Solutions to CBSE Hindi Course A Sample Paper 2020| Class 10th


खंड- क (अपठित अंश) 

(1) अपठित गदयांश 

(क) साहित्य को संजीवनी औषधि का आधार इसलिए कहा गया है क्योंकि साहित्य मुर्दो को भी ज़िन्दा करने और पतितों को उठाने की क्षमता रखता है।

(ख) साहित्य के प्रति अनुराग न रखनेवालों की तुलना समाजद्रोही, देशद्रोही, जातिद्रोही, आत्मद्रोही से की गई है। 

(ग) साहित्य समाज का आईना है क्योंकि साहित्य के माध्यम से ही समाज की विगत और वर्तमान स्थिति की जानकारी मिलती है।

(घ) जिस भाषा का अपना साहित्य नहीं होता उसकी स्थिति रूपवती भिखारिनी की तरह आदरणीय नहीं होती । उसकी शोभा, उसकी श्रीसम्पन्नता, उसकी मान-मर्यादा उसके साहित्य पर ही निर्भर रहती है। 

(ङ) साहित्य के उत्पादन व संवर्धन के लिए प्रयास नहीं करने पर समाज के अज्ञान के अंधकार में पड़कर अपना अस्तित्व खो बैठता है।

(च) उचित शीर्षक - साहित्य का महत्त्व या कोई भी उपयक्त शीर्षक ।

खंड - ख (व्यावहारिक व्याकरण) 

(2) रचना की दृष्टि से वाक्य भेद 

(क) कठोर बनो परन्तु सहृदय रहो|
(ख) सेनानी न होने पर भी लोग उसे कैप्टन कहते थे। 
(ग) क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य | 
(घ) सरल वाक्य 

(3) वाच्य 

(क) अनेक पाठकों द्वारा पुस्तक की सराहना की गई| 
(ख) पक्षियों से बाग छोड़कर उड़ा नहीं गया|
(ग) मैंने समय की पाबंदी पर निबंध लिखा| 
(घ) हर्षिता द्वारा रोज अखबार पढ़ा जाता है| 

(4) पद-परिचय 

(क) अभिमन्यु - जातिवाचक संज्ञा, पल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक|
(ख) ताकि - समुच्चयबोधक अव्यय|  
(ग) गए - अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य|  
(घ) काला - गुणवाचक विशेषण, 'कोट' - विशेष्य, एकवचन, पुल्लिंग|

(5) रस 

(क) हास्य रस का उपयुक्त उदाहरण
(ख) रौद्र रस 
(ग) उत्साह
(घ) श्रृंगार रस

खंड - ग (पाठ्य पुस्तक एवं पूरक पाठ्य पुस्तक) 

(6) पठित गदयांश 

(क) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द

नवाब साहब ने नमक-मिर्च लगी खीरे की फाँकों को उठाया, उन्हें खाने के बजाय सूंघा और एक-एक कर खिड़की से बाहर फेंक दिया। फिर तृप्त होने का अभिनय किया जबकि अन्य लोग खीरे को खाकर उसका आनंद उठाते हैं। 

(ख) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द 

नवाब साहब खीरे की सुगंध का रसास्वादन करके तृप्त होने के अपने विचित्र ढंग के माध्यम से अपनी रईसी और नवाबी का प्रदर्शन करना चाहते थे।

(ग) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द 

नवाब साहब अपनी नवाबी की ठसक में खीरे की फाँकों को सँघकर बाहर फेंक रहे थे। अपनी खीज मिटाने के लिए उन्होंने लेखक को कहा, “खीरा स्वादिष्ट होता है, पर खाने में आमाशय पर बोझ पड़ता है, इसलिए वे खीरा नहीं खाते हैं ।" 

(7) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द 

(क) बच्चों द्वारा मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगाना यह प्रदर्शित करता है कि बच्चों के मन में देश प्रेम और देशभक्ति के बीज अंकुरित हो गए हैं| उन्हें यह ज्ञान हो गया है कि शहीदों और देशभक्तों का आदर करना चाहिए। 

(ख) बालगोबिन भगत का संगीत हर आय वर्ग के लोगों पर समान रूप से असर करता था। उनके मधुर गान को सुनकर बच्चे झूम उठते थे, मेंड़ पर खड़ी औरतों के होंठ गुनगुना उठते थे, हलवाहों के पैर ताल से उठने से लगते थे और रोपनी करने वालों की अंगुलियाँ क्रम से चलने लगती थीं।

(ग) लेखक फ़ादर बुल्के की यातना भरी मृत्यु से आहत थे। उनके मन में यह प्रश्न उभर रहा था कि दूसरों के प्रति जिसके हृदय में मात्र करुणा थी, द्वेष जिसे छू तक न गया था। ऐसे पुण्यात्मा, महात्मा पुरुष के लिए ज़हरबाद से यातना भरी मृत्यु का विधान क्यों? 

