुसुम का पागलपन जब अस्पताल जाने से दूर हो गया तो मंगु की माँ मंगु को अस्पताल में भर्ती कराने को राजी हुई।


प्रश्न 9. मंगु को अस्पताल ले जाने के समय माँ की स्थिति कैसी थी?
उत्तर

अस्पताल ले जाने के पूर्व की रात माँ को नींद नहीं आई। उसे लेकर घर से निकलने लगी तो लगा कि ब्रह्माण्ड का भार उसके ऊपर आ गया। आँखों से सावन-भादो शुरू हो गया।


प्रश्नोत्तर (Questions and Answers)

प्रश्न 1. सदस्यों के व्यवहार में जो फर्क है, उसे अपने शब्दों में लिखें ?

उत्तर
मंगू जन्म से पागल और गूंगी बालिका थी, मां के लिए कोई भी कैसा भी संतान हो उसकी प्यार उमड़ ही पड़ती है, मंगू की देखरेख करने वाली मां को अपनी पुत्री एवं ईश्वर से शिकायत नहीं है, कि ममता की प्रतिमूर्ति मां स्वयं अपना सुख भूल कर पुत्री के लिए समर्पित हो जाती है,, वह रातों दिन अपनी पुत्री के बारे में सोचती रहती है,, मंगू के प्रति उनके परिवार के अन्य सदस्यों का व्यवहार कुछ अच्छा नहीं था, यह लोग मंगू को पागलखाने में रखने का निश्चित करते थे, मंगू परिवार के अन्य सदस्यों के लिए एक बहुत बड़ी बोझ बन गई थी, यही फर्क मां और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच मंगू के प्रति थी |


प्रश्न 2. मां मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती करना चाहती थी, विचार करें ?

उत्तर
मां अस्पताल के व्यवस्था से मन ही मन कांप जाती थी, वह लोगों को अस्पताल के लिए गौशालाओं की उपमा देती थी, मंगू बिस्तर पर पाखाना पेशाब कर देती थी, खिलाने पर ही खाती थी, इसलिए मां को लगता था, कि मांगू की सेवा कोई नहीं कर सकता, जब एक मां सेवा नहीं कर सकती, तो अस्पताल वाले क्या करेंगे, इसलिए मां मंगू को अस्पताल में भर्ती नहीं करना चाहती थी |


प्रश्न 3. कुसुम के पागलपन में सुधार देख मंगु के प्रति परिवार और समाज के प्रतिक्रिया को अपने शब्दों में लिखें ?

उत्तर
कुसुम एक पढ़ने लिखने वाली लड़की थी, उसकी मां चल बसी थी, अचानक वह भी पागल की तरह आचरण करने लगती है, कुसुम को अस्पताल में भर्ती की बात सुनकर मां जी को लगा कि यदि उसकी मां जीवित होती तो, अस्पताल में भर्ती ना होने देती, कुसुम अस्पताल में भर्ती करा दी जाती है, वह धीरे धीरे ठीक हो जाती है, ठीक हो जाने के बाद जब वह घर लौटती है, तब उसे देखने के लिए उसके गांव के पूरे लोग जुट जाते हैं, सबसे आगे मां जी भी है, माँ जी सोचती है , कि जब कुसुम ठीक हो सकती है, तू मंगू भी क्यों नहीं ठीक हो सकती, या बात सुनकर मां जी को भी इच्छा हुई, कि मैं भी अपनी मंगू को अस्पताल में जरूर भर्ती कर आऊंगी |


प्रश्न 4. कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें ?

उत्तर
किसी भी कहानी का शीर्षक धुरी होता है, जिसके इर्दगिर्द कहानी धूमती रहती है, इसमें एक गूंगी पागल मंगू नामक लड़की रहती है, जिसकी सेवा पूरी तन मन के साथ उसकी माँ करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है, की संतान कैसा भी हो पर माता का प्रेम सभी पर बराबर होता है, संतान चाहे जैसा भी हो माता की मातुत्व में कोई कमी नहीं आती है, इससे स्पष्ट होता है, की प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक सही है |


प्रश्न 5. मंगू जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी व्यवहार कुशल है, या संवेदनशील विचार करें ?

उत्तर
मंगू जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी संवेदनशील है, अस्पताल कर्मियों का काम मरीज के साथ अच्छे से अच्छे व्यवहार करना और सेवा करना है, किंतु इस अस्पताल के कर्मियों में व्यवहार कुशल ही नही संवेदनशील भी है |

प्रश्न 6. माँ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर

‘माँ’ कहानी की नायिका अपने घर की मुखिया और सहनशील नारी है। वह सब कुछ करती है और लोग यदि उसकी आलोचना भी करते हैं तो चुपचाप सुनती है, कुछ कहती नहीं। वह अथक सेविका है। अपनी पागल पुत्री की देखभाल बड़ी लगन से करती है, उसे अपने पास सुलाती, नहलाती-धुलाती, खिलाती और उसका मल मूत्र भी खुशी-खुशी साफ करती है। वह ऊबती नहीं अपितु उसकी जुदाई की आशंका से व्याकुल हो उठती है। वह अपने सभी बच्चों को बहुत प्यार करती है। माँ व्यवहार-कुशल भी है। वह अपनी बहुओं की अपने प्रति शिकायत से परिचित हैं, किंतु परिवार को विखंडित होने से बचाने के लिए कुछ नहीं कहती। उसका व्यवहार सभी लोगों से सौहार्द्रपूर्ण है। माँ अत्यन्त ममतामयी है। ममता के अतिरेक में ही, मंगु की जुदाई सहन नहीं कर पाती और पागल हो जाती है।

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