Extra Questions for Class 9 संचयन Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी - के. विक्रम सिंह Hindi

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Extra Questions for Class 9 संचयन Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी - के. विक्रम सिंह Hindi

Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी Sanchayan Extra Questions for Class 9 Hindi

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. त्रिपुरा की भौगोलिक स्थिति के बारे में बताइए ।

उत्तर

त्रिपुरा भारत के सबसे छोटे राज्यों में से है। चौंतीस प्रतिशत से ज्यादा की इसकी जनसंख्या वृद्धि भी खासी ऊँची है। तीन तरफ से यह बांग्लादेश से घिरा हुआ है और शेष भारत के साथ इसका दुर्गम जुड़ाव उत्तर-पूर्वी सीमा से सटे मिजोरम और असम के द्वारा बनता है। सोनामुरा बेलोनिया, सबरूम और कैलाश शहर जैसे त्रिपुरा के ज्यादातर महत्त्वपूर्ण शहर बांग्लादेश के साथ इसकी सीमा के करीब हैं। यहाँ तक कि अगरतला भी सीमा चौंकी से महज दो किलोमीटर पर है।


प्रश्न 2. लेखक की दिनचर्या दूसरों से किस प्रकार अलग है?

उत्तर

ध्वनि में यह अद्भुत गुण है कि एक क्षण में ही वह आपको किसी दूसरे समय- संदर्भ में पहुँचा सकती है। लेखक उनमें से नहीं हैं जो सुबह चार बजे उठते हैं, पाँच बजे तक तैयार हो लेते हैं और फिर लोधी गार्डन पहुँचकर मकबरों और मेमसाहबों की सोहबत में लंबी सैर पर निकल जाते हैं। वह आमतौर पर सूर्योदय के साथ उठता है, अपनी चाय खुद बनाता है और फिर चाय तथा अखबार लेकर लंबी अलसायी सुबह का आनंद लेता है।


प्रश्न 3. लेखक के त्रिपुरा जाने का उद्देश्य क्या था ?

उत्तर

लेखक दिसंबर 1999 में ‘ऑन द रोड’ शीर्षक से तीन खंडों वाली एक टी०वी० श्रृंखला बनाने के सिलसिले में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला गया था। इसके पीछे उसका उद्देश्य त्रिपुरा की समूची लंबाई में आर-पार जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग–44 से यात्रा करने और त्रिपुरा की विकास संबंधी गतिविधियों के बारे में जानकारी ग्रहण करके उसे अपनी टी०वी० श्रृंखला में प्रस्तुत करना था।


प्रश्न 4. उनाकोटी में शूटिंग करते समय शाम का मौसम अचानक कैसा हो गया ?

उत्तर

लेखक और उसके साथियों को उनाकोटी में शूटिंग करते-करते शाम के चार बज गए। शाम होते ही सूर्य उनाकोटी के ऊँचे पहाड़ों के पीछे छिप गया और चारों ओर भयानक अंधकार छा गया। अचानक मौसम में भी बदलाव आ गया। तभी कुछ ही मिनटों में वहाँ चारों ओर बादल घिर आए। बादलों ने गर्जन – तर्जन के साथ कहर बरपाना आरंभ कर दिया। उस समय लेखक को ऐसा लगा, मानो शिव का तांडव शुरू हो गया हो।


प्रश्न 5. त्रिपुरा के आदिवासियों के असंतोष का मुख्य कारण क्या था ?

उत्तर

त्रिपुरा भारत का एक छोटा राज्य है। यहाँ जनसंख्या वृद्धि दर चौंतीस प्रतिशत से भी अधिक है। इसका कारण पड़ोसी देश बाँग्लादेश से लोगों का अवैध ढंग से यहाँ आना है। असम और पश्चिम बंगाल से भी लोग यहाँ आकर बस गए हैं। बाहरी लोगों के यहाँ आकर रहने के कारण यहाँ के स्थानीय आदिवासियों में असंतोष फैल गया है; वे विद्रोही हो गए हैं।


प्रश्न 6. लेखक ने अगरतला के विषय में क्या कहा है ?

