NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 10th: Ch 8 जीव जनन कैसे करते हैं  विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ संख्या 142

1. डी. एन. ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है?

उत्तर

डी. एन. ए. सभी जीवों के कोशिकाओं में मौजूद आनुवांशिक गुणों का सन्देश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी में जाता है| अतः जनन की मूल घटना डी. एन. ए. की प्रतिकृति बनाना है| जनक के वंशानुक्रम को आगे बढ़ाने के लिए डी. एन. ए. की प्रतिकृति आवश्यक है| डी. एन. ए. की प्रतिकृति समरूप नहीं होती जो नई प्रजातियों के उत्पत्ति का आधार बनता है|

2. जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?

उत्तर

विभिन्नता स्पीशीज के लिए लाभदायक है, क्योंकि कभी-कभी एक स्पीशीज के लिए पर्यावरण की स्थिति इतनी तेजी से बदलती है कि उनका अस्तित्व मुश्किल हो जाता है| उदाहरण के लिए यदि जल का ताप बढ़ जाता है तो उसमे रहने वाले अधिकतर जीवाणु मर जाएँगे| केवल उष्ण प्रतिरोधी क्षमता वाले ही जीवित बच सकते हैं| जबकि विभिन्नता न होने पर जीवाणुओं की पूरी प्रजाति नष्ट हो गई होती| इस प्रकार जीवों में विभिन्नता उनके अस्तित्व बनाए रखने में मदद करती है| हालाँकि सभी विभिन्नताएँ अलग-अलग या व्यष्टि जीवों के लिए फायदेमंद नहीं है|

पृष्ठ संख्या 146

1. द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर

द्विखंडन में कोशिका का विभाजन दो बराबर भागों में होता है| अमीबा तथा जीवाणु द्विखंडन द्वारा विभाजित होते हैं|
बहुखंडन में एककोशिकीय जीव एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाते हैं| प्लैज्मोडियम में बहुखंदन द्वारा कोशिका विभाजन होता है|

2. बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?

उत्तर

बीजाणु द्वारा जनन के लाभ:

• बीजाणुधानी में बड़ी संख्या में बीजाणु उत्पन्न होते हैं|

• एक स्थान पर प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए दूरदराज के स्थानों पर हवा से आसानी से बीजाणु वितरित किया जाता है|

• बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है|

3. क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते?

उत्तर

जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते क्योंकि जटिल जीवों के संगठन का स्तर अंग प्रणाली होता है| उनके शरीर के सभी अंग प्रणाली एक साथ जुड़े हुए इकाई के रूप में एक साथ कार्य करते हैं| वे त्वचा, मांसपेशियों, रक्त आदि जैसे अपने खोये हुए शरीर के अंगों को जोड़कर पूर्णजीव का निर्माण कर देते हैं| जबकि वे पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते|

4. कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर

पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग निम्नलिखित लाभ के लिए किया जाता है:

• कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाये गए पौधों में बीज द्वारा उगाये पौधों पुष्प एवं फल कम समय में लगने लगते हैं|

• यह पद्धति केला, संतरा, गुलाब एवं चमेली जैसे उन पौधों को उगाने के लिए उपयोगी हैं जो बीज उत्पन्न करने की क्षमता खो चुके हैं|

• कायिक प्रवर्धन का दूसरा लाभ यह भी है कि इस प्रकार उत्पन्न सभी पौधे आनुवांशिक रूप से जनक पौधे के समान होते हैं|

5. डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए क्यों आवश्यक है?

