Class 7 Hindi Chapter 3 फूल और काँटा Questions Answers NCERT Solutions मल्हार

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Chapter 3 फूल और काँटा Class 7 NCERT Solutions

पाठ से

मेरी समझ से

(क) कविता के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

(1) कविता में काँटे के बारे में कौन-सा वाक्य सत्य है?

  • काँटा अपने आस-पास की सुगंध को नष्ट करता है।
  • काँटा तितलियों और भौंरों को आकर्षित करता है।
  • काँटा उँगलियों को छेदता है और वस्त्र फाड़ देता है। (*)
  • काँटा पौधे को हानि पहुँचाता है।

उत्तर

काँटा उँगलियों को छेदता है और वस्त्र फाड़ देता है।

विश्लेषण: कविता में काँटे को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है, जो उँगलियों को छेदता है ("छेद कर काँटा किसी की उँगलियाँ") और कपड़े फाड़ देता है ("फाड़ देता है किसी का वर बसन")। अन्य विकल्प कविता के आधार पर सही नहीं हैं, क्योंकि काँटा सुगंध नष्ट नहीं करता, तितलियों-भौंरों को आकर्षित नहीं करता, और पौधे को हानि नहीं पहुँचाता।


(2) कविता में फूल और काँटे में समानताओं और विभिन्नताओं का उल्लेख किया गया है। निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य इन्हें सही रूप में व्यक्त करता है?

  • फूल सुंदरता का प्रतीक है और काँटा कठोरता का।
  • फूल और काँटे के बारे में लोगों के विचार समान होते हैं।
  • फूल और काँटे एक ही पौधे पर उगते हैं, लेकिन उनके स्वभाव भिन्न होते हैं।
  • फूल और काँटे को समान देखभाल मिलती है फिर भी उनके रंग-ढंग अलग होते हैं।

उत्तर

फूल सुंदरता का प्रतीक है और काँटा कठोरता का। (*)
फूल और काँटे एक ही पौधे पर उगते हैं, लेकिन उनके स्वभाव भिन्न होते हैं। (*)
फूल और काँटे को समान देखभाल मिलती है फिर भी उनके रंग-ढंग अलग होते हैं। (*)

विश्लेषण: कविता में फूल को सुंदर, कोमल और आनंददायक दिखाया गया है, जबकि काँटा कठोर और पीड़ादायक है। दोनों एक ही पौधे पर उगते हैं ("हैं जनम लेते जगह में एक ही") और उन्हें समान देखभाल मिलती है ("मेह उन पर है बरसता एक सा"), लेकिन उनके स्वभाव और प्रभाव अलग हैं। इसलिए तीन विकल्प सही हैं। दूसरा विकल्प गलत है, क्योंकि लोगों के विचार फूल और काँटे के लिए समान नहीं हैं।


(3) कविता के आधार पर कौन-सा निष्कर्ष उपयुक्त है

  • व्यक्ति का कुल ही उसके सम्मान का आधार होता है।
  • व्यक्ति के कार्यों के कारण ही लोग उसका सम्मान करते हैं। (*)
  • कुल की प्रतिष्ठा हमेशा व्यक्ति के गुणों से बड़ी होती है।
  • यदि व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो उसके कुल को प्रसिद्धि मिलती है। (*)

उत्तर

व्यक्ति के कार्यों के कारण ही लोग उसका सम्मान करते हैं।
यदि व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो उसके कुल को प्रसिद्धि मिलती है।

विश्लेषण: कविता कहती है कि व्यक्ति का बड़प्पन उसके गुणों और कार्यों से तय होता है, न कि केवल कुल से ("किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में हो बड़प्पन की कसर")। फूल जैसे अच्छे कार्य करने वाले व्यक्ति को सम्मान मिलता है, जिससे उसके कुल को भी प्रसिद्धि मिलती है। इसलिए दो विकल्प सही हैं।


(4) कविता के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा कथन 'बड़प्पन' के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?

  • धन-दौलत और ताकत से व्यक्ति के बड़प्पन का पता चलता है।
  • कुल के बड़प्पन की प्रशंसा व्यक्ति की कमियों को ढक देती है।
  • बड़प्पन व्यक्ति के गुणों, स्वभाव और कर्मों से पहचाना जाता है।
  • कुल का नाम व्यक्ति में बड़प्पन की पहचान का मुख्य आधार है।

उत्तर

बड़प्पन व्यक्ति के गुणों, स्वभाव और कर्मों से पहचाना जाता है। (*)

विश्लेषण: कविता में बड़प्पन को व्यक्ति के गुणों, स्वभाव, और कर्मों से जोड़ा गया है ("किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में हो बड़प्पन की कसर")। फूल जैसे गुणों वाला व्यक्ति सम्मान पाता है, जबकि काँटे जैसे स्वभाव वाला नहीं। इसलिए तीसरा विकल्प सही है।


(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग या एक से अधिक उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?

