Extra Questions and Answer from Chapter 14 Girgit Sparsh Bhaag II 

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -

1. "हुज़ूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दीख रहा है," सिपाही ने कहा।
ओचुमेलॉव मुड़ा और भीड़ की तरफ चल दिया। उसने काठगोदाम के पास बटन विहीन बास्केट धारण किये हुए उस आदमी को देखा, जो अपना दायाँ हाथ उठाये वहाँ मौजूद था तथा उपस्थित लोगों को अपना लुहलुहान ऊँगली दिखा रहा था। उसके नशीले-से हो आये चेहरे पर साफ लिखा था दिख रहा था - "शैतान की औलाद! मैं तुझे छोड़ने वाला नहीं! और उसकी ऊँगली भी जीत के झंडे की तरह गड़ी दिखाई दे रही थी। ओचुमेलॉव ने इस व्यक्ति को पहचान लिया। वह ख्यूक्रिन नामक सुनार था और इस भीड़  बीचोंबीच, अपनी अगली टाँगे पसारे, नुकीले मुँह और पीठ पर फैले पीले दागवाला, अपराधी-सा नज़र आता, सफ़ेद बारजोई पिल्ला, ऊपर से नीचे तक काँपता पसरा पड़ा था। उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट आतंक की गहरी छाप थी।

(क) व्यक्ति की ऊँगली लहूलुहान कैसे हो गयी थी?  (1)
(ख) घायल व्यक्ति के चेहरे पर कैसे भाव थे?           (2)
(ग) कुत्ते की स्थिति कैसी थी?                                 (2)

उत्तर

(क) कुत्ते द्वारा काटे जाने से व्यक्ति की ऊँगली लहूलुहान हो गयी थी।
(ख) घायल व्यक्ति के चेहरे पर कुत्ते के प्रति क्रोध के भाव थे। उसके चेहरे से लग रहा था कि वह उस कुत्ते को छोड़ने वाला नहीं है।
(ग) कुत्ता ऊपर से नीचे तक काँपता पसरा पड़ा था। उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।

2. "हुज़ूर! मैं तो चुपचाप चला जा रहा था, "मुँह पर हाथ रखकर खाँसते हुए ख्यूक्रिन ने कहा -"मुझे मित्री मित्रिच से लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाना था, तब अचानक इस कमबख्त ने अकारण मेरी ऊँगली काट खाई। माफ़ करें। आप तो जानते हैं मैं ठहरा कामकाजी आदमी... मेरा काम भी एकदम पेचीदा किस्म का है। मुझे लग रहा है एक हफ्ते तक मेरी यह ऊँगली अब काम करने लायक नहीं हो पाएगी। तो हुज़ूर! मेरी गुज़ारिश है कि इसके मालिकों से मुझे हरज़ाना तो दिलवाया जाए। यह तो किसी कानून में नहीं लिखा है हुज़ूर, कि आदमखोर जानवर हमें काट खाएँ और हम उन्हें बरदाश्त करते रहे। अगर हर कोई इसी तरह काट खाना शुरू कर दे तो हमारी ज़िंदगी तो नर्क हो जाए....

(क) उपर्युक्त कथन किसके हैं?                                                  (1)
(क) ख्यूक्रिन क्या काम करता था? उसकी ऊँगली कैसे कट गई?  (2)
(ख) ख्यूक्रिन की क्या गुज़ारिश थी और क्यों?                            (2)

उत्तर

(क) उपर्युक्त कथन ख्यूक्रिन नामक व्यक्ति के हैं।
(ख) ख्यूक्रिन सुनार का काम करता था। कुत्ते द्वारा अकारण काटे जाने की वजह से उसकी ऊँगली कट गई।
(ग) ख्यूक्रिन की गुज़ारिश थी कि उसे कुत्ते के मालिक से मुआवज़ा मिलना चाहिए क्योंकि उसका काम पेचीदा है और ऊँगली काट जाने के कारण वह कई दिनों तक काम नहीं कर पाएगा।

