MCQ and Summary for धरती कब तक घूमेगी (Dharati kab tak Ghumegi) Class 10 Hindi Varnika Part 2 Bihar Board

धरती कब तक घूमेगी - साँवर दइया MCQ and सारांश

Multiple Choice Question Solutions (बहुविकल्पी प्रश्न)

 1. 'धरती कब तक घूमेगी' के कहानीकार कौनहैं ?

(A) सातकोड़ी होता
(B) ईश्वर पेटलीकर
(C) श्रीनिवास
(D) साँवर दइया
उत्तर
(D) साँवर दइया

2. 'धरती कब तक घूमेगी' कैसी कहानी है?

(A) धार्मिक
(B) मनोवैज्ञानिक
(C) सामाजिक
(D) ऐतिहासिक
उत्तर
(C) सामाजिक

3. 'धरती कब तक घूमेगी' की नायिका कौन है?

(A) मंगम्मा
(B) पाप्पाति
(C) सीता
(D) वल्लि अम्माल
उत्तर
(B) पाप्पाति

4. साँवर दइया की कहानी 'धरती कब तक घूमेगी' का विषय क्या है?

(A) उड़िया समाज
(B) राजस्थानी समाज
(C) तमिल समाज
(D) गुजराती समाज
उत्तर
(B) राजस्थानी समाज

5. सवाल तो किस चीज का ही है ?
(A) रोटी
(B) मकान
(C) कपड़ा
(D) दूकान
उत्तर
(A) रोटी

6. साँवर दइया का स्थान कैसे कथाकारों में प्रमुख है ?
(A) बिहार
(B) राजस्थानी
(C) गुजराती
(D) उड़िया
उत्तर
(B) राजस्थानी

7. सीता का दूसरा पुत्र कौन था ?

(A) कमल
(B) नारायण
(C) दुर्वेश
(D) अभय
उत्तर
(B) नारायण

8. सीता ने घर क्यों छोड़ दिया ?
(A) बेटे गाली देते थे
(B) बहुएँ उपेक्षा करती थी
(C) गाँव से उसका मन उचट गया था
(D) सभी सत्य है
उत्तर
(B) बहुएँ उपेक्षा करती थी

9. सीता के कितने बेटे हैं ?
(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) 4
उत्तर
(C) 3

10. 'धरती कब तक घूमेगी' कहानी में राजस्थानी समाज का कैसा वर्णन है ?
(A) आडंबरपूर्ण,
(B) यथा तथ्य
(C) कल्पनाशील
(D) विचारोन्मुख
उत्तर
(B) यथा तथ्य

11. सीता क्या खुरचने लगी ?
(A) कपड़े
(B) जमीन
(C) आसमान
(D) ऊँगली
उत्तर
(B) जमीन

12. कैलाश कौन था ?
(A) सीता का देवर
(B) सीता का बेटा
(C) सीता का पोता
(D) सीता का दूर का रिश्तेदार
उत्तर
(B) सीता का बेटा

13. क्या देखकर सीता ने स्वयं को भूनी हुई वस्तु महसूस किया ?
(A) चावल देखकर
(B) भूनी दाल देखकर .
(C) चबेना देखकर
(D) सभी गलत है
उत्तर
(B) भूनी दाल देखकर .


धरती कब तक घूमेगी लेखक परिचय

साँवर दइया राजस्थानी भाषा के एक प्रमुख कहानीकार हैं । उनकी कहानियों में राजस्थानी समाज गहरे अर्थबोध एवं विविध छटाओं के साथ उपस्थित हुआ है । प्रस्तुत कहानी ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ (अप्रैल-जून 1983 ई०) से यहाँ साभार संकलित है । इस कहानी का राजस्थानी से हिंदी में अनुवाद कहानीकार ने स्वयं किया है।


हिरोशिमा का सारांश (Summary)

प्रस्तुत कहानी समस्या प्रधान कहानी है, जिसमें एक माँ की दुर्दशा का वर्णन है। पति के मरने के बाद माँ घर का बोझ बन जाती है। किसी तरह दोनों शाम रोटी मिल जाती है, जबकि परिवार भरा-पूरा है। जिस माँ ने सबका देखभाल किया उस माँ की देखभाल करने वाला आज कोई नहीं है।
एक माँ के पेट के कारण तीनों बेटों में बारी बाँध दिया जाता है। इस प्रकार माँ एक के बाद दूसरे, दूसरे के बाद तीसरे में लुढ़कने लगती है। माँ के भोजन के कारण तीनों भाईयों में हमेशा झगड़ा होता था। उसके बाद बड़ा बेटा कैलाश ने अपने दोनों छोटे भाईयों से कहा- ‘यह बात अच्छी नहीं लगती कि माँ हर महीने इधर-उधर लुढ़कती रहे, इसलिए हम तीनों ही माँ को हर महीने पचास-पचास रूपये दिया करें, वह स्वयं रोटी पकाएगी-खाएगी।

Or

‘धरती कब तक घूमेगी’ इस कहानी में कहानीकार ने सामाजिक मूल्यों एवं उसकी संवेदनाओं को प्रकट किया है। एक माँ अपनी संतान के लिए सबकुछ अर्पण कर देती है किन्तु वही संतान उस माँ को बोझ समझने लगती है। माँ धरती की तरह सर्वसहमा है। धरती पर तरह-तरह के जुल्म ढाये जाते हैं फिर भी वह बदला नहीं लेती है। बेटे-बहुओं के द्वारा उपेक्षित होने पर भी माँ उनकी शिकायत नहीं करती है। अंतर्मन में सारी आशाओं को दफना देती है। इस कहानी की प्रधाननायिका सीता अपने पति के मरने के बाद आशान्वित होती है कि उसको तीन बेटे हैं। कोई-न-कोई उसके जीवनरूपी नौका को पार कर देगा। किन्तु विधि के विधान को कौन टाल सकता है।

माँ उनके लिए बोझा बन जाती है। पाली बाँधकर उसका भरण-पोषण करते हैं। एक दिन ऐसा भी समय आ जाता है कि ये नियम भी भंग हो जाते हैं। अब वे पचास-पचास रुपये प्रतिमास खर्च में देंगे। पहले से घुटन भरे जीवन जीने वाली सीता अपने बेटों के निर्णय से विक्षुब्ध हो जाती है। अपना ही उसे पराया लगने लगता है। तुच्छ और निराश्रयी सीता एक दिन रात्रि में चुपके से घर से निकल जाती है। वह मेहनत-मजदूरी कर अपने जीवन का निर्वहण कर लेनी किन्तु अपने बेटों पर बोझ नहीं बनेगी। वस्तुतः कहानीकार यहाँ बताना चाहता है कि उन बेटों को भी अपनी संतानें हैं किन्तु शायद वे नहीं जानते हैं कि उनकी भी यही गति होनेवाली है जो वे अपनी माँ को कर रहे हैं। आज का समाज इसी विडम्बनाओं के साथ जीने के लिए विवश है।

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