NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 10th: Ch 12 विद्युत विज्ञान 

प्रश्न 

पृष्ठ 222

प्रश्न 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?

उत्तर

किसी विद्युत धारा के सतत् तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।

प्रश्न 2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।

उत्तर

विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर है। 1 ऐम्पियर विद्युत धारा की प्रवाहित मात्रा है, जो 1 कूलॉम आवेश के किसी चालक से 1 सेकंड में प्रवाहित होती है।
1 ऐम्पियर =1 कूलॉम/1सेकंड

प्रश्न 3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।

उत्तर

ज्ञात है, 1.6×10-19 कूलॉम आवेश = 1 इलेक्ट्रॉन
अतः
1 कूलॉम आवेश = 1/1.6×10-19 इलेक्ट्रॉन
= 6. 25×1018 इलेक्ट्रॉन

पृष्ठ 224

प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए, जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।

उत्तर

सेल अथवा बैटरी।

प्रश्न 2. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1 वोल्ट है?

उत्तर

1 वोल्ट विभावांतर का अर्थ है कि एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक 1 कूलॉम आवेश को ले जाने में 1 जूल कार्य किया जाता है।

प्रश्न 3. 6 वोल्ट बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?

उत्तर

विभवांतर, V= 6 वोल्ट; आवेश Q = 1 कूलॉम ऊर्जा अथवा कार्य W = VQ= 6×1 = 6 जूल; अतः V= 6 वोल्ट बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को 6 जूल ऊर्जा दी जाती है।

पृष्ठ 232

प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?

उत्तर

किसी चालक का प्रतिरोध (R) निम्न कारकों पर निर्भर करता है।
(i) चालक की लम्बाई (l)
(ii) अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल (A)
(iii) चालक के पदार्थ की प्रकृति
R∝ l/A or,
R = ρ l/A

[जहाँ ρ चालक के पदार्थ की प्रतिरोधकता (नियतांक) है।)

प्रश्न 2. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो, तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी, जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है, क्यों?

उत्तर

किसी तार का प्रतिरोध (R) उसके अनुप्रस्थ-काट के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है। जो तार मोटा है, उसका अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल A अधिक है, अतः प्रतिरोध कम है। यही कारण है कि मोटे तार में से विद्युत धारा अधिक सरलता से प्रवाहित होगी।

प्रश्न 3. मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटा कर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?

उत्तर

प्रथम दशा में, यदि दिए गए विद्युत अवयव का प्रतिरोध = R ओम तथा उसके दो सिरों के बीच विभवांतर = V वोल्ट है।
तब विद्युत धारा = ऐम्पियर होगी। दूसरी दशा में,
अर्थात् विभवांतर आधा करने पर विद्युत धारा भी पहले की अपेक्षा आधी हो जाएगी।

प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बना कर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाए जाते हैं? 

उत्तर

मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता अपनी अवयवी धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। | इसीलिए मिश्रधातुओं का उच्च ताप पर उपचयन (दहन) नहीं होता। अतः इनका उपयोग विद्युत टोस्टरों, इस्तरियों आदि के तापन अवयव के अवयव बनाने हेतु किया जाता है।

प्रश्न 5. निम्न प्रश्नों के हल सारणी में दिए हुए आँकड़ों के आधार पर कीजिए।
(a) आयरन (Fe) तथा मरकरी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है? 

उत्तर

(a) आयरन (Fe) की विद्युत प्रतिरोधकता = 10.0×10-18 ओम-मी
मर्करी (Hg) की विद्युत प्रतिरोधकता = 94.0×10-8 ओम-मी 
आयरन मर्करी की अपेक्षा अच्छा विद्युत चालक है क्योंकि इसकी प्रतिरोधकता अपेक्षाकृत कम है। 

(b) सिल्वर (प्रतिरोधकता = 1.60×10-8ओम-मी) सर्वश्रेष्ठ चालक है, क्योंकि इसकी प्रतिरोधकता सबसे कम है।

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प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए, जिसमें 2 वोल्ट के तीन सेलों की बैटरी, जो 52 प्रतिरोध, 8 ओम प्रतिरोध व ओम 12 ओम प्रतिरोध तथा एक प्लग कुँजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों। 

उत्तर


प्रश्न 2. प्रश्न 1 का परिपथ आरेख दोबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए अमीटर तथा 12 ओम के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। अमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?