उत्तर

अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है। पहले अगरतला मंदिरों और महलों के शहर के रूप में जाना जाता था। उज्जयंत महल अगरतला का मुख्य महल है। इस महल में अब त्रिपुरा की विधानसभा बैठती है। यह महल राजाओं से आम जनता को हुए सत्ता हस्तांतरण को अभिव्यक्त करता है।


प्रश्न 7. लेखक त्रिपुरा कब गया? इस यात्रा के पीछे क्या उद्देश्य था ?

उत्तर

दिसंबर, 1999 में 'ऑन द रोड' शीर्षक से तीन खंडों वाली एक टी.वी. श्रृंखला बनाने के सिलसिले में लेखक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला गया था। इसके पीछे बुनियादी विचार त्रिपुरा की समूची लंबाई में आर-पार जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से यात्रा करने और त्रिपुरा की विकास संबंधी गतिविधियों के बारे में जानकारी लेने का था।


प्रश्न 8. डूबते सूरज में मनु नदी का दृश्य कैसा लग रहा था ?

उत्तर

मनु नदी त्रिपुरा की प्रमुख नदियों में से एक है। जब लेखक मनु नदी के पुल पर पहुँचा, तो उस समय ऐसा लग रहा था कि सूर्य मनु के जल में अपनी सुनहरी किरणों से सोना उड़ेल रहा हो। यह दृश्य देखकर लेखक सम्मोहित – सा हो गया।


प्रश्न 9. उज्जयंत महल के बारे में आप क्या जानते हैं ? संक्षेप में वर्णन कीजिए।

उत्तर

उज्जयंत महल अगरतला का मुख्य महल है। इसकी शोभा अद्वितीय है। पूरे अगरतला में इस तरह का सुंदर एवं भव्य महल अन्य दूसरा कोई नहीं है। वर्तमान समय में अगरतला की विधानसभा इस महल में बैठती है। राजाओं से आम जनता को हुए सत्ता हस्तांतरण को यह महल एक प्रतीक रूप हैं चित्रित करता है। यह भारत के सबसे सफल शासक वंशों में से एक माणिक्य वंश के दुखद अंत का साक्षी है।


प्रश्न 10. लेखक की शांतिपूर्ण दिनचर्या में खलल पड़ने का क्या कारण था?

उत्तर

लेखक की इस शांतिपूर्ण दिनचर्या में एक दिन खलल पड़ गया । वह एक ऐसी कानफाडू आवाज़ से जागा, जो तोप दगने और बम फटने जैसी थी, गोया जॉर्ज डब्लू बुश और सद्दाम हुसैन की मेहरबानी से तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत हो चुकी हो। खुदा का शुक्र है कि ऐसी कोई बात नहीं थी। दरअसल यह तो महज स्वर्ग में चल रहा देवताओं का कोई खेल था, जिसकी झलक बिजलियों की चमक और बादलों की गरज के रूप में देखने को मिल रही थी।


प्रश्न 11. ज़िला परिषद ने लेखक और उसकी शूटिंग यूनिट के लिए किस प्रकार का आयोजन किया था ?

उत्तर

ज़िला परिषद ने लेखक और उसकी शूटिंग यूनिट के लिए एक भोज का आयोजन किया था। यह एक सीधा-सादा खाना था, जिसे सम्मान और लगाव के साथ परोसा गया था। यह ज़िला परिषद का प्यार था, जो भोज के रूप में लेखक और उसकी यूनिट के सामने आया था।


प्रश्न 12. त्रिपुरा में संगीत की जड़ें काफ़ी गहरी हैं। कैसे ?

उत्तर

त्रिपुरा को यदि सुरों का घर कहा जाए, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। त्रिपुरा में संगीत की जड़ें काफी गहरी हैं। बॉलीवुड के सबसे मौलिक संगीतकारों में से एक एस०डी० बर्मन त्रिपुरा से ही आए थे। वे त्रिपुरा के राजपरिवार के उत्तराधिकारियों में से एक थे। यहीं लोकगायक हेमंत कुमार जमातियाँ हुए, जिन्होंने अपने गीतों से जनमानस को आनंदित किया।


प्रश्न 13. उत्तरी त्रिपुरा किस कार्य के लिए लोकप्रिय है ?