उत्तर

मैंने उपरोक्त उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कविता में फूल और काँटे को प्रतीक के रूप में इस्तेमाल करके लोगों के स्वभाव और कर्मों के अंतर को दिखाया गया है। काँटे का उँगलियाँ छेदना और कपड़े फाड़ना इसकी कठोरता को दर्शाता है, जबकि फूल की सुगंध और रंग सुंदरता और आनंद का प्रतीक हैं। दोनों को एक ही पौधे पर समान देखभाल मिलती है, फिर भी उनके गुण अलग हैं। बड़प्पन के लिए कविता में गुणों और कर्मों को महत्व दिया गया है, न कि कुल या धन को। मेरे मित्रों के साथ चर्चा में मैं यह समझाऊँगा कि कविता का मुख्य संदेश व्यक्ति के कार्यों और स्वभाव से उसकी पहचान बनती है।


पंक्तियों पर चर्चा

नीचे दी गई पंक्तियों का अर्थ और विचार:

(क) "मेह उन पर है बरसता एक सा, 
एक सी उन पर हवायें हैं बही। 
पर सदा ही यह दिखाता है हमें, 
ढंग उनके एक से होते नहीं।"

उत्तर

अर्थ: इस पंक्ति में कहा गया है कि फूल और काँटे दोनों को एक जैसी बारिश (मेह) और हवा मिलती है, लेकिन फिर भी उनके स्वभाव और गुण अलग-अलग होते हैं।

विचार: यह पंक्ति हमें सिखाती है कि परिस्थितियाँ सबके लिए एक जैसी हो सकती हैं, लेकिन हर व्यक्ति का स्वभाव और व्यवहार उसकी अपनी खासियत के कारण अलग होता है। जैसे, एक ही परिवार के बच्चे एक जैसी परवरिश पाते हैं, फिर भी उनके गुण भिन्न हो सकते हैं।


(ख) "किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, 
जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।"

उत्तर

अर्थ: इस पंक्ति का मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति में बड़प्पन (अच्छे गुण, स्वभाव, और कर्म) की कमी है, तो उसके कुल (परिवार) की प्रतिष्ठा या बड़ा नाम उसके लिए कोई काम नहीं आता।

विचार: यह पंक्ति मुझे प्रेरित करती है कि हमें अपने गुणों और कर्मों से अपनी पहचान बनानी चाहिए। कुल का नाम तभी सम्मान दिलाता है, जब हम स्वयं अच्छे कार्य करें।


मिलकर करें मिलान

इस कविता में ‘फूल’ और ‘काँटा’ के उदाहरण द्वारा लोगों के स्वभावों के अंतर और समानताओं की ओर संकेत किया गया है। फूल और काँटा किस-किस के प्रतीक हो सकते हैं। इन्हें उपयुक्त प्रतीकों से जोड़िए:

उत्तर

विश्लेषण:

  • फूल: फूल सुंदरता, कोमलता, सुगंध, और आनंद का प्रतीक है। यह दया, अच्छाई, सुख, परोपकार, प्रेम, और प्रसन्नता जैसे सकारात्मक गुणों को दर्शाता है।
  • काँटा: काँटा कठोरता, पीड़ा, और नुकसान का प्रतीक है। यह स्वार्थ, बुराई, दुख, और कठोरता जैसे नकारात्मक गुणों को दर्शाता है।


सोच-विचार के लिए

(क) कविता में ऐसी कौन-कौन सी समानताओं का उल्लेख किया गया है जो सभी पौधों पर समान रूप से लागू होती हैं?

उत्तर

कविता में फूल और काँटे के लिए निम्नलिखित समानताएँ बताई गई हैं:

  • दोनों एक ही जगह पर जन्म लेते हैं ("हैं जनम लेते जगह में एक ही")।
  • दोनों को एक ही पौधा पालता है ("एक ही पौधा उन्हें है पालता")।
  • दोनों पर एक जैसी चाँदनी बरसती है ("रात में उन पर चमकता चाँद भी, एक ही सी चाँदनी है डालता")।
  • दोनों पर एक जैसी बारिश होती है ("मेह उन पर है बरसता एक सा")।
  • दोनों को एक जैसी हवाएँ मिलती हैं ("एक सी उन पर हवायें हैं बही")।


(ख) आपको फूल और काँटे के स्वभाव में मुख्य रूप से कौन-सा अंतर दिखाई दिया?

