पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पार नज़र के वसंत भाग - 1

सार

यह कहानी मंगल ग्रह की है। मंगलवासी सतह के नीचे रहते थे। छोटू अपने पापा का सिक्योरिटी-पास लेकर सुरंग में चला गया। उसके पापा हर दिन उसी सुरंग से होकर अपने काम पर जाते थे। आम लोगों को उस रास्ते से जाने की मनाही थी, केवल चुनिंदा लोग ही जा सकते थे। छोटू के पापा की उस दिन छुट्टी थी इसलिए वह छिपाकर पास लेकर चल पड़ा था। छोटू ने पास को दरवाजे में बने एक खाँचे में डाला और दरवाजा खुल गया। सुरंगनुमा रास्ता ऊपर की ओर जाता था। छोटू आगे बढ़ा परन्तु निरीक्षक यन्त्रों द्वारा पकड़ा गया। निरीक्षक यंत्र ने छोटू की तस्वीर खींच ली और खतरे की सूचना सिपाहियों को दे दी।सिपाही छोटू को पकड़कर वापस उसके घर छोड़ आए। पापा ने उसे बचा लिया।

पापा ने छोटू को बताया कि वह जमीन के ऊपर काम करते हैं। आम आदमी वहाँ नहीं जा सकता क्योंकि वहाँ के माहौल में नहीं रह सकता। वह वहाँ स्पेस-सूट पहनकर जाते हैं जिससे ऑक्सीजन मिलता है और खास किस्म के जूतों तथा प्रशिक्षण के कारण ही वहाँ चल-फिर सकते हैं।

पापा ने छोटू को बताया कि पहले ऐसा नहीं था। पहले मंगल ग्रह के सभी लोग ज़मीन के ऊपर रहते थे बगैर किसी विशेष सूट की मदद के परन्तु सूरज में परिवर्तन होने के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया। सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे इसे सहन नहीं कर पाए और धीरे-धीरे समाप्त हो गए। केवल उनके पूर्वजों ने इसका सामना किया। उन्होंने तकनीकी ज्ञान के आधार पर जमीन के नीचे घर बना लिया और रहने लगे। धरती के ऊपर लगे विभिन्न यन्त्रों द्वारा वे सूरज की रोशनी और गर्मी का इस्तेमाल करते हैं। छोटू के पापा ने कहा कि वे और कुछ चुनिंदा लोग यंत्रों का ध्यान रखते हैं।

दूसरे दिन उसके पापा जब काम पर गए तो कम्प्यूटर से पता चला कि एक अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह की ओर बढ़ रहा है और उसमें से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकल रहा है। कॉलोनी प्रबंध समिति की मीटिंग बुलाई गई। अध्यक्ष ने बताया कि दो यान मंगल की ओर बढ़ रहे हैं। कालोनी की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी नंबर 1 पर थी। उसने कहा कि उसके पास यान को समाप्त करने की क्षमता है परन्तु इससे उन्हें कोई जानकारी हासिल नहीं होगा। नंबर दो जो की एक वैज्ञानिक थे, ने नंबर की बात से सहमत होते हुए कहा कि अगर हम यान को नष्ट करते हैं तो दूसरे ग्रह के लोगों को हमारे बारे में जानकारी मिल जाएगी। नंबर तीन जो सामाजिक व्यवस्था का काम देखते थे, ने कहा कि अगर दूसरे लोगों को हमारे बारे में पता चला तो हो सकता है वो अगली बार और भी सक्षम यंत्र भेजें। इतनी देर उन्हें जानकारी मिली यान जमीन पर उतर चूका है।

उस दिन पापा छोटू को कंट्रोल रूम लेकर आए थे। पापा ने छोटू को एक कंसोल दिखाया जिसपर कई बटन थे। अंतरिक्ष यान से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकला और जमीन की ओर बढ़ने लगा। सब लोग स्क्रीन पर देख रहे थे परन्तु छोटू की नज़र कंसोल के ऊपर थी। छोटू ने कंसोल पर बने लाल बटन को दबा दिया। खतरे की घंटी बजी और सब कंसोल की तरफ देखने लगे। छोटू के पापा ने उसे एक थप्पड़ मारा और लाल बटन को पहले की तरह कर दिया परन्तु तब तक लाल बटन ने अपना काम कर दिया था और यांत्रिक हाथ की गतिविधि रुक गयी थी।

उधर धरती पर नासा ने अपना बयान जारी कर कहा कि मंगल की धरती पर उतरा हुआ अंतरिक्ष यान का यांत्रिक हाथ बेकार हो गया है। ठीक करने का प्रयास जारी है। इसके कुछ दिनों बाद अखबारों में छपा - रिमोट कंट्रोल के सहारे यांत्रिक हाथों को ठीक कर दिया गया है। उसने मंगल के मिट्टी के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं। पृथ्वी की तरह मंगल पर भी जीव सृष्टि का अस्तित्व है यह आज भी एक रहस्य है।


कठिन शब्दों के अर्थ

• नजर बचाकर - काम को ऐसे करना कि दूसरों को पता ना चले
•  नजर दौड़ाना - देखना
• मौका हाथ से फिसलना - अवसर ना मिल पाना
• खैरियत - कुशलता
• लाजिमी - अनिवार्य
• उष्णता - गर्मी
• अक्षम - असमर्थ 
• मंशा - इच्छा
• अडिग - एक स्थान पर स्थित
• सौरमंडल - सूर्य और उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रह 
• अवलोकन करना - देखना
• प्रबंध समिति - प्रबंध करने वाली सभा / कार्यकारिणी
• एडमिंस्ट्रेशन - प्रशासन
• वक्तव्य - भाषण
• बरबस - अचानक / साहस
• यांत्रिक हाथ - यंत्रों की सहायता से कार्य करने वाला हाथ
• उत्सुक - तत्पर
• नासा - नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (एक अमेरिकी संस्था जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है)


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