Notes of Science in Hindi for Class 10th: Ch 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण विज्ञान 

इस अध्याय में विषय
  • परिचय
  • रासायनिक अभिक्रिया
  • रासायनिक समीकरण
  • संतुलित रासायनिक समीकरण
  • रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार
  • संक्षारण
  • विकृतगंधिता

परिचय

• हमारे चारों तरफ अधिकांश पदार्थ विभिन्न परिवर्तनों से गुजरते हैं| इन परिवर्तनों में से कुछ अस्थायी होते हैं जिसमे नए पदार्थों का गठन नहीं होता है| उन्हें भौतिक परिवर्तन कहते हैं|

• कुछ अन्य परिवर्तन जिसमें अभिकर्मक या मूल पहचान को खोकर नए पदार्थ का निर्माण होता है, उत्पाद कहलाता हैं|

• ये परिवर्तन स्थायी होते हैं क्योंकि इसमें अभिकर्मक वापस नहीं मिलता|

रासायनिक अभिक्रिया

• रासायनिक अभिक्रिया वह अभिक्रिया है जिसके द्वारा दो या दो से अधिक पदार्थ एक दूसरे के अलग-अलग गुणों के साथ नए पदार्थ बनाने के लिए अभिक्रिया करते हैं|

• रासायनिक अभिक्रिया का निर्धारण निम्नलिखित परिवर्तनों से किया जाता है:

(i) अवस्था में परिवर्तन
(ii) रंग में परिवर्तन
(iii) गैस का निकास/उत्सर्जन
(iv) तापमान में परिवर्तन

रासायनिक समीकरण

• एक रासायनिक समीकरण में प्रतीकों और सूत्रों के रूप में रासायनिक अभिक्रिया को प्रतीकात्मक रूप में लिखा जाता है जिसमें अभिकारकों के बीच योग का चिन्ह लगाकर बाएँ ओर तथा उत्पादों कि दायीं ओर लिखा जाता है|

मैग्नीशियम + ऑक्सीजन → मैग्नीशियम ऑक्साइड
(अभिकारक)            (उत्पाद)

संतुलित रासायनिक समीकरण

• रासायनिक समीकरण से रासायनिक अभिक्रिया के संतुलित होने का पता चलता है| एक संतुलित रासायनिक समीकरण में किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिकारक तत्वों के परमाणुओं की संख्या के बराबर होता है|

Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2
3Fe (s) + 4H2O (g) → Fe3O4 (s) + 4H2 (g)

रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार

(i) संयोजन अभिक्रिया: ऐसी अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयोजन अभिक्रिया कहते है|

CaO(s) + H2O (l) → Ca(OH)2 (aq)

• कैल्शियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके बुझे हुए चूने (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड) का निर्माण करके अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है|

• इस अभिक्रिया में निर्मित बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवारों कि सफेदी करने के लिए किया जाता है| कैल्शियम हाइड्रोक्साइड वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करके दीवारों पर कैल्शियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है| सफेदी करने के दो तीन दिन बाद कैल्शियम कार्बोनेट का निर्माण होता है| रोचक बात यह है कि संगमरमर का रासायनिक सूत्र भी CaCO3 ही है|

Ca(OH)2 (aq) + CO2 (g) → CaCO3 (s) + H2O (l)
(कैल्शियम हाइड्रोक्साइड)       (कैल्शियम) (कार्बोनेट)

कोयले का दहन: C(s) + O2 (g) → CO2 (aq)

जल का निर्माण : H2 (g) + O2 (g) → H2O (aq)

प्राकृतिक गैस का दहन : CH4 (g) + O2 (g) → CO2 (g) + H2O (l)

(ii) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया: जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा भी उत्पन्न होती हैं उन्हें ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं|
जैसे चावल, आलू तथा ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट होता है|

• इन कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोज प्राप्त होता है| यह ग्लूकोज हमारे शारीर की कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्राप्त करता है| इस अभिक्रिया का विशेष नाम श्वसन है|
C6H12O6 (aq) + 6O2 (aq) → 6CO2 + 6H2O (l) + ऊर्जा
ग्लूकोज