उत्तर

फूल और काँटे के स्वभाव में मुख्य अंतर:

  • फूल: फूल सुंदर, कोमल, और आनंददायक है। यह तितलियों को गोद में लेता है, भौंरों को रस पिलाता है, और अपनी सुगंध व रंगों से कली को खिलाता है ("फूल लेकर तितलियों को गोद में, भौंर को अपना अनूठा रस पिला")। यह सकारात्मकता और प्रेम का प्रतीक है।
  • काँटा: काँटा कठोर और पीड़ादायक है। यह उँगलियों को छेदता है और कपड़े फाड़ता है ("छेद कर काँटा किसी की उँगलियाँ, फाड़ देता है किसी का वर बसन")। यह नकारात्मकता और कठोरता का प्रतीक है।


(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

मुख्य बात: कविता में फूल और काँटे के माध्यम से यह बताया गया है कि एक ही परिस्थिति में पलने वाले लोग या चीजें अपने स्वभाव और कर्मों के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। व्यक्ति का बड़प्पन उसके गुणों, स्वभाव, और कार्यों से तय होता है, न कि केवल उसके कुल या परिस्थितियों से।

अपने शब्दों में: कविता कहती है कि फूल और काँटा एक ही पौधे पर उगते हैं और उन्हें एक जैसी देखभाल मिलती है, लेकिन फूल अपनी सुंदरता और सुगंध से सबको खुशी देता है, जबकि काँटा दुख देता है। इसी तरह, लोग चाहे एक ही परिवार या परिस्थिति से हों, उनके अच्छे या बुरे कर्म ही उनकी पहचान बनाते हैं।


(घ) "किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।" उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर

अर्थ: इस पंक्ति का मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति में अच्छे गुण, स्वभाव, या कर्मों की कमी है, तो उसके परिवार या कुल का बड़ा नाम उसके लिए बेकार है।

उदाहरण: मान लीजिए एक अमीर और प्रसिद्ध परिवार का लड़का है। उसके परिवार का नाम बहुत बड़ा है, लेकिन वह झूठ बोलता है, दूसरों को धोखा देता है, और बुरा व्यवहार करता है। लोग उसका सम्मान नहीं करेंगे, क्योंकि उसमें बड़प्पन (अच्छे गुण) की कमी है। वहीं, एक साधारण परिवार का लड़का अगर ईमानदार, मेहनती, और दयालु है, तो लोग उसकी प्रशंसा करेंगे, भले ही उसका कुल प्रसिद्ध न हो।


(ङ) "है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा है सोहता सूर शीश पर।" लोग कैसे स्वभाव के व्यक्तियों की प्रशंसा करते हैं और कैसे स्वभाव वाले व्यक्तियों से दूर रहना पसंद करते हैं?

उत्तर

इस पंक्ति में कहा गया है कि एक (काँटा) सबकी आँखों में खटकता है, यानी नापसंद किया जाता है, जबकि दूसरा (फूल) सिर पर सुशोभित होता है, यानी उसकी प्रशंसा होती है।

  • प्रशंसा वाले व्यक्ति: लोग उन व्यक्तियों की प्रशंसा करते हैं जो फूल जैसे स्वभाव वाले होते हैं, यानी दयालु, कोमल, सुंदर व्यवहार करने वाले, और दूसरों को सुख देने वाले। उदाहरण के लिए, जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, सच बोलते हैं, और प्यार से बात करते हैं, उनकी प्रशंसा होती है।
  • दूर रहने वाले व्यक्ति: लोग उन व्यक्तियों से दूर रहना पसंद करते हैं जो काँटे जैसे स्वभाव वाले होते हैं, यानी कठोर, दूसरों को चोट पहुँचाने वाले, और बुरा व्यवहार करने वाले। उदाहरण के लिए, जो लोग झगड़ालू, स्वार्थी, या दूसरों को दुख देते हैं, उनसे लोग दूरी बनाते हैं।


अनुमान और कल्पना से

(क) कल्पना कीजिए कि चाँदनी, हवा और मेघ केवल एक पौधे पर बरसते हैं। बाकी पौधे इन सबके बिना कैसे दिखेंगे और उनके जीवन पर इसका क्या प्रभाव होगा?

उत्तर

अगर हम कल्पना करें कि चाँदनी, हवा और मेघ (बारिश) केवल एक ही पौधे पर बरसते हैं और बाकी पौधों को ये सब नहीं मिलते, तो बाकी पौधे बहुत दुखी और कमज़ोर हो जाएंगे। उनके जीवन पर यह प्रभाव पड़ेगा:

  • बिना चाँदनी के: रात में वे अंधेरे में रहेंगे, जिससे उनका विकास प्रभावित होगा।
  • बिना हवा के: उन्हें ताज़ी हवा नहीं मिलेगी, जिससे वे साँस नहीं ले पाएँगे और मुरझा सकते हैं।
  • बिना पानी के:बारिश न मिलने से वे सूख जाएँगे और धीरे-धीरे मरने लगेंगे।

