NCERT Solutions for Class 7th:  पाठ - 11  पाठ - 12 कंचा (कहानी) हिंदी वसंत भाग - II

- टी. पद्मनाभन

प्रश्न अभ्यास

कहानी से

1. कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है?

उत्तर

कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं तब वह उनकी ओर पूरी तरह से सम्मोहित हो जाता है। कंचों का जार का आकार आसमान के समान बहुत ऊँचा हो गया है और वह उसके भीतर अकेला है। वह चारों ओर बिखरे हुए कंचों से मजे से खेल रहा था। मास्टर जी कक्षा में पाठ "रेलगाड़ी" का पढ़ा रहे थे। उसे मास्टरजी द्वारा बनाया गया बॉयलर भी कंचे का जार ही नज़र आता है। इस चक्कर में मास्टर जी से डाँट भी खाई लेकिन उसके दिमाग में केवल कंचों का खेल चल रहा था।

2. दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फ़िर हँसतें हैं। कारण बताइए।

उत्तर

दूकानदार ड्राइवर के सामने अप्पू एक छोटा चंचल बालक है। पहले तो दुकानदार उससे परेशान होता है क्योंकि वह कंचों को केवल देख रहा है कहीं उससे जार फूट ना जाए परन्तु अप्पू ने कंचे खरीद लिए तो वह हँस पड़ा। जब अप्पू के कंचे सड़क पर बिखर जाते हैं तो तेज़ रफ़्तार से आती कार का ड्राइवर यह देखकर परेशान हो जाता है कि वह दुर्घटना की परवाह किए बिना, सड़क पर कंचे उठा रहा है परन्तु जैसे ही अप्पू उसे इशारा करके अपना कंचा दिखाता है तो वह उसके कंचे की ओर लगाव देख कर हँसने लगता है। इस तरह वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फ़िर हँसतें हैं।

3. 'मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।'
मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए।

उत्तर

शुरुआत में मास्टर जी पाठ पढ़ाने की मुद्रा में थे इसलिए वो ऊँची आवाज़ में बात कर रहे थे परन्तु जब उन्हें लगा कि सब बच्चे उनके पाठ में ध्यानमग्न हो गए तब उन्होंने पाठ समझाने की मुद्रा अपनाई और अपनी आवाज़ को धीमा कर दिया।

पृष्ठ संख्या: 98

कहानी से आगे

2. आप कहानी को क्या शीर्षक देना चाहेंगे?

उत्तर

'प्यारा कंचा' क्योंकि इस कहानी में कंचे के प्रति अप्पू के लगाव को दिखाया गया है।

भाषा की बात

1. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित मुहावरे किन भावों को प्रकट करते हैं? इन भावों से जुड़े दो-दो मुहावरे बताइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
1. माँ ने दाँतों तले उँगली दबाई
2. सारी कक्षा साँस रोके हुए उसी तरफ़ देख रही है।

उत्तर

दाँतों तले उँगली दबाई (भाव - आश्चर्य)
आश्चर्य चकित होना - उस मीनार की सुंदरता देखकर मैं आश्चर्य चकित रह गया।
हैरान होना - उसे दौड़ता देख मैं हैरान रह गया।

साँस रोके हुए (भाव - डरना)
भय से काँपना - बाघ को देखते ही वह भय से काँपने लगा।
प्राण सूख जाना - अँधेरा होने से उसके प्राण सूख गए।  

2. विशेषण कभी-कभी एक से अधिक शब्दों के भी होते हैं। नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित हिस्से क्रमशः रकम और कंचे के बारे में बताते हैं इसलिए वे विशेषण हैं।
1.पहले कभी किसी ने इतनी बड़ी रकम से कंचे नहीं खरीदे। 
2.बढ़िया सफ़ेद गोल कंचे ।
इसी प्रकार कुछ विशेषण नीचे दिए गए हैं इनका प्रयोग कर वाक्य बनाएँ -
1. ठंडी अँधेरी रात
2. खट्टी-मीठी गोलियाँ
3. ताज़ा स्वादिष्ट भोजन
4. स्वच्छ रंगीन कपड़े

उत्तर

1. आज ठंडी अँधेरी रात में मुझे दर लग रहा है।
2. हमें खट्टी-मीठी गोलियाँ अच्छीं लगती हैं।
3. आज हमें ताज़ा स्वादिष्ट भोजन खाने को मिलेगा।
4. मेरी माँ हमारे लिए स्वच्छ रंगीन कपड़े ले कर आयीं।

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