उत्तर

(a)


(b) परिपथ का तुल्य प्रतिरोध,
Rs = R1 + R2 + R3
= 5 + 8+ 12
= 25 ओम श्रेणीक्रम संयोजन में विद्युत धारा समान रहती है।
विद्युत धारा, I = V/ Rs = 6वोल्ट/25ओम = 0.24 ऐम्पियर 
अतः अमीटर का पाठ्यांक = 0.24 ऐम्पियर

(c) 12 ओम प्रतिरोधक के सिरों के बीच वोल्टमीटर लगाया गया है, अत: वोल्टमीटर का पाठ्यांक,
V = I×Rविद्युत विभवांतर
V = 0.24x12 = 2.88 वोल्ट

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प्रश्न 1. जब (a) 1 ओम तथा 106 ओम (b) 1 ओम, 103 ओम तथा 106 ओम के प्रतिरोध समांतर क्रम में संयोजित किए जाते हैं, तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे? 

उत्तर

जब विभिन्न प्रतिरोधों को समांतर क्रम में संयोजित किया जाता है, तब तुल्य प्रतिरोध सबसे कम प्रतिरोध से भी कम होता है, अतः
(a) तुल्य प्रतिरोध <1 ओम
(b) तुल्य प्रतिरोध >1 ओम

प्रश्न 2. 100 ओम का एक विद्युत लैम्प, 50 ओम का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 ओम का एक जल फिल्टर 220 वोल्ट के विद्युत स्रोत से समांतर क्रम में संयोजित है। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या हैं जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें, तो वह भी उतनी ही विद्युत धारा लेती हैं जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है? 

उत्तर 

विद्युत लैम्प का प्रतिरोध R1 = 100 ओम
विद्युत टोस्टर का प्रतिरोध R2 = 50 ओम 
जल फिल्टर का प्रतिरोध R3 = 500 
ओम समान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध = Rp

विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध = Rp = 31.25 ओम होना चाहिए, यदि वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। 
परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा, । = V/R = 220/31.25 = 7.04 ऐम्पियर
अतः विद्युत इस्तरी से प्रवाहित विद्युत धारा = 7.04 ऐम्पियर 

प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को समांतर क्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं? 

उत्तर

वैद्युत युक्तियों को समांतर क्रम में संयोजित करने के निम्न लाभ हैं।

(i) समांतर क्रम में प्रत्येक युक्ति में पूर्ण विद्युत विभव प्राप्त होता है, जबकि धारा विभक्त हो जाती है। प्रत्येक युक्ति में धारा उसके प्रतिरोध के अनुसार जाती है। 

(ii) यदि एक युक्ति को ऑन/ऑफ करते हैं, तो अन्य युक्तियाँ अपना कार्य सुचारू रूप से करती रहती हैं।

प्रश्न 4. 2 ओम, 3 ओम तथा 6 ओम के तीन प्रतिरोधों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध 
(a) 4 ओम 
(b) 1 ओम हो? 

उत्तर

(a) 3 ओम तथा 6 ओम के प्रतिरोधों को समांतर क्रम में संयोजित कर उनके साथ
2 ओम प्रतिरोध को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध 4 ओम प्राप्त होता है।
यदि R1 = 2 ओम, R2 = 3 ओम, R3 = 6 ओम, तब समांतर 
क्रम में R2 व R3 को जोड़ने पर
अब R, को इस संयोजन के श्रेणीक्रम में जोड़ने पर
R = R, + R =2 ओम + 2ओम = 4 ओम
(b) तुल्य प्रतिरोध का मान सबसे कम होना सम्भव है, जबकि सभी प्रतिरोधों को समांतर में संयोजित किया जाए।


प्रश्न 5. 4 ओम, 8 ओम, 12 ओम तथा 24 ओम प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके? 

उत्तर 

(a) अधिकतम तुल्य प्रतिरोध (Rs) प्राप्त करने हेतु सभी प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
Rs = R1 + R2 + R3 + R4 = 4 + 8 + 12 + 24 = 48 ओम

(b) न्यूनतम तुल्य प्रतिरोध (Rp) प्राप्त करने हेतु सभी प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ा जाता है।

पृष्ठ 242

प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती, जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है? 