दिखावट में: वे पौधे पीले, मुरझाए हुए और निर्जीव दिखेंगे। उनके पत्ते सूखने लगेंगे और वे बढ़ नहीं पाएँगे।

प्रभाव: यह दिखाता है कि जैसे हर पौधे को जीने के लिए बराबर हवा, पानी और रोशनी की ज़रूरत होती है, वैसे ही हर इंसान को भी समान अवसर और प्यार मिलना चाहिए, तभी समाज सुंदर और स्वस्थ बन सकता है।

सीख: प्रकृति सबको समान रूप से देती है। अगर यह बराबरी न हो, तो जीवन अधूरा और दुखद हो जाता है।


(ख) यदि सभी पौधे एक जैसे होते तो दुनिया कैसी लगती?

उत्तर

स्वरूप: अगर सभी पौधे एक जैसे होते, तो दुनिया में विविधता नहीं होती। हर जगह एक ही तरह के पौधे, फूल, और काँटे दिखते, जिससे प्रकृति एकरूप और बोरिंग लगती।
प्रभाव:

  • फूलों की सुंदरता और विविध रंगों का आनंद खत्म हो जाता।
  • काँटों की कमी से पौधों की सुरक्षा कम हो सकती थी, क्योंकि काँटे जानवरों से रक्षा करते हैं।
  • कीटों और पक्षियों को विभिन्न प्रकार के फूलों का रस और पराग नहीं मिलता, जिससे उनकी प्रजातियाँ प्रभावित होतीं।
  • मानव जीवन भी प्रभावित होता, क्योंकि हम विभिन्न फूलों से इत्र, दवाइयाँ, और सजावट की चीजें बनाते हैं।

नैतिक दृष्टि: यह इंसानों की तरह है—अगर सभी लोग एक जैसे होते, तो जीवन में कोई नयापन या सीखने का अवसर नहीं होता।


(ग) यदि काँटे न होते और हर पौधा केवल फूलों से भरा होता तो क्या होता?

उत्तर

यदि काँटे न होते और हर पौधा केवल फूलों से भरा होता, तो देखने में दुनिया बहुत सुंदर और खुशबूदार लगती। चारों ओर रंग-बिरंगे फूल होते, जिनसे वातावरण मनमोहक हो जाता।

लेकिन इसके कुछ प्रभाव और बातें भी होतीं:

  • सौंदर्य तो होता, पर सुरक्षा नहीं होती:काँटे पौधों की रक्षा करते हैं। यदि काँटे न होते, तो जानवर और इंसान आसानी से फूलों को तोड़ लेते, जिससे पौधों का नुकसान होता।
  • प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता: काँटे भी प्रकृति का हिस्सा हैं और कुछ जीव-जंतु उनसे अपना बचाव करते हैं या उनके साथ रहने के अभ्यस्त हैं।
  • सिर्फ फूल होने से मूल्य कम हो सकता था: जब कोई चीज़ बहुत ज़्यादा हो जाती है, तो उसकी अहमियत घट जाती है।
  • सिर्फ कोमलता जीवन में पर्याप्त नहीं होती: काँटे यह सिखाते हैं कि जीवन में केवल सुंदरता नहीं, बल्कि थोड़ी कठिनाई भी ज़रूरी है ताकि हम सावधान और संतुलित रह सकें।


(घ) कल्पना कीजिए कि एक तितली काँटे से मित्रता करना चाहती है, उनके बीच कैसा संवाद होगा?

उत्तर

संवाद रूप में:

तितली: नमस्ते, काँटे भाई! मैं तुमसे दोस्ती करना चाहती हूँ। तुम इतने मजबूत और नुकीले हो, मुझे तुम्हारा अंदाज पसंद है।
काँटा: अरे तितली, तुम तो फूलों की दोस्त हो! मेरे जैसे कठोर काँटे से दोस्ती करके क्या करोगी? मैं तो अपनी जगह पर खड़ा होकर बस रक्षा करता हूँ, पर लोग मुझे चुभने वाला समझते हैं।

तितली: नहीं-नहीं, तुम गलत समझ रहे हो। तुम पौधे की रक्षा करते हो, और यह बहुत बड़ा काम है। मैं फूलों से रस लेती हूँ, लेकिन तुम्हारी वजह से फूल सुरक्षित रहते हैं।
काँटा: हम्म, यह तो सही है। मैं फूलों को जानवरों से बचाता हूँ। लेकिन लोग मुझे पसंद नहीं करते, क्योंकि मैं चुभ जाता हूँ।