उत्तर

उत्तरी त्रिपुरा घरेलू उद्योगों और विकास का जीता-जागता नमूना है। यहाँ की घरेलू गतिविधियों में अगरबत्तियों के लिए बाँस की पतली सीकें तैयार करना सम्मिलित है। इन सीकों को अगरबत्तियाँ बनाने के लिए गुजरात तथा कर्नाटक भेजा जाता है। उत्तरी त्रिपुरा का मुख्यालय कैलाश शहर है। यह बाँग्लादेश की सीमा के बहुत नज़दीक है।


निबंधात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. प्रस्तुत पाठ में त्रिपुरा के विषय में दी गई जानकारी को संक्षेप में लिखिए।

उत्तर

प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि दिसंबर 1999 में ‘ ऑन द रोड’ शीर्षक से तीन खंडों वाली एक टी०वी० श्रृंखला बनाने के सिलसिले में वह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला गया था। उसने बताया कि त्रिपुरा भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक है। इसकी जनसंख्या वृद्धि की दर चौंतीस प्रतिशत से भी अधिक है। यह तीन ओर से बाँग्लादेश और एक ओर से भारत के मिज़ोरम व असम राज्य से जुड़ा हुआ है। यहाँ बाँग्लादेश के लोगों का गैर-कानूनी ढंग से आना-जाना लगा रहता है। असम और पश्चिम बंगाल के लोग भी यहाँ खूब रहते हैं।

यहाँ बाहरी लोगों के लगातार आने से जनसंख्या का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है। यह त्रिपुरा में आदिवासी असंतोष का भी मुख्य कारण है। इसके साथ-साथ त्रिपुरा अनेक धर्मों के लोगों के यहाँ बस जाने के कारण बहुधार्मिक समाज का उदाहरण भी बना हुआ है। त्रिपुरा में महात्मा बुद्ध और भगवान शिव की अनेक मूर्तियाँ हैं। यहाँ के उनाकोटी क्षेत्र को तो शैव तीर्थ के रूप में जाना जाता है। यहाँ का पूरा इलाका देवी – देवताओं की मूर्तियों से भरा पड़ा है। उनाकोटी में भगवान शिव की एक करोड़ से एक कम मूर्तियाँ हैं।


प्रश्न 2. किस घटना के कारण लेखक त्रिपुरा के उनाकोटी क्षेत्र की यादों में खो गया ?

उत्तर

एक दिन प्रातःकाल आकाश काले बादलों से भर गया। चारों ओर अँधेरा छा गया था। उस दिन सुबह – सुबह आकाश बिल्कुल ठंडा और भूरा दिखाई दे रहा था। बादलों की तेज़ गर्जना और बीच-बीच में बिजली का कड़क कर चमकना प्रकृति के तांडव के समान दिखाई दे रहा था। तीन साल पहले ठीक ऐसा ही लेखक के साथ त्रिपुरा के उनाकोटी क्षेत्र में हुआ था। वहाँ भी अचानक घनघोर बादल घिर आए थे और गर्जन–तर्जन के साथ प्रकृति का तांडव शुरू हो गया था। तीन साल पहले और उस दिन के वातावरण में पूर्ण समानता होने के कारण ही लेखक त्रिपुरा के उनाकोटी क्षेत्र की यादों में खो गया।


प्रश्न 3. त्रिपुरा में आदिवासी असंतोष के पीछे क्या कारण है?

अथवा

किसी भी राज्य में बाहरी लोगों के आने से कुछ समस्याएँ उत्पन्न होती हैं तो कुछ अच्छा भी होता है । - इस कथन के संदर्भ में त्रिपुरा की स्थिति स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर

बांग्लादेश से लोगों की अवैध आवक यहाँ जबरदस्त है और इसे यहाँ सामाजिक स्वीकृति भी हासिल है। यहाँ की असाधारण जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण यही है । असम और पश्चिम बंगाल से भी लोगों का प्रवास यहाँ होता ही है। कुल मिलाकर बाहरी लोगों की भारी आवक ने जनसंख्या संतुलन को स्थानीय आदिवासियों के खिलाफ ला खड़ा किया है। यह त्रिपुरा में आदिवासी असंतोष की मुख्य वजह है । इसके बावजूद त्रिपुरा राज्य बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बन गया है। यहाँ 19 अनुसूचित जनजातियाँ तथा विश्व के चारों बड़े धर्मों का प्रतिनिधित्व है।

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