उत्तर 

तापन अवयव तथा डोरी दोनों में ही समान विद्युत धारा प्रवाहित होती है, मगर डोरी का बाह्य भाग एक कुचालक पदार्थ से बना होता है, जिसकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है तथा इसी कारण प्रतिरोध भी। हीटर का तापन अवयव सुचालक धातु (मिश्रधातु) से निर्मित अर्थात् कम प्रतिरोधकता (तथा प्रतिरोध) वाला होता है। इसलिए यह उत्तप्त हो जाता है मगर डोरी उत्तप्त नहीं होती।

प्रश्न 2. एक घंटे में 50 वोल्ट विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानान्तरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए। 

उत्तर 

ज्ञात है V = 50 वोल्ट, t = 1 घंटा, Q = 96000 कूलॉम
H = VIt (परन्तु I =Q/t)
अतः
H = V×Q = 50×96000 = 4800000 जूल = 4800 किलोजूल

प्रश्न 3. 20 ओम प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 ऐम्पियर विद्युत धारा लेती है। 30 सेकंड में उत्पन्न ऊष्मा को परिकलित कीजिए।

उत्तर

R = 20 ओम, I = 5 ऐम्पियर; t = 30 सेकंड

उत्पन्न ऊष्मा (H) = I2Rt = 5×5×20×30 = 15000 जूल = 15 किलोजूल

पृष्ठ 245

प्रश्न 1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?

उत्तर

विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर को विद्युत शक्ति (P) भी कहते हैं।
विद्युत शक्ति, P = I2R = VI =  V2/R = H/t

जहाँ I विद्युत धारा, R प्रतिरोध, V विभवांतर, H ऊष्मा तथा t समय है।

प्रश्न 2. कोई विद्युत मोटर 220 वोल्ट के विद्युत स्रोत से 5.0 ऐम्पियर विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपमुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।

उत्तर

ज्ञात है V = 220 वोल्ट,  I = 5.0 ऐम्पियर
t = 2 घंटे = 2×60×60 = 7200 सेकंड 

(i) मोटर की शक्ति P = V×I
= 220×5.0 = 1100.0
= 1100 वाट = 1.1 किलोवाट

(ii) मोटर द्वारा उपमुक्त ऊर्जा, H = P×t
= 1100×7200 
= 7920000 जूल
= 7.92×106 जूल
= 7.9×103 किलोजूल
अथवा
उपमुक्त ऊर्जा, H = P×t 
= 1.1 किलोवाट × 2 घंटा
= 22 किलोवाट-घंटा 

अभ्यास

प्रश्न 1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर समांतरक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R' है, तो R/R' अनुपात का मान क्या है?
(a) 1/25 
(b) 1/5 
(c) 5 
(d) 25 

उत्तर 

(d) 25
तार का प्रतिरोध = R; तार के प्रत्येक भाग का प्रतिरोध = R/5 समांतर क्रम में संयोजित करने पर तुल्य प्रतिरोध = Rp

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं। करता? 
(a) I2R
(b) IR2
(c) VI
(d) V2/R 

उत्तर 

(b) IR2
P = VI (c) [ओम के नियम से V/I = R या V = IR या I = V/R]
= I2R (a)
= V2/R (d)

प्रश्न 3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 वोल्ट 100 वाट है। जब इसे 110 वोल्ट पर प्रचालित करते हैं, तब इसके द्वारा उपमुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100 वाट
(b) 75 वाट
(c) 50 वाट
(d) 25 वाट

उत्तर

(d) 25 वाट

प्रश्न 3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 वोल्ट 100 वाट है। जब इसे 110 वोल्ट पर प्रचालित करते हैं, तब इसके द्वारा उपमुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100 वाट
(b) 75 वाट 
(c) 50 वाट 
(d) 25 वाट 

उत्तर

(d) 25 वाट

प्रश्न 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं, किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर समांतर क्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा समांतर क्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1 : 2
(b) 2:1 
(c) 1: 4
(d) 4: 1

उत्तर 

(c) 1:4
श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध Rs = R + R = 2R

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