तितली: लोग फूलों को भी तोड़ लेते हैं, फिर भी हम उनकी परवाह नहीं करते। चलो, हम दोस्त बनें और साथ मिलकर पौधे को और खूबसूरत बनाएँ।
काँटा: ठीक है, तितली! मैं तुम्हारा साथ दूँगा। तुम अपनी रंग-बिरंगी पंखों से सुंदरता बढ़ाओ, और मैं सुरक्षा दूँगा।

विश्लेषण: यह संवाद दिखाता है कि फूल और काँटा, भले ही अलग स्वभाव के हों, एक-दूसरे के पूरक हैं और साथ मिलकर प्रकृति को बेहतर बनाते हैं।


(ङ) कल्पना कीजिए कि आपको किसी काँटे, फूल या दोनों के गुणों के साथ जीवन जीने का अवसर मिलता है। आप किसके गुणों को अपनाना चाहेंगे? कारण सहित बताइए।

उत्तर

मैं दोनों के गुण (फूल और काँटे) अपनाना चाहूँगा।

कारण:

  • फूल के गुण: फूल की तरह मैं दयालु, कोमल, और सकारात्मक बनना चाहूँगा। फूल की सुगंध और रंगों की तरह मैं अपने व्यवहार से दूसरों को खुशी देना चाहूँगा। इससे मेरे दोस्त और परिवार के साथ मेरे रिश्ते बेहतर होंगे।
  • काँटे के गुण: काँटे की तरह मैं मजबूत और सावधान बनना चाहूँगा। काँटा अपने पौधे की रक्षा करता है; वैसे ही मैं अपने परिवार, दोस्तों, और अपने सिद्धांतों की रक्षा करना चाहूँगा। यह मुझे कठिन परिस्थितियों में दृढ़ रहने में मदद करेगा।
  • दोनों का संतुलन: जीवन में सुख और चुनौतियाँ दोनों आती हैं। फूल के गुण मुझे सुख में दूसरों के साथ आनंद बाँटने में मदद करेंगे, और काँटे के गुण मुझे मुश्किलों का सामना करने की ताकत देंगे।


शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘बड़प्पन’ से जुड़े शब्द:

उत्तर


बड़प्पन

‘बड़प्पन’ शब्द ‘बड़ा’ और ‘पन’ से मिलकर बना होता है। इसका अर्थ होता है – बड़ाई, श्रेष्ठ या बड़ा होने का भाव, महत्त्व, गरिमा इसका उपयोग मुख्य रूप से व्यक्तित्व, गुण और चारित्र की ऊँचाई या महानता बताने के लिए किया जाता है, जैसे – उनकी सादगी और बड़प्पन ने सबका मन जीत लिया।
नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं जो किसी भाव को व्यक्त करते हैं। इनमें से जो शब्द ‘बड़प्पन’ के भाव व्यक्त करते हैं, उन पर एक गोला बनाइए, जो बड़प्पन का भाव व्यक्त नहीं करते हैं, उनकी नीचे रेखा खींचिए।

उत्तर


कविता की रचना

"फूल लेकर तितलियों को गोद में, 
भौंर को अपना अनूठा रस पिला। 
निज सुगंधों  निराले रंग से, 
है सदा देता कली का जी खिला।"

इस पंक्ति में रेखांकित शब्द पर ध्यान दीजिए। क्या आपने इस शब्द को पहले कहीं पढ़ा है? यह शब्द है-'और'। कविता में 'र' वर्ण नहीं लिखा गया है। कई बार बोलते हुए हम शब्द की अंतिम ध्वनि उच्चरित नहीं करते हैं। कवि भी कविता की लय के अनुसार ऐसा प्रयोग करते हैं। इस कविता में ऐसी अनेक विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे- 'प्यार में डूबी तितलियों' के स्थान पर 'प्यार-डूबी तितलियों' का प्रयोग किया गया है। हर दूसरी पंक्ति का अंतिम शब्द मिलती-जुलती ध्वनि वाला यानी 'तुकांत' है आदि।

(क) अपने समूह के साथ मिलकर इन विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर

कविता की विशेषताएँ:

  1. तुकबंदी: हर दूसरी पंक्ति का अंतिम शब्द मिलती-जुलती ध्वनि वाला है, जैसे "पालता" और "डालता", "बही" और "नहीं"।
  2. संक्षिप्त ध्वनि प्रयोग: कुछ शब्दों की अंतिम ध्वनि छोड़ी गई है, जैसे "और" को "औ" लिखा गया ("निज सुगंधों औ निराले रंग से")।
  3. प्राकृतिक चित्रण: फूल, काँटा, चाँद, हवा, और मेघ जैसे प्राकृतिक तत्वों का मानवीय रूप में वर्णन किया गया है।
  4. विपरीत भाव: फूल और काँटे के विपरीत स्वभाव को दिखाया गया है, जैसे फूल का आनंद देना और काँटे का चुभना।
  5. प्रश्नात्मक शैली: कविता में प्रश्न पूछा गया है, जैसे "किस तरह कुल की बड़ाई काम दे?"
  6. समान ध्वनि वाले शब्द: एक ही पंक्ति में समान ध्वनि वाले शब्द हैं, जैसे "सुगंधों औ निराले"।

