NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 17- संस्कृति क्षितिज भाग-2 हिंदी 

भदंत आनंद कौसल्यायन

पृष्ठ संख्या: 130

प्रश्न अभ्यास 

1. लेखक की दृष्टि में 'सभ्यता' और 'संस्कृति' की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?

उत्तर

लेखक की दृष्टि में सभ्यता और संस्कृति शब्दों का प्रयोग बहुत ही मनमाने ढ़ंग से होता है। इनके साथ अनेक विशेषण लग जाते हैं; जैसे - भौतिक-सभ्यता और आध्यात्मिक-सभ्यता इन विशेषणों के कारण शब्दों का अर्थ बदलता रहता है। और इन विशेषणों के कारण इन शब्दों की समझ और गड़बड़ा जाती है। इसी कारण लेखक इस विषय पर अपनी कोई स्थायी सोच नहीं बना पा रहे हैं।

2. आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है ? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे ?

उत्तर

आग का आविष्कार अपने-आप में एक बहुत बड़ा अविष्कार है क्योंकि उस समय मनुष्य में बुद्धि शक्ति का अधिक विकास नहीं हुआ था। समय की दृष्टि से यह बहुत बड़ी खोज थी।
सम्भवत: आग की खोज का मुख्य कारण रौशनी की ज़रुरत तथा पेट की ज्वाला रही होगी। अंधेरे में जब मनुष्य कुछ नहीं देख पा रहा था तब उसे रौशनी की ज़रुरत महसूस हुई होगी, कच्चा माँस का स्वाद अच्छा न लगने के कारण उसे पका कर खाने की इच्छा से आग का आविष्कार हुआ होगा।

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3. वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' किसे कहा जा सकता है?

उत्तर

वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' उसे कहा जा सकता है जिसमें अपनी बुद्धि तथा योग्यता के बल पर कुछ नया करने की क्षमता हो। जिस व्यक्ति में ऐसी बुद्धि तथा योग्यता जितनी अधिक मात्रा में होगी वह व्यक्ति उतना ही अधिक संस्कृत होगा। जैसे-न्यूटन, न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था। आज भौतिक विज्ञान के विद्यार्थियों को इस विषय पर न्यूटन से अधिक सभ्य कह सकते हैं, परन्तु संस्कृत नहीं कह सकते।

 4. न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन से तर्क दिए गए हैं ? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतो एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भीन्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों ?

उत्तर

न्यूटन ने अपनी बुद्धि -शक्ति से गुरत्वाकर्षण के रहस्य की खोज की इसलिए उसे संस्कृत मानव कह सकते हैं। आज मनुष्य के पास भले ही इस विषय पर अधिक जानकारी होगी पर उसमें वो बुद्धि शक्ति नहीं है जो न्यूटन के पास थी वह केवल न्यूटन द्वारा दी गई जानकारी को बढ़ा रहा है। इसलिए वह न्यूटन से अधिक सभ्य है, संस्कृत नहीं।

5. किन महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा?

उत्तर

सुई-धागे का आविष्कार शरीर को ढ़कने तथा सर्दियों में ठंड से बचने के उद्देश्य से हुआ होगा आवश्यकतानुसार शरीर को सजाने की जरूरत महसूस हुई होगी इसलिए कपड़े के दो टुकडों को एक करके जोड़ने के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा।

6. मानव संस्कृत एक अविभाज्य वस्तु है। किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब -
(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गई।

उत्तर

1. वर्ण व्यवस्था के नाम पर मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की जाती हैं।
2. धर्म के नाम पर भी मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की जाती हैं जिसका परिणाम हम हिंदुस्तान तथा पाकिस्तान नामक दो देश के रूप में देखते हैं।

(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।

उत्तर

1. संसार के मज़दुरों को सुखी देखने के लिए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया।
2. सिद्धार्थ ने अपना घर केवल मानव कल्याण के लिए छोड़ दिया।

7. आशय स्पष्ट कीजिए -

(क) मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति?

उत्तर

मानव हमेशा से ही अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित रहा है इसलिए उसने मानवहित और आत्महित की दृष्टि से अनेकों आविष्कार किए हैं। यह आविष्कार जब मानव कल्याण की भावना से जुड़ जाता है, तो हम उसे संस्कृति कहते हैं। जब मानव की आविष्कार करने की योग्यता, भावना, प्रेरणा और प्रवृत्ति का उपयोग विनाश करने के लिए किया जाता है तब यह असंस्कृति बन जाती है। ऐसी भावनाओं को हम संस्कृति कदापि नहीं कह सकते।
रचना और अभिव्यक्ति

8. लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या सोचते हैं, लिखिए।

उत्तर

जैसा कि लेखक ने कहा है कि आज सभ्यता और संस्कृति का प्रयोग अनेक अर्थों में किया जाता है। मनुष्य के रहन-सहन का तरीका सभ्यता के अंतर्गत आता है। संस्कृति जीवन का चिंतन और कलात्मक सृजन है, जो जीवन को समृद्ध बनाती है। सभ्यता को संस्कृति का विकसित रुप भी कह सकते हैं।

भाषा अध्यन

9. निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए -
गलत-सलत
आत्म-विनाश
महामानव
पददलित
हिन्दू-मुसलिम
यथोचित
सप्तर्षि
सुलोचना
उत्तर

1. गलत-सलत - गलत और सलत (द्वंद समास)
2. महामानव - महान है जो मानव (कर्म धारय समास)
3. हिंदू-मुसलिम - हिंदू और मुसलिम (द्वंद समास)
4. सप्तर्षि - सात ऋषियों का समूह (द्विगु समास)
5. आत्म-विनाश - आत्मा का विनाश (तत्पुरुष समास)
6. पददलित - पद से दलित (तत्पुरुष समास)
7. यथोचित - जो उचित हो (अव्ययीभाव समास)
8. सुलोचना - सुंदर लोचन है जिसके (कर्मधारय समास)

संस्कृति - पठन सामग्री और सार

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