3."मेरे ख्याल से यह जनरल झिगालॉव का है।" भीड़ में से एक आवाज़ उभरकर आई।
"जनरल झिगालॉव! हूँ येल्दीरीन मेरी कोट उतरवाने में मेरी मदद करो.... ओफ़्फ़ आज कितनी गरमी है। लग रहा है बारिश होकर रहेगी," वह ख्यूक्रिन की तरफ मुड़ा- "एक बात मेरी समझ में नहीं आती- आखिर इसने तुम्हें कैसे काट खाया? यह तुम्हारी ऊँगली तक पहुंचा कैसे? तू इतना लम्बा-तगड़ा आदमी और यह रत्ती भर का जानवर! जरूर ही तेरी ऊँगली पर कोई कील वगैरह गड़ गई होगी और तत्काल तूने सोचा होगा कि इसे कुत्ते के मत्थे मढ़कर कुछ हरज़ाना वगैरह ऐंठकर फायदा उठा लिया जाए। मैं तेरे जैसे शैतान लोगों को अच्छी तरह समझता हूँ।"

(क) किसे अचानक गर्मी लगने लगी?                                                                                  (1)
(ख) ख्यूक्रिन को कुत्ते ने नहीं काटा - इसे सिद्ध करने के लिए ओचुमेलॉव ने क्या तर्क दिए?   (2)
(ग) ओचुमेलॉव के अनुसार ख्यूक्रिन ने ऊँगली कट जाने का दोष कुत्ते के मत्थे क्यों मढ़ा?       (2)

उत्तर

(क) ओचुमेलॉव को अचानक गर्मी लगने लगी।
(ख) इसे सिद्ध करने के लिए ओचुमेलॉव ने ख्यूक्रिन से कहा कि तुम इतने लम्बे-तगड़े आदमी हो। यह छोटा जानवर तुम्हारी ऊँगली तक कैसे पहुँच सकता है।
(ग) ओचुमेलॉव के अनुसार ख्यूक्रिन ने ऊँगली कट जाने का दोष कुत्ते के मत्थे इसलिए मढ़ा क्योंकि वह कुत्ते के मालिक से हरजाना लेकर अपना फ़ायदा उठाना चाहता था।

4. "उधर देखो, जनरल साहब का बावर्ची आ रहा है। जरा उससे पता लगते हैं.... ओ प्रोखोर! इधर आना भाई। इस कुत्ते को तो पहचानो... क्या यह तुम्हारे यहाँ का है?"
"एक बार फिर से तो कहो! इस तरह का पिल्ला तो हमने कई जिंदगियों में नहीं देखा होगा।"
"अब अधिक जाँचने की जरूरत नहीं है," ओचुमेलॉव ने कहा- "यह आवारा कुत्ता है। इसके बारे में इधर खड़े होकर चर्चा करने की जरूरत नहीं है। मैं तुमसे पहले ही कह चुका हूँ कि यह आवारा है , तो है। इसे मार डालो और सारा किस्सा ख़त्म।"
"यह हमारा नहीं है," प्रोखोर ने आगे कहा- "यह तो जनरल साहब के भाई का है, जो थोड़ी देर पहले इधर पधारे हैं। अपने जनरल साहब को 'बारजोयस' नस्ल के कुत्तों में कोई दिलचस्पी नहीं है पर उनके भाई को यही नस्ल पसंद है।"

(क) ओचुमेलॉव ने किसे पुकारा?                               (1)
(ख) उसने कुत्ते की बारे में क्या बताया?                      (2)
(ग) ओचुमेलॉव ने कुत्ते को मार डालने को क्यों कहा?   (2)

उत्तर

(क) ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के बावर्ची प्रोखोर को पुकारा।
(ख) उसने बताया कि कुत्ता जनरल साहब का नहीं है। शायद कुत्ता जनरल साहब के भाई का है चूँकि उन्हें ही 'बारजोयस' नस्ल के कुत्ते पसंद हैं।

(ग) जब प्रोखोर ने बताया की कुत्ता जनरल साहब का नहीं है तब ओचुमेलॉव ने कुत्ते को आवारा बताते हुए मार डालने को कहा।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये-

1. ख्यूक्रिन की बात पहली बार सुनने पर ओचुमेलॉव ने क्या कहा?