साझा करना: हम अपनी सूची कक्षा में पढ़ेंगे और बताएँगे कि ये विशेषताएँ कविता को रोचक और लयबद्ध बनाती हैं।


(ख) विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए।

उत्तर


कविता का सौंदर्य

(क) आगे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द से वह पंक्ति पूरी करके देखिए जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं, उन पर घेरा बनाइए।

उत्तर


(ख) अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि कौन-सा शब्द रिक्त स्थानों में सबसे अधिक साथियों को जँच रहा है और क्यों?

उत्तर

हमारे समूह ने चर्चा की और निम्नलिखित शब्द सबसे अधिक जँचे:

  • रात और चाँद: ये शब्द सरल, काव्यात्मक, और रोजमर्रा की भाषा में प्रचलित हैं। "रात में चाँद" का चित्रण कविता की चाँदनी की कल्पना को जीवंत करता है।
  • मेघ और हवायें: "मेघ" बारिश का प्रतीक है और कविता की लय के साथ मेल खाता है। "हवायें" बहुवचन में है, जो पंक्ति की संरचना के साथ सही बैठता है।

कारण: ये शब्द कविता की भावना, लय, और प्रकृति के चित्रण को बढ़ाते हैं।


विशेषण

(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए:

उत्तर


(ख) नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए:

उत्तर


पाठ से आगे

आपकी बात

(क) यदि आपको फूल और काँटे में से किसी एक को चुनना हो तो आप किसे चुनेंगे और क्यों?

उत्तर

मैं फूल चुनूँगा। क्योंकि:

  • फूल सुंदरता, सुगंध, और आनंद का प्रतीक है। यह दूसरों को खुशी देता है और तितलियों-भौंरों को आकर्षित करता है।
  • फूल की तरह मैं भी अपने व्यवहार से दूसरों के जीवन में सुख और प्रसन्नता लाना चाहता हूँ।
  • फूल कोमलता और प्रेम का प्रतीक है, जो मेरे लिए महत्वपूर्ण है।


(ख) कविता में बताया गया है कि फूल अपनी सुगंध और व्यवहार से चारों ओर प्रसन्नता और आनंद फैलाता है। आप अपने मित्रों या परिवार के जीवन में प्रसन्नता और आनंद लाने के लिए क्या-क्या करते हैं और क्या-क्या कर सकते हैं?

उत्तर

मैं जो करता हूँ:

  • मैं अपने दोस्तों के साथ मजेदार कहानियाँ और चुटकुले साझा करता हूँ।
  • परिवार में मैं छोटे-छोटे काम, जैसे माँ की मदद करना या भाई-बहन के साथ खेलना, करता हूँ।
  • मैं सबके साथ प्यार से बात करता हूँ और उनकी परेशानियों को सुनता हूँ।

मैं जो कर सकता हूँ:

  • मैं अपने दोस्तों के लिए छोटे-छोटे उपहार, जैसे हस्तनिर्मित कार्ड, बना सकता हूँ।
  • परिवार के साथ समय बिताने के लिए पिकनिक या खेल की योजना बना सकता हूँ।
  • स्कूल में किसी की मदद करके, जैसे नोट्स साझा करके, उनके चेहरे पर मुस्कान ला सकता हूँ।


(ग) ‘फूल’ और ‘काँटे’ एक-दूसरे से बिलकुल भिन्न हैं फिर भी साथ-साथ पाए जाते हैं। अपने आस-पास से ऐसे अन्य उदाहरण दीजिए।
(संकेत वस्तुएँ, जैसे- नमक और चीनी; स्वभाव, जैसे शांत और क्रोधी; स्वाद, जैसे-खट्टा-मीठा; रंग, जैसे- काला-सफेद; अनुभव, जैसे- सुख-दुख आदि)

उत्तर

  • वस्तुएँ: नमक और चीनी—नमक नमकीन होता है, चीनी मीठी। दोनों अलग स्वाद के हैं, लेकिन रसोई में साथ पाए जाते हैं।
  • स्वभाव: शांत और क्रोधी—कुछ लोग शांत रहते हैं, कुछ जल्दी गुस्सा करते हैं, फिर भी एक ही परिवार में रहते हैं।
  • स्वाद: खट्टा और मीठा—खट्टे नींबू और मीठे आम अलग स्वाद देते हैं, लेकिन दोनों फल एक ही बगीचे में उगते हैं।
  • रंग: काला और सफेद—काला गहराई दिखाता है, सफेद शांति, लेकिन दोनों रंग एक चित्र में साथ दिखते हैं।
  • अनुभव: सुख और दुख—सुख हमें खुशी देता है, दुख हमें सिखाता है, लेकिन दोनों जीवन का हिस्सा हैं।


