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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पाठ 19 - सबसे खतरनाक (Sabse Khatarnak) आरोह भाग - 1 NCERT Class 11th Hindi Notes

सारांश

प्रस्तुत कविता ‘सबसे खतरनाक’ दिनोंदिन अधिकाधिक नृशंस और क्रूर होती जा रही दुनिया की विद्रूपताओं के चित्रण के साथ उस खौफनाक स्थिति की ओर इशारा करती है, जहाँ प्रतिकूलताओं से जूझने के संकल्प क्षीण पड़ते जा रहे हैं| जड़ स्थितियों को बदलने की प्यास से मर जाने और बेहतर भविष्य के सपनों के गुम हो जाने को कवि ने सबसे अधिक खतरनाक स्थिति माना है|

कवि के अनुसार मेहनत का लुट जाना, पुलिस के अत्याचारों का शिकार होना, लोभ या धोखे की प्रवृत्ति से ग्रस्त होना इतना भी खतरनाक नहीं होता| अन्याय को चुपचाप सहना, अपने चारों ओर छल-कपट देखकर भी शांत रहना भी खतरनाक नहीं है| सही होते हुए भी गलत को बर्दाश्त करना तथा अल्पज्ञानी से ज्ञान प्राप्त करना भी उतना खतरनाक नहीं है जितना कि निष्क्रिय होकर जीवन व्यतीत करना है| केवल अपने काम तक सिमट कर रह जाना बहुत बुरी बात है| लक्ष्यहीन होकर जिंदगी बिताना भी खतरनाक है| कवि के अनुसार परिवर्तनशील संसार में जड़ होकर रहना भी खतरनाक है| समय के साथ गतिशीलता ही जीवन को सार्थक बनाता है| हमारी नजर ऐसी होनी चाहिए जिसमें सबके लिए परें व्याप्त हो| अंधविश्वास और रूढ़ियों वाली सोच सबसे खतरनाक होती है| ऐसी आस्था जो अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाने के बजाय शांत रहने की प्रेरणा दे, वह बुरी होती है| वह गीत भी खतरनाक होता है जो व्यक्ति के मन में शोक के भाव उत्पन्न करे या निराशा से भर दे| आत्मा की आवाज को अनसुना करने वाली सोच भी खतरनाक होती है| इस प्रकार कवि ने समाज में व्याप्त अनेक बुराइयों को उजागर करते हुए कहा है कि हमें समय के अनुसार प्रगतिशील रहना चाहिए| हमें रूढ़िवादी विचारधारा को त्याग कर बौद्धिक और आत्मिक रूप से जाग्रत होना चाहिए|

कवि-परिचय

पाश (अवतार सिंह संधू)

जन्म- सन् 1950, तलवंडी सलेम गाँव, जिला जालंधर (पंजाब) में|

प्रमुख रचनाएँ- लौह कथा, उड़दें बाजां मगर, साडै समिया बिच, लड़ेंगे साथी (पंजाबी); बीच का रास्ता नहीं होता, लहू है कि तब भी गाता है (हिंदी अनुवाद)|

मृत्यु: सन् 1988 में|

पाश समकालीन पंजाबी साहित्य के महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं| मध्यवर्गीय किसान परिवार में जन्मे पाश की शिक्षा अनियमित ढंग से स्नातक तक हुई| पाश की कविताएँ विचार और भाव के सुंदर संयोजन से बनी गहरी राजनीतिक कविताएँ हैं जिनमें लोक संस्कृति और परंपरा का गहरा बोध मिलता है| उनकी कविताओं में वह व्यथा, निराशा और गुस्सा नजर आता है जो गहरी संपृक्तता के बगैर संभव ही नहीं है|

कठिन शब्दों के अर्थ:

• गद्दारी- व्यक्ति, देश या शासन से द्रोह या धोखा
• बैठे-बिठाए- अनायास या अकारण
• तड़प- बेचैनी
• वीरान- उजड़ा हुआ
• मरसिया- करूण रस की कविता जो किसी व्यक्ति की मृत्यु पर लिखी जाती है
• रूह- आत्मा
• चौगाठों- चौखटों

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