(iii) ऊष्माशोषी: ऐसी अभिक्रिया जिसमें ऊष्मा का अवशोषण होता है तथा अपने आस-पास के वातावरण को ठंडा करती है|

• शाक-सब्जियों (वनस्पति द्रव्य) का विघटित होकर कंपोस्ट बनना भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया का ही उदाहरण है|

(iv) वियोजन अभिक्रिया: जिस अभिक्रिया में एकल अभिकर्मक छोटे-छोटे उत्पाद में टूटता है वियोजन अभिक्रिया कहलाता है|


सूर्य के प्रकाश में श्वेत रंग का सिल्वर क्लोराइड धूसर रंग का हो जाता है| प्रकाश की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड का सिल्वर तथा क्लोरीन में वियोजन के कारण से ऐसा होता है|

इस अभिक्रिया का उपयोग श्याम-श्वेत फोटोग्राफी में किया जाता है|

(v) विस्थापन अभिक्रिया: ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व उससे कम अभिक्रियाशील तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देते हैं विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं| लोहे की कील का कॉपर सल्फेट के विलयन के साथ अभिक्रिया|

Fe (s) + CuSO4 (aq) →  FeSO4 (g) + Cu (s)
Pb(s) + CuCl2 (aq) →  PbCl2 (aq) + Cu (s)

(vi) द्विविस्थापन अभिक्रिया: वे अभिक्रियाएँ जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रिया कहते हैं| इस अभिक्रिया में दो यौगिक अभिक्रिया करती हैं और दो अभिकारकों के सकारात्मक आयनों और नकारात्मक आयनों का स्थानांतरण होता है| फलस्वरूप दो नए उत्पादों अथवा यौगिकों का निर्माण होता है|

उपचयन-अपचयन

इस रासायनिक अभिक्रिया में दो तत्वों के बीच इलेक्ट्रोनों का अंतरण होता है| इस अभिक्रिया में एक अणु, परमाणु या आयन के ऑक्सीकरण की संख्या इलेक्ट्रान प्राप्त करने या खोने से बदलता है| इन अभिक्रियाओं को उपचयन-अपचयन अथवा रेडाक्स अभिक्रियाएँ कहते हैं|

उपचयन- यदि किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन की वृद्धि या हाइड्रोजन का ह्रास होता है|

अपचयन- पदार्थ का अपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन कि वृद्धि होती है| 

उपचयन कर्मक : ये वह पदार्थ हैं जो ऑक्सीजन देते हैं या हाइड्रोजन प्राप्त करते हैं या वे पदार्थ जो स्वयं का क्षरण कर दूसरे को ऑक्सीकृत करता है|

अपचयन कर्मक : ये पदार्थ हाइड्रोजन देते हैं या ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं तथा स्वयं को ऑक्सीकृत कर दूसरे का क्षरण करते हैं|

• ऑक्सीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें इलेक्ट्रानों का ह्रास होता है लेकिन अपचयन में इलेक्ट्रानों की प्राप्ति होती है| 

संक्षारण

जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के संपर्क में आती है तब यह संक्षारित होती है और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं| चाँदी के ऊपर काली परत व तांबे के ऊपर हरी परत चढ़ना संक्षारण के अन्य उदाहरण हैं|

विकृतगंधिता 

• वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य सामग्री जब लंबे समय तक रखा रह जाता है तो उसमें प्रयुक्त तेल और वसा उपचयित होकर विकृतगंधी हो जाते हैं|

• इसे रोकने के लिए प्रायः तेल औए वसायुक्त सामग्रियों में उपचयन रोकने वाले पदार्थ (प्रति ऑक्सिकारक) मिलाए जाते हैं| 

• साथ ही खाद्य सामग्रियों को संग्रहित करने वाले थैलियों में से ऑक्सीजन हटाकर उसमें नाइट्रोजन जैसे कम सक्रिय गैस से युक्त कर देते हैं ताकि उनका उपचयन न हो सके|

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