(घ) “छेद कर काँटा किसी की उँगलियाँ, फाड़ देता है किसी का वर बसन।” आप अपने आस-पास की किसी समस्या का वर्णन कीजिए जिसे आप ‘काँटे’ के समान महसूस करते हैं। उस समस्या का समाधान भी सुझाइए।

उत्तर

समस्या: मेरे स्कूल के रास्ते में बहुत सारा कचरा बिखरा रहता है। यह ‘काँटे’ की तरह है, क्योंकि यह गंदगी फैलाता है, पैर में चुभ सकता है, और बीमारियाँ फैला सकता है।

समाधान:

  • मैं और मेरे दोस्त मिलकर एक सफाई अभियान शुरू कर सकते हैं।
  • स्कूल में एक कचरा प्रबंधन समिति बना सकते हैं, जो नियमित सफाई कराए।
  • लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर बना सकते हैं, जिसमें कचरा न फैलाने की अपील हो।


सृजन

(क) इस कविता के बारे में एक चित्र बनाइए। आप चित्र में जहाँ चाहें, अपने मनोनित रंग भर सकते हैं। आप किन रंगों या केवल उपलब्ध रंगों की सहायता से भी चित्र बना सकते हैं। चित्र बिल्कुल मौलिक होनी चाहिए। इसकी चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं है। आप अपनी कल्पना को जैसे मन करे, वैसे साकार कर सकते हैं।

उत्तर




(ख) मान लीजिए कि फूल और कांटे के बीच बातचीत हो रही है। उनकी बातचीत या संवाद अपनी कल्पना से लिखिए।

संवाद का विषय निम्नलिखित हो सकता है—
उनके गुणों और विशेषताओं पर चर्चा
यह समझाना कि उनका जीवन में क्या योगदान है

उदाहरण:
फूल — मैं दूसरे के जीवन में सुगंध और सुख फैलाने आया हूँ।
कांटा — और मैं संबंधों की याद दिलाने और सुरक्षा देने के लिए हूँ।

उत्तर

संवाद:

फूल: नमस्ते, काँटे! देखो, मेरी सुगंध और रंगों से तितलियाँ कितनी खुश हैं। मैं सबके चेहरे पर मुस्कान लाता हूँ।
काँटा: हाँ, फूल, तुम तो बहुत सुंदर हो। लेकिन मैं भी कम नहीं। मैं तुम्हारी और पौधे की रक्षा करता हूँ, ताकि कोई जानवर हमें नुकसान न पहुँचाए।

फूल: सही कहते हो। तुम्हारी वजह से मैं सुरक्षित हूँ। लेकिन लोग तुमसे डरते हैं, क्योंकि तुम चुभ जाते हो।
काँटा: हा-हा, यह तो मेरा काम है! मैं कठोर हूँ, ताकि कोई हमें हल्के में न ले। तुम सुख बाँटते हो, और मैं चुनौतियों की याद दिलाता हूँ।

फूल: हम दोनों मिलकर इस पौधे को खास बनाते हैं, है ना? तुम मजबूती देते हो, और मैं सुंदरता।
काँटा: बिल्कुल! हम साथ-साथ हैं, जैसे सुख और दुख। चलो, मिलकर इस बगीचे को और खूबसूरत बनाएँ।


वाद-विवाद

विभिन्न समूह बनाकर कक्षा में एक वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन कीजिए। इसके लिए विषय है-'जीवन में फूल और कॉंटे, दोनों की आवश्यकता होती है'

कक्षा में वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन करने के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं-

1. आपकी कक्षा में पहले से सात-आठ समूह बने होंगे। आधे समूह 'फूल' के पक्ष में तर्क देंगे। आधे समूह 'काँटे' के पक्ष में तर्क देंगे।

2. एक समूह निर्णायक मंडल की भूमिका निभाएगा। निर्णायक मंडल का काम होगा-

  • तर्कों को ध्यान से सुनना।
  • प्रस्तुति शैली और तर्कों की गहराई के आधार पर अंकों का निर्धारण करना।

3. प्रत्येक समूह को तैयारी के लिए 15 मिनट का समय मिलेगा ताकि वे अपने तर्क तैयार कर सकें। सभी समूह अपने-अपने तर्क मिलकर सोचेंगे और लिखेंगे।

4. प्रत्येक समूह को अपने पक्ष में बोलने के लिए तीन-चार मिनट का समय मिलेगा। दूसरा समूह पहले समूह के तकों पर एक-दो मिनट में उत्तर देगा या उनसे प्रश्न पूछेगा।