उत्तर

डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना प्रजनन का एक अनिवार्य हिस्सा है क्योंकि यह जनक से संतति पीढ़ी में जाता है| यह एक व्यक्ति के शरीर के बनावट को आधार देता है| डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाने के लिए कोशिकाएँ विभिन्न रासायनिक क्रियाओं का उपयोग करती है तथा परिणामस्वरूप डी.एन.ए. की दो प्रतिकृतियाँ बनती है| डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनने के साथ-साथ दूसरी कोशिकीय संरचनाओं का सृजन भी होता रहता है, इसके बाद डी.एन.ए. की प्रतिकृतियाँ विलग हो जाती है|

पृष्ठ संख्या 154

1. परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर

पुष्पी पौधों में जनन प्रक्रम में परागकण परागकोश से स्त्रीकेसर के वार्तिकाग्र तक स्थानांतरित होते हैं जिसे परागण कहते हैं| यह कुछ परागणकों जैसे वायु, पानी, पक्षियों या कीड़ों की मदद से होता है| निषेचन की प्रक्रिया में नर तथा मादा युग्मकों के युग्मन होता है| यह अंडाशय के अंदर होता है तथा युग्मनज का रचना करता है|

2. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?

उत्तर

शुक्राशय एवं प्रोस्टेट अपने स्राव शुक्रवाहिका में डालते हैं जिससे शुक्राणु एक तरल माध्यम में आ जाते हैं| इसके कारण इनका स्थानांतरण सरलता से होता है और साथ ही यह स्राव उन्हें पोषण भी प्रदान करता है|

3. यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं?

उत्तर

यौवनारंभ के समय लड़कियों में निम्नलिखित परिवर्तन दिखाई देते हैं:

• स्तन के आकार में वृद्धि होने लगती है तथा स्तनाग्र की त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है|

• जननांगी क्षेत्र में बाल-गुच्छ निकल आते हैं|

• पैर, हाथ और चेहरे पर महीन रोम आ जाते हैं|

• रजोधर्म होने लगता है|

• त्वचा अक्सर तैलीय हो जाती है तथा कभी-कभी मुंहासे निकल आते हैं|

4. माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?

उत्तर

भ्रूण को माँ के रुधिर से ही पोषण मिलता है, इसके लिए एक विशेष संरचना होती है जिसे प्लैसेंटा कहते हैं| यह एक तश्तरीनुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धँसी होती है| इसमें भ्रूण की ओर के ऊत्तक में प्रवर्ध होते हैं| माँ के उत्तकों में रक्तस्थान होते हैं जो प्रवर्ध को अच्छादित करते हैं| यह माँ से भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों का स्थानांतरण हेतु एक बृहद क्षेत्र प्रदान करते हैं|

5. यदि कोई महिला कॉपर-टी का प्रयोग कर रही है तो क्या वह उनकी यौन संचारित रोगों से रक्षा करेगा?

उत्तर

नहीं, क्योंकि कॉपर-टी शरीर के स्राव में कोई रूकावट नहीं डालता है| इस प्रकार कॉपर- टी यौन संचारित रोगों से रक्षा नहीं करेगा|

पृष्ठ संख्या 156

1. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है|

(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेस्मानिया

उत्तर

(b) यीस्ट

2. निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?

(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी

उत्तर

(c) शुक्रवाहिका

3. परागकोश में होते हैं-

(a) बाह्यदल
(b) अंडाशय
(c) अंडप
(d) परागकण

उत्तर

(d) परागकण

4. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?

उत्तर

लैंगिक प्रजनन के निम्नलिखित लाभ हैं:

• लैगिक प्रजनन में अधिक विभिन्नता उत्पन्न किये जाते हैं| इस प्रकार, यह प्रजाति के अस्तित्व को बनाए रखने में सहायक है|

• इसमें उत्पादित व्यष्टि (जीव) में जनक अर्थात माता-पिता दोनों की विशेषताएँ होती है|

• अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन में विभिन्नताएँ अधिक व्यवहारिक होती हैं| इसका कारण यह है कि अलैंगिक प्रजनन में, डी.एन.ए. को अनुवांशिक कोशिकीय संरचना के अंदर कार्य करना होता है|

5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?

