चौथा, पाँचवाँ और छठा दिन Class 7 Hindi Summary Bal Mahabharat

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चौथा, पाँचवाँ और छठा दिन Class 7 Hindi Summary Bal Mahabharat

चौथा, पाँचवाँ और छठा दिन Class 7 Hindi Summary Bal Mahabharat


चौथे दिन के युद्ध में शल्य का पुत्र मारा गया। भीम ने दुर्योधन के आठ भाइयों को मार डाला तो दुर्योधन ने उसकी छाती पर भीषण अस्त्र चलाकर उसे बेहोश कर दिया। अपने पिता की यह दशा देखकर घटोत्कच ने भयानक युद्ध किया जिससे कौरव-सेना भाग खड़ी हुई। सेना को व्याकुल देखकर भीष्म ने युद्ध बंद कर दिया। उस दिन युद्ध में अपने भाइयों के मारे जाने से दुर्योधन बहुत दुःखी हुआ।

पाँचवें दिन के युद्ध में अर्जुन ने कौरव सेना के हजारों सैनिक मार दिए। कौरव-सेना ने भी अर्जुन को घेरा।

छठे दिन द्रोणाचार्य ने ऐसा भयंकर युद्ध किया कि पांडव-सेना को काफी हानि हुई। दुर्योधन बुरी तरह घायल हो गया जिसे कृपाचार्य ने अपने रथ पर लेकर बचाया। सूर्यास्त के बाद जब युद्ध बंद कर धृष्टद्युम्न और भीमसेन सकुशल शिविर में लौट आए तो युधिष्ठिर ने बड़ा आनंद मनाया।

शब्दार्थ -

• पौ फटना - प्रात:काल होना
• मूर्छित - बेहोश
• आपे से बाहर होना - अत्यधिक क्रोधित होना
• विह्वल - परेशान
• व्यथित - दुःखी
• पाँव उखड़ना - हारना
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