शब्द और पद - हिंदी व्याकरण Class 10th Course - 'B'


एक या अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र और सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। जैसे - गंगा, कमल, किताब आदि।

जब तक शब्द का प्रयोग वाक्य में नहीं किया जाता वे शब्द कहलाते हैं परन्तु जब उनका प्रयोग वाक्य में होता है तो वे पद बन जाते हैं।

• वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाते हैं।
जैसे - गंगा भारत की महत्वपूर्ण नदी है।
यहाँ गंगा एक पद है।

प्रयोग के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं -

(1) विकारी शब्द
(2) अविकारी शब्द

विकारी शब्द - वे शब्द जिनमें  रूप-परिवर्तन होता है, वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे - किताब, किताबें, किताबों।

विकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं -

(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) विशेषण
(4) क्रिया

(2) अविकारी शब्द - वे शब्द जिनमें रूप-परिवर्तन कभी नहीं होता है, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे - धीरे-धीरे, पीछे, वहाँ आदि।

अविकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं -

(1) क्रियाविशेषण
(2) समुच्चयबोधक
(3) संबंधबोधक
(4) विस्मयादिबोधक

(1) संज्ञा - किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।
जैसे - पुस्तक, राम, दिल्ली, मीठा आदि।

(2) सर्वनाम - जो शब्द संज्ञा के बदले में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।
जैसे - राम एक अच्छा लड़का है। वह पढ़ने में भी तेज है। यहाँ 'वह' शब्द का प्रयोग 'राम' शब्द के लिए किया गया है इसलिए 'वह' शब्द सर्वनाम है।

(3) विशेषण - जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। जैसे - सफेद कपड़ा। यहाँ 'सफेद' शब्द विशेषण है।

(4) क्रिया - जिस शब्द किसी कार्य के होने या करने का बोध होता है उसे क्रिया कहते हैं।
जैसे - सोना, रोना, हँसना आदि।

(5) क्रियाविशेषण - क्रिया शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे - करण धीरे खाता है। यहाँ 'धीरे' शब्द क्रिया विशेषण है चूँकि यह 'खाना' शब्द की विशेषता बतलाता है।

(6) समुच्चयबोधक - दो शब्दों को जोड़ने वाले शब्द को समुच्चयबोधक कहते हैं।
जैसे - मोहन और श्याम भाई हैं। यहाँ 'और' शब्द समुच्चयबोधक है चूँकि यह 'मोहन' और 'श्याम' शब्दों को जोड़ रहा है।

(7) संबंधबोधक - जो शब्द दो शब्दों के बीच के संबंध को बताते हैं उसे संबंधबोधक कहते हैं।
जैसे - वह राम की कलम है। इस वाक्य में 'की' शब्द संबंधबोधक है चूँकि यह 'राम' और 'कलम' शब्द के बीच संबंध स्थापित क्र रही है।

(8) विस्मयादिबोधक - जिन शब्दों से हर्ष- शोक, उल्लास, विस्मय आदि भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।
जैसे - अरे! तुम यहाँ हो।

पाठ में वापिस जाएँ
Previous Post Next Post