उत्तर

ख्यूक्रिन की बात पहली बार सुनने पर ओचुमेलॉव ने त्योरियाँ चढ़ाते हुए कहा कि वह कुत्ते के मालिक को छोड़ने नहीं वाला है। इस तरह कुत्ते को आवारा छोड़ कर कानून तोड़ने वाले मालिक को वह मजा चखाकर रहेगा। उस बदमाश आदमी को वह इतना जुर्माना ठोकेगा कि उसे पता चल जाए की जानवरों को आवारा छोड़ने का नतीजा क्या होता है।

3. येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी बताने के लिए क्या-क्या तर्क दिए?

उत्तर

येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी बताने के लिए कहा कि इसने ही अपनी जलती सिगरेट से इस कुत्ते की नाक यूँ ही जला डाली होगी वरना यह कुत्ता बेवकूफ है क्या जो इसे काट खाता। उसने ख्यूक्रिन को शैतान बताते हुए कहा कि वह हमेशा कोई ना कोई शरारत करता रहता है।

4. ओचुमेलॉव के अनुसार काटने वाला कुत्ता जनरल साहब का क्यों नहीं हो सकता था?

उत्तर

ओचुमेलॉव के अनुसार जनरल साहब के सभी कुत्ते महँगे और अच्छी नस्ल के हैं और काटने वाला कुत्ता मरियल-सा है इसलिए वह जनरल साहब का नहीं हो सकता था।

5. ख्यूक्रिन के अनुसार कानून किस बात की इजाजत नहीं देता?

उत्तर

ख्यूक्रिन के अनुसार कानून इस बात की इजाजत नहीं देता कि आदमखोर जानवर हमें काट खाएँ और हम उन्हें बरदाश्त करते रहें।

6. प्रोखोर ने कुत्ते के विषय में क्या बताया और ओचुमेलॉव पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर

प्रोखोर ने कुत्ते के विषय में बताया कि वह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है। इससे ओचेमेलॉव का व्यवहार पूरी तरह बदल गया। वह उस मरियल कुत्ते को प्यारा और मासूम डॉगी बताने लगा। उसने ख्यूक्रिन को भी धमकाया।

7. पाठ में गिरगिट के स्वभाव का कौन सा पात्र है और क्यों?

उत्तर

पाठ में गिरगिट के स्वभाव का इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव है क्योंकि वह समय-समय पर खुद अपनी कही बातों से ही पलट जाता है।

8. 'गिरगिट' पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

'गिरगिट' पाठ में मूल रूप से शासन में फैले चापलूसी और भाई-भतीजावाद को दिखाया गया है। पुलिस लोगों की सुरक्षा छोड़कर अपने स्वार्थ के लिए अधिकारियों की चापलूसी करने में लगी है। ऐसे में आम आदमी न्याय से वंचित है।

9. पाठ का शीर्षक 'गिरगिट' की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

गिरगिट अपना रंग क्षण-क्षण बदलने के लिए मशहूर है। उसी तरह इस पाठ में भी इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपनी बात, विचार और व्यवहार को पल-पल बदलते रहता है। जब वह मरियल कुत्ते को देखता है तब वह उसके मालिक को मजा चखाने की बात करता है परन्तु जब उसे पता लगता है कि कुत्ता जनरल साहब का है तब वह ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराने लगता है। फिर बाद में जब उसे लगता है कि कुत्ता जनरल साहब का नहीं है तब फिर वह मजा चखाने की बात करता है। अंत में जब ओचुमेलॉव को मालूम होता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है तो वह मरियल कुत्ते को अति सुंदर 'डॉगी' बताता है। इस तरह 'गिरगिट' शीर्षक इस पाठ के लिए उपयुक्त और सार्थक है।

गिरगिट - पठन सामग्री और सार

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 14- गिरगिट
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