(घ) मन्नू भंडारी की माँ त्याग और धैर्य की पराकाष्ठा थी पर यह धैर्य और पराकाष्ठा इसलिए आदर्श न बन सका था क्योंकि यह स्वाभाविक और स्वैच्छिक न होकर निहायत मजबूरी और बेबसी के कारण उत्पन्न हुआ था।

(ङ) बिस्मिल्ला खाँ को भारत का सर्वोच्च सम्मान 'भारतरत्न' मिला । अनेक विश्वविद्यालयों से 'मानद उपाधियाँ' मिलीं । संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और पद्मविभूषण आदि सम्मान उन्हें मिले | वे अपनी संगीतयात्रा में अजय बने रहे । शहनाई के नायक के रूप में उनकी प्रमुख पहचान रही ।

(8) पठित काव्यांश 

(क) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द 

जब मुख्य गायक संगीत के जटिल सुरों में खो जाता है या अपने ही सरगम को लाँघकर अनहद में भटक जाता है तब संगतकार अपना स्वर देकर मुख्य गायक के भटके हुए स्वर को सँभालता है | इससे मुख्य गायक के गायन की प्रस्तुति सफ़ल हो जाती है। 

(ख) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द 

नौसिखिया मुख्य गायक को कहा गया है। जब वह बचपन में संगीत की शिक्षादीक्षा ले रहा था । 

(ग) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द 

संगतकार द्वारा मुख्य गायक के संगीत के जटिल सुरों में भटक जाने के दौरान उसे सँभालने पर उसकी भूमिका का महत्त्व सामने आता है । 

(9) अपेक्षित शब्द सीमा 30-40 शब्द 

(क) माँ की चिंता यह है कि अभी उसकी बेटी सयानी नहीं हुई है । वह जमाने के छलप्रपंच, ऊँच-नीच को समझने में असमर्थ है । उसे व्यावहारिकता का ज्ञान नहीं है । 

(ख) किसानों द्वारा किए गए परिश्रम को, हाथों की गरिमा बताया गया है | किसानों के योगदान, अथक परिश्रम की सराहना की गई है । इनके परिश्रम के कारण ही फसल अस्तित्व में आती है । 

(ग) श्री राम परशुराम के क्रोधी स्वभाव से परिचित थे और स्वयं भी विनम्रता के धनी थे । वे यह भी जानते थे कि विनम्रता से क्रोध शांत हो जाएगा | 

(घ) ज्ञान-मार्ग पर चलने वाले उद्धव ने गोपियों के आदर्श प्रेम को समझने का प्रयास नहीं किया, साथ ही वे प्रेम के उदात्त स्वरूप से परिचित नहीं थे । इस अनभिज्ञता और ज्ञान के दर्प के कारण वे गोपियों की मनोदशा समझ नहीं सके । 

(ङ) जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है । व्यक्ति वर्तमान का सामना नहीं कर पाता है । स्मृतियाँ उसके वर्तमान के दुखों को दुगुना कर देती हैं । 

(10) अपेक्षित शब्द सीमा 50-60 शब्द 

(क) गंतोक में रहने वाले लोगों ने बहुत मेहनत करके इस शहर को बहुत सुन्दर और मनोहारी बना दिया है । अपने जीवन की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी वे कठोर परिश्रम करते हैं ।

(ख) 'माता का अँचल' पाठ में लेखक ने ग्रामीण परिवार का चित्रण करते हुए वहाँ की जीवन शैली का उल्लेख किया है। जहाँ लोगों के मध्य आत्मीयता की भावना है, लोग प्रकृति के करीब हैं । इसके विपरीत शहरों में लोग एकल जीवन व्यापन करने की प्रवृत्ति की ओर उन्मुख हो रहे हैं, उनमें आत्मीयता की कमी है । 

(ग) जार्ज पंचम की लाट पर जिंदा नाक लगाने के कुकृत्य को प्रकाशित करने के बजाए समाचार पत्रों ने चुप रहना ही बेहतर समझा क्योंकि समाचार पत्र उस घटना को कैसे छापते, जिसमें देश की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान को मिट्टी में मिला दिया गया हो।

खंड - घ (लेखन) 

(11) निबंध-लेखन (शब्द सीमा 200-250 शब्द) 
• प्रस्तुति - 1
• भाषा-शुद्धता - 2
• वाक्य-विन्यास - 1 
• विषयवस्तु (संकेत बिन्दुओं के आधार पर ) - 4
• समग्र प्रभाव - 2 

(12) पत्र-लेखन (शब्द सीमा 80-100 शब्द)
• प्रारंभ और अंत की औपचारिकता - 1+1=2 
• विषयवस्तु - 2
• भाषा-शुद्धता - 1 

(13) विज्ञापन-लेखन (शब्द सीमा 25-50 शब्द)
• प्रारूप - 2 
• विषयवस्तु - 2 
• भाषा-शुद्धता -1
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