उत्तर

वृषण के कार्य:

• शुक्राणु का उत्पादन करता है, जिसमें पिता के अगुणित गुणसूत्र विद्यमान रहते हैं|

• टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करता है जो लड़कों में यौवनावस्था के लक्षणों का नियंत्रण भी करता है|

6. ऋतुस्राव क्यों होता है?

उत्तर

ऋतुस्राव में योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में प्रति माह स्राव होता है| अंडाशय प्रत्येक माह एक अंड का मोचन करता है, अतः निषेचित अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी प्रति माह तैयारी करता है| अतः इसकी अंतःभित्ति मांसल एवं स्पोंजी हो जाती है| यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है| परंतु निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं होती| अतः यह पर्त धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप निष्कासित होती है|

7. पुष्प की अनुदैधर्य काट का नामांकित चित्र बनाइए|

उत्तर

8. गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन सी है?

उत्तर

गर्भनिरोधन की विधियों को विस्तृत तौर पर निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जाता है:

• प्राकृतिक उपाय- इसमें शुक्राणुओं तथा डिंब के मिलने की संभावना को कम किया जाता है| इस विधि में ऋतुचक्र से दसवें दिन से 17वें दिन तक यौन क्रिया से बचा जाता है क्योंकि इस अवधि के दौरान डिंबोत्सर्जन की उम्मीद रहती है तथा निषेचन की संभावना अधिक होती  है| 

• एक तरीका यांत्रिक अवरोध का है जिससे शुक्राणु अंडकोशिका तक न पहुँच सके| शिश्न को ढकने वाले कंडोम अथवा योनि में रखने वाली अनेक युक्तियों का उपयोग किया जा सकता है|

• दूसरा तरीका शरीर में हार्मोन संतुलन के परिवर्तन का है, जिससे अंड का मोचन ही नहीं होता अतः निषेचन नहीं हो सकता|

• गर्भधारण रोकने के लिए कुछ अन्य युक्तियाँ जैसे कि लूप अथवा कॉपर-टी को गर्भाशय स्थापित करके भी किया जाता है|

• यदि पुरूष की शुक्रवाहिकाओं को अवरूद्ध कर दिया जाता है और इससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रुक जाता है| इसी प्रकार यदि स्त्री की अंडवाहिनी अथवा फेलोपियन नालिका को अवरूद्ध कर दिया जाता है तो इससे अंड (डिंब) गर्भाशय तक नहीं पहुँच सकेगा| इस तरह दोनों ही अवस्थाओं में निषेचन नहीं हो पायेगा|

9. एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?

उत्तर

एक-कोशिक जीवों में कोशिका विभाजन अथवा विखंडन द्वारा नए जीवों की उत्पत्ति होती है| एक-कोशिक जीवों में प्रजनन खंडन, मुकुलन पद्धति द्वारा होता है जबकि बहुकोशिक जीवों में विशेष प्रजनन अंग मौजूद होते हैं| इसलिए वे जटिल प्रजनन विधियों जैसे कायिक प्रवर्धन, बीजाणु सीमांघ आदि द्वारा प्रजनन करते हैं| अत्यधिक जटिल बहुकोशिक जीवों जैसे मानव तथा पादपों में लैंगिक जनन द्वारा प्रजनन होता है|

10. जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?

उत्तर

जनन एक स्पीशीज के मौजूद जीवों द्वारा एक ही प्रजाति के नए जीव उत्पादन करने की प्रक्रिया है| इसलिए यह नयी प्रजातियों को जन्म देकर समष्टि के स्थायित्व में सहायक है क्योंकि एक प्रजाति के समष्टि के सथायित्व के लिए जन्म दर मृत्यु दर के बराबर होनी चाहिए|

11. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर

गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

• अवांछित गर्भधारण को रोकने के लिए|

• जन्म दर अथवा बढ़ती आबादी के नियंत्रण के लिए|

• यौन संचारित रोगों के स्थानांतरण को रोकने के लिए|
  
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