5. सभी प्रतिभागियों को एक-दूसरे की बात ध्यान से सुननी होगी। बीच में टोकने की अनुमति किसी को नहीं होगी।

6. सभी समूहों का क्रम तय किया जाएगा। वाद-विवाद के लिए क्रम इस प्रकार हो सकता है-

  • समूह 1 (फूल के पक्ष में)
  • समूह 2 (काँटे के पक्ष में)
  • समूह 3 (फूल के पक्ष में)
  • समूह 4 (काँटे के पक्ष में)
    और इसी क्रम से आगे बढ़ें।

7. जो समूह निर्णायक मंडल का कार्य कर रहा है, वह वाद-विवाद के अंतराल में तर्क, भाषा कौशल और प्रस्तुति शैली के आधार पर अंकों का निर्धारण करेगा।

8. निर्णायक मंडल अंकों के आधार पर विजेता समूह का निर्णय करेगा।

9. समूहों के प्रयासों के लिए तालियाँ बजाएँ और उनकी प्रशंसा करें। संभव हो तो विजेता समूह को कोई पुरस्कार या प्रमाणपत्र दिया जा सकता है।

10. विद्यार्थी वाद-विवाद गतिविधि के अनुभवों पर एक अनुच्छेद भी लिख सकते हैं।

उत्तर

हम कक्षा में वाद-विवाद गतिविधि निम्नलिखित तरीके से आयोजित करेंगे:

समूह विभाजन: कक्षा के 8 समूहों में से 4 समूह फूल के पक्ष में और 4 समूह काँटे के पक्ष में तर्क देंगे।

निर्णायक मंडल: एक समूह (9वाँ, अगर हो) निर्णायक मंडल होगा, जो तर्कों, भाषा, और प्रस्तुति के आधार पर अंक देगा।

तैयारी: प्रत्येक समूह को 15 मिनट मिलेंगे

फूल के पक्ष में तर्क

  • फूल सुंदरता और सुख का प्रतीक है, जो जीवन को आनंदमय बनाता है।
  • फूल पर्यावरण को सुंदर बनाते हैं और कीटों के लिए भोजन देते हैं।
  • फूल की तरह दयालु और कोमल व्यवहार समाज को बेहतर बनाता है।

काँटे के पक्ष में तर्क:
  • काँटे सुरक्षा और मजबूती का प्रतीक हैं, जो पौधों को नुकसान से बचाते हैं।
  • काँटे हमें सिखाते हैं कि जीवन में चुनौतियाँ भी जरूरी हैं।
  • काँटे की तरह दृढ़ता और साहस हमें मुश्किलों से लड़ना सिखाते हैं।

प्रस्तुति: प्रत्येक समूह 3-4 मिनट बोलेगा, और दूसरा समूह 1-2 मिनट में जवाब देगा।

नियम: कोई बीच में नहीं टोकेगा; सभी एक-दूसरे को ध्यान से सुनेंगे।

क्रम: समूह 1 (फूल), समूह 2 (काँटा), समूह 3 (फूल), समूह 4 (काँटा), और इसी तरह आगे।

निर्णयन: निर्णायक मंडल अंकों के आधार पर विजेता का चयन करेगा।

प्रशंसा: सभी समूहों के लिए तालियाँ और प्रशंसा होगी। विजेता को प्रमाणपत्र दिया जा सकता है।

अनुभव:

मैं एक अनुच्छेद लिखूँगा:

"वाद-विवाद बहुत मजेदार और शिक्षाप्रद था। फूल के पक्ष में बोलने वाले समूह ने सुंदरता और सुख की बात की, जबकि काँटे के पक्ष ने मजबूती और सुरक्षा पर जोर दिया। मैंने सीखा कि जीवन में दोनों का संतुलन जरूरी है। मेरे समूह ने अच्छी तैयारी की, और हमारी प्रस्तुति को सराहा गया। यह अनुभव मुझे आत्मविश्वास और तर्क करने की कला सिखाने वाला था।"


आज की पहेली

नीचे कुछ ऐसे पेड़-पौधों के चित्र दिए गए हैं जिनमें फूल और काँटे साथ-साथ पाए जाते हैं। चित्रों को सही नामों के साथ रेखा खींचकर जोड़िए -

उत्तर


खोजबीन के लिए

नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करके आप बहुत-सी अन्य लोककथाएँ देख-सुन सकते हैं-

  • रंग-बिरंगे फूलों से
    https://www.youtube.com/watch?v=rIXpoQy4sHc
  • फूलों की घाटी में — कविता
    https://www.youtube.com/watch?v=yyrbxCtbgWg

उत्तर

विद्यार्थी स्वयं वीडियो देखे और इसकी खोजबीन करे।

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